MP Election 2018: भाजपा मोदी, कांग्रेस लोकसभा उपचुनाव के भरोसे

MP Election 2018: कांग्रेस और भाजपा कुछ वर्षों के अपने-अपने प्रदर्शन के भरोसे जीत के दावे कर रहे हैं।

By Rahul.vavikarEdited By: Publish:Sat, 17 Nov 2018 06:18 PM (IST) Updated:Sun, 18 Nov 2018 07:38 AM (IST)
MP Election 2018: भाजपा मोदी, कांग्रेस लोकसभा उपचुनाव के भरोसे
MP Election 2018: भाजपा मोदी, कांग्रेस लोकसभा उपचुनाव के भरोसे

झाबुआ। जिले की तीन विधानसभा सीटों पर कांग्रेस और भाजपा में सीधा मुकाबला माना जा रहा है। दो जगह निर्दलीय गणित बिगाड़ने मैदान में उतरे हैं, लेकिन वो कितना कुछ कर पाएंगे, इसे लेकर कोई भी स्पष्ट नहीं है। निर्दलीयों का ऐसा माहौल नहीं दिख रहा, जैसा पिछले चुनाव में कलसिंह भाबर का थांदला में दिखा था। इस बीच कांग्रेस और भाजपा कुछ वर्षों के अपने-अपने प्रदर्शन के भरोसे जीत के दावे कर रहे हैं।

भाजपा 2003, 2013 के विधानसभा चुनाव के साथ 2014 के लोकसभा चुनाव का उदाहरण दे रही है। साथ ही 20 तारीख को मोदी की सभा को लेकर ज्यादा ही उत्साह में दिख रही है। उधर कांग्रेस 2015 के उपचुनाव के परिणामों और पंचायतों के चुनावों का हवाला दे रही है। लेकिन मतदाताओं का मूड नेता भी नहीं समझ पा रहे। पार्टियां तो अभी इस बात को लेकर ही असमंजस में है कि उनके साथ काम करने वाले सच में उनका साथ दे भी रहे हैं या नहीं।

भाजपा की उम्मीदें

2003 में तीनों सीटें जीती थीं। 2013 में दो सीटें जीती। थांदला में जीतने वाले निर्दलीय भी पार्टी से ही थे और इस बार उन्हें टिकट दिया गया है। इसके अलावा 2014 के आम चुनाव में दिलीपसिंह भूरिया ने कांतिलाल भूरिया को 1 लाख से ज्यादा वोटों से हराया था। तब जैसी लहर अब भी है। पिछले साल नगरीय निकाय चुनावों में भी चार में से तीन पर पार्टी ने कब्जा जमाया। पार्टी नेताओं का कहना है, 20 तारीख की मोदी की सभा के बाद ताकत और बढ़ेगी।

कांग्रेस की उम्मीदें

कांग्रेस अपने पुराने प्रदर्शनों के भरोसे है। नेता कहते हैं, बीच में कुछ समय बुरा समय था, लेकिन आदिवासी अंचल में कांग्रेस ही है। आम चुनाव के एक साल बाद उपचुनाव में पार्टी ने 89 हजार वोट से जीत दर्ज की। तीनों विधानसभाओं में कांग्रेस को लीड मिली थी। इसके बाद झाबुआ नगर पालिका में हम जीते। साथ ही पंचायतों में कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी अधिक हैं।

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