Assembly Election 2021: खुद कर्जदार, वोटरों को हेलीकाप्टर, 1 करोड़ रुपये और चांद की सैर का वादा

तमिलनाडु में मदुरै दक्षिण सीट पर एक प्रत्याशी ने मुफ्त रेवड़ी बांटने के फार्मूले को नया आयाम दे दिया है। मदुरै दक्षिण से चुनाव लड़ रहे निर्दलीय प्रत्याशी थुलम सर्वनन ने जीतने पर अपने क्षेत्र की जनता को हेलीकाप्टर और एक करोड़ रुपये देने का वादा किया है।

By Sanjeev TiwariEdited By: Publish:Thu, 25 Mar 2021 05:33 PM (IST) Updated:Thu, 25 Mar 2021 07:19 PM (IST)
Assembly Election 2021: खुद कर्जदार, वोटरों को हेलीकाप्टर, 1 करोड़ रुपये और चांद की सैर का वादा
तमिलनाडु में मदुरै दक्षिण सीट का मामला एक निर्दलीय प्रत्याशी कर रहा बड़े वादे (फाइल फोटो)

जेएनएन, नई दिल्ली। तमिलनाडु की राजनीति में मतदाताओं को मुफ्त रेवड़ियां बांटने का प्रचलन पुराना है। टीवी, फ्रिज, मुफ्त राशन बहुत पहले से पार्टियां देती आ रही हैं, लेकिन अब एक प्रत्याशी ने मुफ्त रेवड़ी बांटने के फार्मूले को नया आयाम दे दिया है। मदुरै दक्षिण से चुनाव लड़ रहे निर्दलीय प्रत्याशी थुलम सर्वनन ने जीतने पर अपने क्षेत्र की जनता को हेलीकाप्टर और एक करोड़ रुपये देने का वादा किया है। और तो और वह चांद की सैर का वादा भी कर रहे हैं। सबसे खास बात यह है कि सर्वनन ने ब्याज पर पैसा उधार लेकर नामांकन भरा है। दरअसल वह अपने अनूठे हवा-हवाई वादों से उन राजनीतिक दलों पर कटाक्ष कर रहे हैं, जो चुनाव के समय लोकलुभावन वादे करते हैं और फिर पांच साल लोगों की मूल समस्याओं पर ध्यान नहीं देते।

सर्वनन के चुनावी वादों ने लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा है और इसे ही वह अपनी जीत बताते हैं। 33 साल के सर्वनन एक गरीब परिवार से ताल्लुक रखते हैं और राजनीतिक दलों द्वारा वोटरों को रिझाने के बड़े-बड़े वादे करने की प्रथा से खासे व्यथित हैं। इसी कारण उन्होंने चुनावी मैदान में उतरकर खुद भी जनता से ऐसे वादे करने की रणनीति अपनायी है। इसका मकसद चुनावी वादों और मुफ्त की रेवडि़यों की गलत परंपरा के प्रति मतदाताओं को जागरुक करना है। सर्वनन का कहना है कि अगर आप मुफ्त में दी जा रही चीजों के लिए अपना वोट देते हो, तो आप अपना वोट खराब करते हो।

20,000 रुपये का कर्ज लिया

अपनी इस अनूठी मुहिम के लिए सर्वनन ने 20,000 रुपये ब्याज पर कर्ज लिया है। उन्होंने अपने चुनावी वादों की लिस्ट खासी लंबी रखी है। पत्रकार रहे सर्वनन राजनीतिक दलों के व्यवहार से खासे नाराज हैं। वह कहते हैं, सत्ता में रहते वह नौकरियां देने, कृषि की बेहतरी करने, नदियों को जोड़ने और स्वच्छ हवा प्रदान करने जैसे अहम मसलों पर काम नहीं करते हैं। चुनाव आते ही राजनीतिक दल लोगों को ललचाने के लिए बड़े बड़े वादे और मुफ्त चीजें देने की बात करने लगते हैं। इन दलों ने राजनीति को प्रदूषित कर दिया है और मेरा मकसद मतदाताओं का ध्यान इस तरफ दिलाना है।

मुफ्त रेवडि़यां बांटने की परंपरा

तमिलनाडु में लोकलुभावन वादों की राजनीति हर चुनाव में एक नए स्तर पर पहुंच जाती है। राज्य पांच लाख करोड़ के कर्ज में है, लेकिन नेता मुफ्त रेवडि़यां बांटने से बाज नहीं आते। इस चुनाव में सत्ताधारी एआईएडीएमके ने फ्री वाशिंग मशीन, हर महीने गृहणियों को 1500 रुपये और हर साल छह सिलेंडर मुफ्त देने का वादा किया है। वहीं डीएमके ने पेट्रोल के दाम में पांच रुपये व डीजल के दाम में चार रुपये की कमी करने, इंटरनेट सुविधा के साथ फ्री टैबलेट देने और छात्र लोन माफ करने जैसे वादे किए हैं। राजनीति में नए आए कमल हासन ने भी गृहणियों को हर माह 3000 रुपये देने और हर घर को फ्री इंटरनेट के साथ एक कंप्यूटर देने का वादा किया है।

प्रत्याशी के हवा-हवाई वादे

-गृहणियों को मदद के लिए रोबोट देंगे

-हर परिवार को नौकायन के लिए नौका देंगे

- चुनाव क्षेत्र को ठंडा रखने के लिए 300 फुट का एक बर्फीला पहाड़ बनाएंगे

-एक स्पेस रिसर्च सेंटर और रॉकेट लान्च पैड बनाएंगे

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