MP Chunav 2018: घर-घर पंजा-कमल की बात, नेताजी पर हो रही फूलों की बरसात
MP Chunav 2018: नौबत यह है कि अब बाहर से गेंदे के फूल मंगाने पड़ रहे।
ग्वालियर। चुनाव मैदान में बड़े व छोटे दलों के नेताजी के जनसंपर्क में फूल-माला की पहली डिमांड है। अब कार्यकर्ता जुटाएं या स्वागतकर्ता, हर हाल में अपने नेता को फूलों से लादना सब चाहते हैं। यही वजह है कि चुनाव में प्रत्याशियों की घोषणा और नामांकन वापसी के बाद से फूलों की डिमांड बढ़ गई है।
सबसे टॉप पर गेंदे की डिमांड दोगुनी हो गई है। नौबत यह है कि अंचलभर में पैदा होने वाले गेंदे से अब काम नहीं चल पा रहा है। गेंदे के बड़े फूल की डिमांड आगरा से पूरी करनी पड़ रही है। वहीं उज्जैन और इंदौर से सेवंती के फूलों की मांग भी बढ़ गई है।
गले में 500 से ज्यादा की माला
भाजपा-कांग्रेस जैसे बड़े दलों के नेताजी की फैन फॉलोइंग ज्यादा होने के कारण सबसे ज्यादा मालाएं इन पार्टियों के प्रत्याशियों के गले में ही जा रही हैं। सुबह से रात तक जनसंपर्क पर निकलने वाले नेताजी के गले में 500 रुपए से ज्यादा की मालाएं पहुंच जाती हैं। वहीं जिस दिन बड़ा कार्यक्रम हो तो उस दिन की तो कोई काउंटिंग ही नहीं।
इसी तरह छोटे दलों के प्रत्याशियों के स्वागत में भी फूल-मालाओं की कोई कमी नहीं है। सुबह से शाम तक गले में मालाओं का ढेर, जैसे समर्थकों का प्यार, कोई गुलाब की माला पहनाता है, तो कोई गेंदा की। खास स्वागत के लिए कहीं-कहीं ज्यादा फूलों से भी स्वागत होता है।
रोज 2500 किलो की हो रही बिक्री
लक्ष्मीगंज स्थित बड़ी मंडी में फूलों की खपत दोगुनी हो गई है। फूल विक्रेता हेम सिंह के अनुसार करीब 50 विक्रेता यहां फूलों के हैं, जो रोज अब 50 किलो से ज्यादा फूल बेच देते हैं। यह मात्रा पिछले कुछ दिनों में दोगुनी हुई है। पहले 20 से 25 किलो का औसत था। चुनाव के कारण फूलों की डिमांड बढ़ गई है। इंदौर और उज्जैन से सेवंती मंगवाई जा रही है और बड़ा गेंदा यहां आसपास न पर्याप्त मिलने के कारण आगरा से आ रहा है।