Madhya Pradesh Elections 2018: 'बीबीसी’-'केबीसी' करेंगे भाजपा-कांग्रेस से मुकाबला
थांदला विधानसभा सीट का चुनाव सर्वाधिक 18 प्रत्याशियों द्वारा नामजदगी के पर्चे दाखिल करने के बाद काफी रोचक बन गया है।
थांदला(झाबुआ), सुरेंद्र कांकरिया। थांदला विधानसभा सीट का चुनाव सर्वाधिक 18 प्रत्याशियों द्वारा नामजदगी के पर्चे दाखिल करने के बाद काफी रोचक बन गया है। हालांकि नाम वापसी के बाद ही चुनावी मैदान की वास्तविक स्थिति स्पष्ट होगी, लेकिन यह स्पष्ट है कि दोनों प्रमुख दलों को अपने-अपने दल के असंतुष्ट साथियों की चुनौती का भी मुकाबला करना होगा। असंतुष्ट प्रत्याशी कितनी तैयारी के साथ इस चुनावी समर की ओर रुख कर रहे हैं, यह इससे पता चलता है कि फॉर्म भरने से पहले इन प्रत्याशियों ने अपनेअपने समर्थकों का बड़ा जमावड़ा एक पूर्व विधायक के आवास प्रांगण में तो दूसरा बड़ा जमावड़ा प्रसिद्ध जंगलेश्वर महादेव मंदिर पर आयोजित किया। परस्पर सहमति से कमेटियां बनाई गईं।
भाजपा से जुड़े लोगों ने अपनी कमेटी का नाम तय किया- 'भाजपा बचाओ समिति'। इसे बीबीसी कहा गया। वहीं कांग्रेस से जुड़े लोगों ने नाम रखा 'कांग्रेस बचाओ समिति'। इसका शॉर्ट फॉर्म बनाया केबीसी। कांग्रेस के इस शॉर्ट फॉर्म के जरिये वे वर्तमान राजनीति के प्रभावी क्षेत्रों से जुड़े लोगों पर भी तीखा व्यंग्य कर रहे हैं। यानी विधायक बनने का मतलब है- 'यह बन गए करोड़पति। वहीं अपनी पार्टी के निर्णय से नाराज भाजपा के लोग भी नई और खोजपूर्ण सूचनाएं मतदाताओं तक पहुंचा रहे हैं। इन सूचनाओं में अनेक गंभीर आरोप, नेपथ्य में चल रही राजनीति का खुलासा प्रमुख है।
माना जा रहा है जैसे-जैसे चुनाव आगे बढ़ेगा, वैसे-वैसे इन दोनों समितियों की स्थिति भी स्पष्ट होने लगेगी। अपने-अपने मूल दलों को बचाने का अभियान लेकर आई समितियों की सक्रियता अभी तो मूल दलों के लिए बड़ी चुनौती ही बनी हुई है। 14 नवंबर तक अगर मनुहारों को अपेक्षानुरूप परिणाम नहीं आया तो तय है कि यह विधानसभा चुनाव कांग्रेस बचाओ, भाजपा बचाओ के नारों की प्रतिद्वंद्विता के साथ लड़ा जाएगा। अगर ऐसा हुआ तो झाबुआ जिले के राजनीतिक इतिहास का यह पहला चुनाव बनेगा, जो ऐसे नारों के साथ भाजपाकांग्रेस के ही अधिकृत उम्मीदवारों के खिलाफ लड़ा जाएगा।