MP Chunav 2018 : मप्र में न राम मंदिर मुद्दा न राफेल, सिर्फ प्रत्याशी पर केंद्रित हो रहा चुनाव

MP Chunav 2018 जो चर्चा आमजनों के बीच है उससे स्पष्ट है कि सिर्फ प्रत्याशी की छवि ही वोट का एक आधार बनती दिखलाई पड़ रही है।

By Hemant UpadhyayEdited By: Publish:Wed, 14 Nov 2018 11:10 PM (IST) Updated:Thu, 15 Nov 2018 01:55 AM (IST)
MP Chunav 2018 : मप्र में न राम मंदिर मुद्दा न राफेल, सिर्फ प्रत्याशी पर केंद्रित हो रहा चुनाव
MP Chunav 2018 : मप्र में न राम मंदिर मुद्दा न राफेल, सिर्फ प्रत्याशी पर केंद्रित हो रहा चुनाव

धनंजय प्रताप सिंह, भोपाल। नामांकन वापसी के बाद कौन-कौन प्रत्याशी मैदान में हैं, मप्र में यह चुनावी तस्वीर लगभग साफ हो गई है। पर चुनावी मुद्दा क्या होगा, जनता के मिजाज को देखने के बाद भी यह स्पष्ट नहीं हो पा रहा है। ये तो तय है कि प्रदेश की फिजा में अब तक न तो राम मंदिर चुनावी मुद्दा बन पाया है और न ही राफेल को चुनावी रंग देने में कांग्रेस सफल रही है।

साफ है कि जो चर्चा आमजनों के बीच है उससे स्पष्ट है कि सिर्फ प्रत्याशी की छवि ही वोट का एक आधार बनती दिखलाई पड़ रही है। एंटीइनकमबेंसी को दबाने के लिए जहां भाजपा के फोकस में कांग्रेस के 56 साल का शासन है तो कांग्रेस प्रदेश में सड़क, कानून व्यवस्था, अराजकता, गवर्नेंस और बदहाली को मुद्दा बनाने की कोशिश कर रही है। 28 नवंबर को मतदान होना है। 12 दिन शेष हैं। इन दिनों में भाजपा-कांग्रेस द्वारा बनाए गए माहौल पर ही चुनाव परिणाम की दिशा तय होगी।

हमारा मुद्दा सिर्फ पॉलीटिक्स ऑफ परफॉरमेंस- सहस्त्रबुद्धे

भाजपा चुनाव में सिर्फ और सिर्फ पॉलीटिक्स ऑफ परफॉरमेंस के मुद्दे पर जनता से वोट मांग रही है। हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह हमेशा पॉलीटिक्स ऑफ परफॉरमेंस की बात करते हैं और इस चुनाव का निर्णय भी इसी आधार पर होगा। पॉलीटिक्स ऑफ परफॉरमेंस की शब्दावली का कापीराइट भी भाजपा के ही पास है क्योंकि दूसरे दल इसका उपयोग करते ही नहीं हैं। यही कारण है कि जनता ने हमें एक, दो नहीं तीन-तीन बार जनादेश दिया है। सरकार अच्छी चल रही है, जनता इसकी पुष्टि कर चुकी है। इस चुनाव में भी जनता हमारे परफॉरमेंस के आधार पर वोट करेगी ।

भाजपा ज्वलंत सवालों का जवाब दे : गुप्ता

मप्र कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष (मीडिया) भूपेंद्र गुप्ता कहते हैं कि जनता महंगाई, किसानों की बदहाली, नकली बीज नकली खाद अमानक दवाएं और बेरोजगारी के बीच जिंदगी और मौत से जुझ रही है पुलिस की गोलियों से छलनी होकर युवक मारे गए हैं। 20-25 बरस की बेटियां बेवा हो गई हैं। यही मप्र के मौजूदा सवाल हैं। इस चुनाव में भाजपा को इन्हीं का उत्तर देना होगा।

इधर, कांग्रेस प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी कहते हैं कि भाजपा मप्र में विकास के जिन खोखले दावों की बात करती है उसी कसौटी पर ही ये चुनाव हो रहा है। जहां तक राफेल का विषय है वह राष्ट्रीय स्तर का मुद्दा बन चुका है उसका भी कुछ प्रभाव मप्र में जरूर दिखेगा। यह भी ध्यान रखना होगा कि हमारे नेता कमलनाथ और सिंधिया ने खुले संवाद की चुनौती दी थी जिसका उत्तर आज तक सीएम नहीं दे पाए हैं।

प्रत्याशी की छवि पर पड़ेंगे वोट

इंदौर निवासी रोहित खंडेलवाल कहते हैं कि इस चुनाव में न मुद्दे हैं और न ही कोई लहर। ऐसे हालात में प्रत्याशी की छवि ही वोटिंग का मुख्य आधार होगी। जबलपुर के व्यवसायी प्रशांत अग्रवाल का मानना है कि सरकार किसकी बनेगी, कहीं से भी इसका आभास नहीं हो पा रहा है। मतदाता मौन है। ऐसे हालात में कई बार बड़े उलटफेर वाले परिणाम आते हैं। पेंशनर रघुवीर शर्मा कहते हैं कि 15 साल की सरकार होने के कारण एंटीइनकमबेंसी भी है इसलिए स्थानीयता के आधार पर चुनाव होगा। यहां राम मंदिर या राफेल जैसे मुद्दे बेअसर रहेंगे। 

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