MP Election 2018: यहां मम्मी-पापा की अंगुली पकड़कर वोटिंग कराने ले जाएंगे बच्चे
MP Election 2018: यहां मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए चुनाव आयोग ने बच्चों का सहारा लिया है। वो अपनों को भावनात्मक चिठ्ठी लिख रहे हैं।
जबलपुर। 28 नवंबर यानी मतदान के दिन स्कूलों का महौल बदला होगा। अभी पैरेन्ट्स रोज बच्चों को लेकर स्कूल जाते हैं, लेकिन मतदान के दिन बच्चे पैरेन्ट्स को लेकर स्कूल जाएंगे और यहां बने मतदान केन्द्रों में उनसे वोट डलवाएंगे। इसके लिए जिले के करीब 2 लाख बच्चों से पैरेन्ट्स को वोट डालने के लिए मतदान केन्द्र तक लाने के सहमति पत्र भरवाए जा रहे हैं।
विधानसभा चुनाव में मतदान का प्रतिशत बढ़ाने निर्वाचन आयोग द्वारा पहली बार 5वीं से 12वीं तक के स्कूली बच्चों की मदद भी ली जा रही। इसके तहत जिले के सरकारी और निजी स्कूलों के करीब 2 लाख बच्चों से उनके माता-पिता, दादा-दादी, नाना-नानी के नाम 28 नवंबर को मतदान करने मार्मिक व भावनात्मक अपील करती चिट्ठी लिखवाई जा रही है। चिट्ठी में बाकायदा उनकी सहमति भी ली जाएगी।
मतदान करने की जिद करते हुए बच्चे माता-पिता, दादा-दादी, नाना-नानी की अंगुली पकड़कर स्कूल में बने मतदान केन्द्र तक लेकर भी जाएंगे।
चिट्ठी का फार्मूला ऐसे करेगा काम
- 22 नवंबर को सरकारी, निजी स्कूलों में ही करीब 2 लाख बच्चे अपने पैरेन्ट्स के नाम चिट्ठी लिखेंगे।
- 23 नवंबर को बच्चे पैरेन्ट्स से चिट्ठी में उनके दस्तखत के साथ मतदान की सहमति लेकर आएंगे।
- 24 नवंबर को बच्चों द्वारा लाए गए सहमति पत्रों को संकुल स्तर पर जमा कराए जाएंगे।
- 25 नवंबर को सहमति पत्रों को बाक्स में पैक कर जिला शिक्षा अधिकारी व जिला शिक्षा केन्द्र में जमा कराए जाएंगे।
- 26 नवंबर को जिला शिक्षा अधिकारी व जिला परियोजना समन्वयक सहमति पत्रों के बाक्स कलेक्टर व जिला निर्वाचन अधिकारी को सौपेंगे।
- 28 नवंबर को मतदान के लिए बच्चे अपने पैरेन्ट्स को उनकी सहमति याद दिलाते हुए उनकी अंगुली पकड़कर मतदान केन्द्र लाएंगे और मतदान कराएंगे।
2013 में जिले में 69 प्रतिशत हुआ था मतदान
- 16, 39, 052 मतदाता थे।
- 11, 36, 676 मतदाता ने मतदान किया था।
- 1782 मतदान केन्द्र बने थे।
2018 में 80 प्रतिशत का टारगेट
- 17,67,369 है मतदाताओं की संख्या।
- 1,28,317 मतदाता बढ़े ।
- 2128 मतदान केन्द्र बनाए गए हैं।
इनका कहना है
निर्वाचन आयोग ने 2013 की समीक्षा में पाया कि नौकरी पेशा व प्राइवेट जॉब करने वाले मतदान में हिस्सा नहीं लेते। इसी वजह से मतदान का प्रतिशत नहीं बढ़ रहा। इसलिए मतदान का प्रतिशत बढ़ाने स्वीप प्लान के तहत स्कूली बच्चों की मदद ली जा रही। उनसे उनके पैरेन्ट्स के नाम मार्मिक व भावनात्मक पत्र लिखवा कर उनसे मतदान करने की सहमति ली जा रही। मतदान के दिन बच्चे अपने पैरेन्ट्स को मतदान केन्द्र तक लेकर आएंगे और वोट डलवाएंगे।
-उपेन्द्र यादव, स्वीप कार्यक्रम जिला समन्वयक