Madhya Pradesh Chunav 2018: रविशंकर प्रसाद ने सिख विरोधी दंगों के मामले में कमलनाथ को घेरा

MP Chunav 2018: उन्होंने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने बड़ा काम किया और मध्य प्रदेश को बीमारू राज्य की श्रेणी से बाहर निकाला।

By Rahul.vavikarEdited By: Publish:Thu, 22 Nov 2018 05:02 PM (IST) Updated:Thu, 22 Nov 2018 05:02 PM (IST)
Madhya Pradesh Chunav 2018: रविशंकर प्रसाद ने सिख विरोधी दंगों के मामले में कमलनाथ को घेरा
Madhya Pradesh Chunav 2018: रविशंकर प्रसाद ने सिख विरोधी दंगों के मामले में कमलनाथ को घेरा

इंदौर। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद चुनावी दौरे के तहत इंदौर में थे। इस दौरान मीडिया से चर्चा में उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ सहित अन्य कांग्रेसी नेताओं को जमकर घेरा। उन्होंने 1984 के सिख विरोधी दंगों में कमलनाथ की भूमिका पर सवाल उठाते कहा कि इसके चलते ही कांग्रेस ने उन्हें पंजाब के प्रभारी के तौर पर हटाया था।

इंदौर में मीडिया से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि कमलनाथ पर सिख विरोधी दंगे भड़काने के गंभीर आरोप थे, इसी के चलते साल 2016 में उन्हें पंजाब प्रभार से हटाया गया। उन्होंने राहुल गांधी से सवाल किया कि वे बताएं कि कमलनाथ को पंजाब से क्यों हटाया गया। कमलनाथ ने उस समय धार्मिक भावनाएं आहत की थी।

प्रसाद ने जीएसटी और नोटबंदी के समर्थन में दलील देते हुए कहा कि देश ईमानदार होता है तो कांग्रेस को परेशानी होती है। इन फैसलों का देशवासियों ने समर्थन किया, लेकिन सिर्फ कांग्रेस को परेशानी हो रही है। 

शिवराज की तारीफ की

उन्होंने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने बड़ा काम किया और मध्य प्रदेश को  बीमारू राज्य की श्रेणी से बाहर निकाला। उन्होंने कहा कि उस समय बीमारू का मतलब बिहार, मप्र, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और उड़ीसा था। उन्होंने कहा कि आज मप्र के विकास पर गर्व हो रहा है। 

उन्होंने मनमोहन सिंह पर निशाना साधते हुए कहा कि शिवराज की उपलब्धि को तब की केंद्र सरकार ने भी स्वीकार किया था। वहीं सड़क परिवहन मंत्री रहते कमलनाथ ने असहयोग किया इसलिए मुख्यमंत्री को धरना तक देना पड़ा था। 

जम्मू-कश्मीर में दिख रही अवसरवादिता

जम्मू-कश्मीर विधानसभा भंग करने के मामले पर उन्होंने कहा कि ये सच्चाई है कि जब लोकल चुनाव हुए थे तब उमर अब्दुल्ला और महबूबा ने बायकॉट किया था। अनिश्चिंतता की स्थिति थी। लेकिन अचानक एक रात दोनों एक-साथ चले आते हैं तो ये अवसरवादिता नहीं तो और क्या है। इसलिए राज्यपाल का ये निर्णय सही है। 5 महीने एक स्टैंड अचानक एक रात में बदल गया। 

प्रसाद ने राम जन्म भूमि को चुनावी मुद्दा नहीं माना। उन्होंने कहा कि ये मुद्दा चुनाव का नहीं बल्कि आस्था का विषय है। उन्होंने कहा कि इस बारे में जो निर्णय लिया जाएगा वो संवैधानिक दायरे में ही लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि मनमोहन सिंह को चाहिए कि वे राहुल गांधी को नसीहत दें क्योंकि जिस तरह की भाषा राहुल उपयोग कर रहे हैं वो कभी किसी राष्ट्रीय अध्यक्ष ने नहीं की। 

हमने कम कीमतों में खरीदा राफेल

राफेल पर कांग्रेस के आरोपों के जवाब में प्रसाद ने कहा कि 1985 से देश ने अब तक कोई विमान नहीं खरीदे। 2005 से 2013 तक कोई काम नहीं किया। प्रसाद बोले जनवरी 2012 तक ये विमान लो स्टेंडर्ड था उसके बाद अचानक निर्णय बदल दिया। क्योंकि कांग्रेस के लोग बिना दक्षिणा के कोई काम नहीं करते। उन्होंने कहा कि राफेल खरीदी में हमारी कीमत 9 प्रतिशत कम है। उन्होंने राहुल गांधी पर झूठ बोलने का आरोप लगाते हुए कहा कि जेपीसी की मांग राहुल के अहम के लिए है। उनकी संतुष्टि के लिए ये नहीं कर सकते।

ये नारी सम्मान का मुद्दा

तीन तलाक के मामले पर प्रसाद बोले कि ये न राजनीति का, न धर्म का, न सियासत का, न पूजा का मुद्दा है। ये मुद्दा नारी सम्मान का है। सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक खारिज किया। कांग्रेस इसे लटका रही थी। कानून मंत्री प्रसाद ने कहा कि कोर्ट के फैसले के बाद भी 400-500 तलाक हुए। छोटी-छोटी बात  पर तलाक दे दिए जाते थे। पुलिस ऐसे मामलों में कार्रवाई नहीं कर पा रही थी क्योंकि कानून नहीं था। 22 देशों ने तीन तलाक पर रोक लगाई तो भारत में क्यों नहीं। कांग्रेस इस पर अपना रुख स्पष्ट करें।

chat bot
आपका साथी