MP Election 2018: घोषणा पत्र में भाजपा ने 23 लाख सुझावों में से 400 और कांग्रेस ने 45 हजार में से 450 को किया शामिल

MP Election 2018 भाजपा ने विधानसभा चुनाव के दृष्टि पत्र के लिए मप्र की जनता से 23 लाख 30 हजार सुझाव लिए।

By Hemant UpadhyayEdited By: Publish:Mon, 19 Nov 2018 09:50 PM (IST) Updated:Tue, 20 Nov 2018 01:50 AM (IST)
MP Election 2018: घोषणा पत्र में भाजपा ने 23 लाख सुझावों में से 400 और कांग्रेस ने 45 हजार में से 450 को किया शामिल
MP Election 2018: घोषणा पत्र में भाजपा ने 23 लाख सुझावों में से 400 और कांग्रेस ने 45 हजार में से 450 को किया शामिल

भोपाल। विधानसभा चुनावों के लिए घोषणा पत्र को लेकर भाजपा और कांग्रेस दोनों दलों ने प्रदेश की जनता से बड़े पैमाने पर सुझाव मांगे थे। जो घोषणा पत्र बनकर जनता के सामने आया, उसमें 77 फीसदी वादे जनता से मिले सुझाव पर हैं, वहीं कांग्रेस ने लगभग 50 फीसदी वचन पत्र जनता की राय के आधार पर तैयार किया है।

भाजपा ने विधानसभा चुनाव के दृष्टि पत्र के लिए मप्र की जनता से 23 लाख 30 हजार सुझाव लिए और इनमें से सिर्फ 400 सुझावों को दृष्टि पत्र में शामिल किया। भाजपा का दृष्टि पत्र लगभग 585 बिंदुओं का है। भाजपा ने समृद्ध मप्र के लिए पूरे प्रदेश की जनता से सुझाव मांगने के लिए एक अभियान चलाया था।

करीब 15 से 20 दिन चले इस अभियान के जरिए भाजपा ने वॉट्सएप, चुनाव रथ, चाय पर चर्चा और ईमेल के जरिए लोगों से सुझाव मांगा था। इस अभियान के जरिए पूरे प्रदेश से लगभग 23 लाख सुझाव मिले थे। भाजपा ने घोषणा की थी कि इन सुझावों को पार्टी के घोषणा पत्र में जगह दी जाएगी। दूसरी तरफ, पार्टी की घोषणा पत्र समिति ने अलग-अलग दल बनाकर प्रदेश के सभी वर्गों और संगठनों से सुझाव लिए थे। घोषणा पत्र समिति के संयोजक विक्रम वर्मा के मुताबिक समिति को विभिन्न् संगठनों के जरिए करीब 30 हजार सुझाव मिले।  

585 बिंदुओं के दृष्टि पत्र में 400 जनता से मिले

भाजपा की घोषणा पत्र समिति के समन्वयक डॉ. दीपक विजयवर्गीय ने बताया कि भाजपा ने दृष्टि पत्र में करीब 400 बिंदुओं को जनता से मिले सुझावों के जरिए शामिल किया है। कई सुझाव अनेक लोगों से एक जैसे मिले थे। कुछ ऐसे सुझाव भी थे, जो दृष्टि पत्र में शामिल करने लायक नहीं थे। पहले सुझावों की छंटनी कर करीब 900 बिंदुओं का कच्चा मसौदा तैयार किया गया था, इस पर मंथन के बाद 585 बिंदुओं को अंतिम रूप दिया गया। वादे जो जनता से सुझाव के रूप में मिले

- व्यापारियों को आग, दुर्घटना जैसी घटनाओं से बचाने के लिए मुआवजा की रकम बढ़ाई जाए।

- जीएसटी की जटिलताओं को दूर करने के लिए सरकार व्यापारियों की मदद करे।

कांग्रेस का 50 फीसदी वचन पत्र सुझाव आधारित

कांग्रेस का घोषणा पत्र चार महीने की तैयारियों के बाद वचन पत्र के रूप में सामने आया है। इसके लिए 68 संगठनों से मुलाकात और बैठकें की गईं, जिनमें 45 हजार सुझाव आए थे। कांग्रेस ने 974 बिंदुओं का वचन पत्र जनता के सामने रखा था, इसमें से करीब 450 सुझावों को वचन पत्र में शामिल किया है।

विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने विधानसभा उपाध्यक्ष डॉ. राजेंद्र सिंह की अध्यक्षता में घोषणा पत्र समिति बनाई थी। इसने सरकारी अधिकारियों-कर्मचारियों, किसानों, उद्योगपतियों, व्यापारियों, महिलाओं, युवाओं के साथ बैठकें और सम्मेलन किए। साथ ही विभिन्न् समाजों के प्रतिनिधियों से मुलाकातें कीं। बैठकों-सम्मेलनों में मिले सुझावों में सबसे ज्यादा किसानों के 2500, महिलाओं के 1300, व्यापारियों के करीब 500 थे।

इन सुझावों पर दिया वचन

- चौरसिया समाज की मांग पर पान निगम बनाने का आश्वासन। माझी व रजक समाज के पूरे प्रदेश में एससी-एसटी में शामिल करने के सुझाव पर सरकार बनने पर अमल करने का वचन दिया।

- उद्योगपतियों को उनकी इकाइयों की लीज होल्ड की जमीन को फ्री होल्ड करने तथा नगर निगम व एकेवीएन के माध्यम से टैक्स दोहरीकरण के सुझाव को वचन पत्र में लिया।

वे सुझाव जिनके लिए पार्टी का भी एलान था

- किसानों की कर्ज माफी। वचन पत्र में सहकारी और राष्ट्रीयकृत बैंकों के दो लाख तक के कर्ज को माफ करेंगे।

- महिला संगठनों की तरफ से सुरक्षा को लेकर मांग उठी थी। वचन पत्र में महिला सुरक्षा के लिए बटालियन बनाना और कामकाजी महिला वाले क्षेत्रों में पुलिस चौकी स्थापना को शामिल किया।  

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