20 Years of Gadar: ऐसे बना था फिल्म में हैंडपंप उखाड़ने का सीन, बड़े पर्दे पर सनी देओल ने मचाया था 'गदर'

गदर-एक प्रेम कथा को रिलीज हुए 20 हो चुके हैं लेकिन इस फिल्म में सनी देओल द्वारा हैंडपंप उखाड़ने वाला सीन आज भी बहुत से दर्शकों के बीच चर्चा को विषय रहा है। ऐसे में फिल्म के निर्देशक अनिल शर्मा ने उस सीन को लेकर खास खुलासा किया है।

By Anand KashyapEdited By: Publish:Tue, 15 Jun 2021 09:43 AM (IST) Updated:Tue, 15 Jun 2021 09:43 AM (IST)
20 Years of Gadar: ऐसे बना था फिल्म में हैंडपंप उखाड़ने का सीन, बड़े पर्दे पर सनी देओल ने मचाया था 'गदर'
बॉलीवुड फिल्म फिल्म गदर-एक प्रेम कथा, Instagram: anilsharma_dir

नई दिल्ली, जेएनएन। फिल्म गदर-एक प्रेम कथा, यह बॉलीवुड की ऐसी फिल्म रही है जिसकी वर्षों तक चर्चा हुई है। फिल्म के डायलॉग्स से लेकर सीन तक, आज भी बहुत से दर्शकों के दिलों पर छाए हुए हैं। फिल्म गदर-एक प्रेम कथा में बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता सनी देओल के साथ अमीषा पटेल और अमरीश पुरी सहित कई दिग्गज कलाकार मुख्य भूमिका में थे।

गदर-एक प्रेम कथा को रिलीज हुए 20 हो चुके हैं, लेकिन इस फिल्म में सनी देओल द्वारा हैंडपंप उखाड़ने वाला सीन आज भी बहुत से दर्शकों के बीच चर्चा को विषय रहा है। ऐसे में फिल्म के निर्देशक अनिल शर्मा ने उस सीन को लेकर खास खुलासा किया है। अनिल शर्मा ने गदर-एक प्रेम कथा के अलावा बॉलीवुड की और भी कई शानदार फिल्मों का निर्देशन किया है। वहीं गदर-एक प्रेम कथा के 20 साल पूरे होने पर उन्होंने अंग्रेजी वेबसाइट हिदुंस्तान टाइम्स से बातचीत की और हैंडपंप वाले सीन के बारे में भी बताया।

अनिल शर्मा ने कहा, 'जब मैं सीन लिख रहा था तो मुझे लगा कि अमरीश पुरी (उनका किरदार, अशरफ अली) के ऊपर पूरी बिल्डिंग गिर दी जाए। लेकिन यह वास्तविक नहीं लगता। इसलिए, मैंने सीन में हैंडपंप लगाने का फैसला किया। यह सिर्फ हैंडपंप को उखाड़ने के बारे में नहीं था, यह भावनाओं का विस्फोट था। यह प्रतीकात्मक था। जब लोगों ने मुझसे पूछा कि यह कैसे संभव हो सकता है, तो मैंने उनसे कहा, 'लक्ष्मण को जब रामायण में संजीवनी (जड़ी बूटी) की जरूरत थी, तो हनुमान ने पूरे पहाड़ को उठा लिया। तारा सिंह हनुमान नहीं हो सकता हैं लेकिन वह एक हैंडपंप को उखाड़ सकता है।'

 

 

 

 

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अनिल शर्मा ने आगे कहा, 'हम हनुमान के कार्यों में विश्वास करते हैं क्योंकि हम भावनात्मक रूप से शामिल हैं। यह सीन एक रचनात्मक स्वतंत्रता थी जिसे हमने लिया था, और थिएटर में बैठे प्रत्येक व्यक्ति गदर एक प्रेम देख रहे थे। कहानी भावनाओं से जुड़ी और सीक्वेंस के लिए ताली बजाईं। कई बुद्धिजीवी इसे नहीं समझते क्योंकि वह अकेले तर्क पर काम करने में विश्वास करते हैं। बहुत से लोग उस सीन से सहमत नहीं थे जब इसे लिखा गया था। अधिकांश बुद्धिजीवियों ने महसूस किया कि यह बहुत दूर की कौड़ी है। मैं यह नहीं कहता कि बुद्धिजीवी लोग भावुक नहीं होते, वह होते हैं। लेकिन वह तर्क में विश्वास करते हैं, वह मानते हैं कि दो और दो चार बनाते हैं। लेकिन भावनाओं के लिए, दो और दो पांच या दस भी बना सकते हैं। भावनाओं की कोई परिभाषा नहीं होती और वह सीन भावनात्मक विस्फोट के बारे में था।'

अनिल शर्मा ने यह भी कहा कि फिल्म के लिए भारत-पाकिस्तान की भावना एक महत्वपूर्ण हिस्सा थी, लेकिन गदर एक प्रेम कथा को हिट यह करनी की वह एकमात्र वजह नहीं थी। उन्होंने कहा, 'गदर की कहानी एक जोड़े की कहानी है। यह रामायण की कहानी है। एक बच्चा चाहता है कि उसके पिता उसकी मां को वापस लाए। गदर भारत-पाकिस्तान के एंगल के कारण हिट नहीं थी, यह भावनाओं में शामिल होने के वजह हिट थी। यह एक प्रेम कहानी थी। एक पति और पत्नी, एक बेटे और उसकी मां, उसके पिता के बीच एक प्रेम कहानी। अशरफ अली (अमरीश पुरी) और सकीना (अमीषा पटेल) के बीच एक प्रेम कहानी। जिस तरह से शक्तिमान (फिल्म के लेखक) ने फिल्म लिखी थी , फिल्म को एक बड़ी हिट बनाने के लिए सभी ने जोड़ा।' आपको बता दें कि गदर-एक प्रेम कथा 15 जून साल 2001 को सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी। 

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