माता-पिता के बाद सन्नी भी राजनीतिक पारी के लिए तैयार, जानें परिवार के बारे में

भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने वाले फिल्मस्टार सन्नी दियोल के परिवार का राजनीति से पुराना नाता रहा है। पिता भी भाजपा के सांसद रह चुके हैं तो हेमा मालिनी भाजपा की सांसद हैं।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Tue, 23 Apr 2019 01:17 PM (IST) Updated:Wed, 24 Apr 2019 04:47 PM (IST)
माता-पिता के बाद सन्नी भी राजनीतिक पारी के लिए तैयार, जानें परिवार के बारे में
माता-पिता के बाद सन्नी भी राजनीतिक पारी के लिए तैयार, जानें परिवार के बारे में

जेएनएन, चंडीगढ़। भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने वाले फिल्मस्टार सन्नी दियोल के परिवार का राजनीति से पुराना नाता रहा है। सन्नी के पिता धर्मेंद्र की भी भाजपा से नजदीकियां रही हैं। वह अटल बिहारी वाजपेयी के बहुत नजदीक रहे। धर्मेंद्र 2004 से 2009 तक बीकानेर से भारतीय जनता पार्टी के लोकसभा सांसद थे। वहीं, उनके पिता की दूसरी पत्नी हेमा मालिनी मथुरा से भाजपा सांसद हैं और वहीं से चुनाव मैदान में भाग्य आजमा रहीं हैं।

जब अटल जी का निधन हुआ था तो धर्मेंद्र ने कहा था कि उनके राजनीति से जुड़ने का कारण अटल बिहारी वाजपेयी थे। वह उनके सम्मान और प्रेम के कारण राजनीति से जुड़े। भाजपा में शामिल होने के दौरान सन्नी दियोल ने भी इस बात को कहा, ''पापा ने अटल बिहारी वाजयेयी को सपोर्ट किया और अब मैं मोदी को समर्थन दे रहा हूं व उनके साथ कार्य कर रहा हूं।''

आइए जानते हैं सन्नी दियोल के परिवार के बारे में.... लुधियाना के साहनेवाल में जन्मे सन्नी दियोल का नाम अजय सिंह दियोल था। सन्नी फिल्म जगत में अपनी सफलता के झंडे गाड़ चुके हैं। उन्होंने 1982 में अपना डेब्यू  अमृता सिंह के साथ बेताब फिल्म में किया। उनके प्रदर्शन के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का फिल्मफेयर पुरस्कार  मिला। इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।

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सन्नी ने बॉलीवुड को कई हिट फिल्में दी, जिसमें बॉर्डर, घायल व गदर प्रमुख हैं। ये ढाई किलो का हाथ है... घायल फिल्म का यह डायलॉग लोगों की जुबान पर आज भी है। 1990 में राजकुमार संतोषी के गंभीर और व्यावसायिक रूप से सफल घायल में अपने भाई की हत्या के आरोपी एक शौकिया मुक्केबाज के चित्रण के साथ सनी  देओल को व्यापक मान्यता और प्रशंसा मिली थी। इस फिल्म ने सात फिल्मफेयर अवार्ड जीते थे। उन्होंने पूजा दियोल से शादी की और उनके दो बेटे हैं।

अटल जी से प्रभावित हो राजनीति में रखा था धर्मेंद्र ने कदम

सन्नी दियोल के पिता धर्मेंद्र भी चुनाव मैदान में उतर चुके हैं। वह अटल बिहारी वाजपेयी से प्रभावित होकर राजनीति में आए थे। वह 2004 से 2009 तक राजस्थान के बीकानेर से भाजपा के टिकट पर सांसद रहे। हालांकि इस चुनाव के बाद उन्होंने राजनीति को बाय-बाय कर दिया था। चुनावी राजनीति में आने के फैसले के बारे में उन्होंने कहा था, सियासत के मौजूदा हालात के मद्देनजर वह चुनाव नहीं लड़ना चाहता थे लेकिन एक शख्स ने उन्हें यह कहकर निरुत्तर कर दिया था कि अगर अच्छे लोग राजनीति में नहीं आएंगे तो इस देश का क्या होगा।

धर्मेंद्र ने दो शादियां की। उनकी पहली शादी प्रकाश कौर से 19 वर्ष की उम्र में हुई। सन्नी दियोल व बॉबी दियोल प्रकाश कौर के ही बेटे हैं। उनकी दूसरी शादी बॉलीवुड अभिनेत्री हेमा मालिनी के साथ हुई। हेमा मालिनी की दो बेटियां ईशा दियोल और आहना दियोल हैं। धर्मेंद्र की बुआ का बेटे वीरेंदर पंजाबी फ़िल्मों के सुपरस्टार तथा प्रोड्यूसर डायरेक्टर हुआ करते थे, लेकिन आतंकवाद के दौर में एक फिल्म की शूटिंग के दौरान उनकी हत्या कर दी गई थी। धर्मेंद्र ने 1960 में फिल्मों में कदम रखा।

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उन्होंने दिल भी तेरा हम भी तेरे फिल्म से अपने अभिनय की शुरुआत की। पूरे तीन दशक तक धर्मेंद्र फिल्मी पर्दे पर छाए रहे। फिल्मों में प्रवेश के पहले रेलवे में क्लर्क थे, लगभग सवा सौ रुपये तनख्वाह थी। धर्मेंद्र ने 200 से भी अधिक फ़िल्मों में काम किया है, जिनमें अनुपमा, मझली दीदी, आँखे, सत्यकाम, यादों कि बारात, शोले, धरमवीर, राजा जानी, चुपके-चुपके आदि प्रमुख हैं।

 ड्रीम गर्ल हेमा ने 2004 में रखा था सक्रिय राजनीति में कदम

धर्मेंद्र की दूसरी पत्नी हेमा मालिनी की राजनीतिक पारी साल 1999 में शुरू हुई, जब उन्होंने पहली बार भारतीय जनता पार्टी के लिए चुनाव प्रचार करना शुरू किया। अभी भी वह राजनीति में सक्रिय हैं। वह 2004 में सक्रिय राजनीति में आईं थी।

लगभग चार दशक के फिल्मी करियर में उन्होंने कई सुपरहिट फिल्मों में काम किया, लेकिन करियर के शुरुआती दौर में उन्हें वह दिन भी देखना पड़ा था जब एक निर्माता-निर्देशक ने उन्हें यहां तक कह दिया था कि उनमें स्टार अपील नहीं है। हेमा मालिनी ने जब फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा ही था तब एक तमिल निर्देशक श्रीधर ने उन्हें अपनी फिल्म में काम देने से यह कहते हुए इन्कार कर दिया कि उनमें स्टार अपील नहीं है। बाद में सत्तर के दशक में इसी निर्माता-निर्देशक ने उनकी लोकप्रियता को भुनाने के लिए उन्हें लेकर 1973 में (गहरी चाल) फिल्म का निर्माण किया।

हेमा ने लगभग 150 फिल्मों में काम किया। उनकी कुछ प्रमुख फिल्मों में सीता और गीता, प्रेम नगर अमीर गरीब, शोले, महबूबा चरस, ड्रीम गर्ल किनारा, त्रिशूल, मीरा, कुदरत नसीब क्रांति, अंधा कानून रजिया सुल्तान, रिहाई, जमाई राजा, बागबान और 2004 में बनी वीर जारा आदि शामिल हैं। 2004 के बाद उन्होंने सक्रिय राजनीति में कदम रख दिया था।

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