MP Election 2018: महेश्वर में दिग्गजों के बीच त्रिकोणीय मुकाबला

MP Election 2018: इस बार यहां मुकाबला दिलचस्प है। परंपरागत उम्मीदवारों के बीच यहां पुराने दिग्गज मैदान में हैं।

By Rahul.vavikarEdited By: Publish:Fri, 16 Nov 2018 05:10 PM (IST) Updated:Fri, 16 Nov 2018 05:10 PM (IST)
MP Election 2018:  महेश्वर में दिग्गजों के बीच त्रिकोणीय मुकाबला
MP Election 2018: महेश्वर में दिग्गजों के बीच त्रिकोणीय मुकाबला

खरगोन, विवेक वर्धन श्रीवास्तव। जिले की छह विधानसभा सीटों में से एक मात्र अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित महेश्वर सीट है। इस बार यहां मुकाबला दिलचस्प है। परंपरागत उम्मीदवारों के बीच यहां पुराने दिग्गज मैदान में हैं। भाजपा के मान मनौव्वल के बावजूद विधायक राजकुमार मेव नहीं माने। टिकट नहीं दिए जाने से नाराज मेव ने नामांकन वापसी के अंतिम दिन भाजपा की नींद उड़ा दी। अब दिग्गजों के बीच यहां त्रिकोणीय मुकाबला होगा।

जिले में हमेशा से यह सीट दिलचस्प रही है। इस बार भाजपा से अधिकृत प्रत्याशी अनुसूचित जाति आयोग अध्यक्ष भूपेंद्र आर्य को बनाया गया है। कांग्रेस ने कोई नया जोखिम नहीं उठाया। अधिकांश कार्याकालों में यहां साधौ परिवार का नेतृत्व रहा। इस बार भी पूर्व राज्यसभा सदस्य डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ को यहां अपना चेहरा बनाया है। वर्तमान विधायक व अब बागी मेव और भाजपा के प्रत्याशी आर्य में घमासान है। बावजूद कांग्रेस कोई भी चूक करने के मूड में नहीं है। पिछले चुनाव में अरुण यादव के कट्टर समर्थक रहे सुनील खांडे को कांग्रेस से प्रत्याशी बनाया गया था। जो मेव से पराजित हुए थे। मेव को बाहरी प्रत्याशी बताकर भाजपा के एक धड़े ने विरोध किया और टिकट कटवाने में कामयाब हुए।

15 वर्ष बाद आमने-सामने

इस विधानसभा सीट पर एक बार फिर वही चेहरे आमने-सामने हैं। 15 वर्ष पहले 2003 में भूपेंद्र आर्य को नए चेहरे के रूप में भाजपा ने प्रोजेक्ट किया था। इनके सामने कांग्रेस की सरकारों में कैबिनेट मंत्री रही डॉ. साधौ को हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद आर्य का टिकट काटकर मेव को उतारा गया था। उधर विधानसभा में विधायकी छोड़कर डॉ. साधौ ने केंद्रीय राजनीति में रुख कर लिया था। एक बार फिर दोनों आमने-सामने हैं। भाजपा की मुश्किलें तुलनात्मक बढ़ी हुई हैं। भाजपा योजनाओं के बल पर मैदान में हैं। वहीं कांग्रेस क्षेत्र में विकास नहीं होने और पर्यटन जैसे मुद्दों पर चुनाव लड़ रही है।

क्यों चर्चित

वर्तमान विधायक राजकुमार मेव ने भाजपा का दामन छोड़ निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में लड़ने का निर्णय लिया है। उपचुनाव से विधायक बने मेव ने दूसरे कार्यकाल में कांग्रेस को पटखनी दी थी। यहां भाजपा के आर्य व कांग्रेस की साधौ के बीच मेव ने इस सीट को चर्चित बना दिया है।

विधानसभा सीट एक नजर में

मतदाता  - 208125 

पुरुष मतदाता - 105737 

महिला मतदाता - 102391

मतदान केंद्र - 278

2013 में स्थिति

राजकुमार मेव (भाजपा) -74320 वोट मिले

सुनील खांडे (कांग्रेस) -69593 वोट मिले

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