MP Chunav 2018: भोपाल गोविंदपुरा में अंगद की तरह जमा भाजपा का पांव
MP Chunav 2018 मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर गोविंदपुरा सीट से 10 बार विधायक रहे हैं।
भोपाल, शिखिल ब्यौहार। भोपाल जिले की सात विधानसभा में गोविंदपुरा सीट भाजपा के लिए अंगद के पांव की तरह है। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर इस सीट से 10 बार विधायक रहे हैं।ऐज फैक्टर के चलते इस बार उनकी टिकट कट गई हालांकि भारी घमासान के बाद गौर की बहू कृष्णा गौर को भाजपा ने उम्मीदवार बनवाने में सफल रहे ।
हालांकि वंशवाद का आरोप लगाते हुए कई भाजपाइयों ने कृष्णा गौर को उम्मीदवार बनाए जाने का खुला विरोध किया है। भाजपा की इस परंपरागत सीट पर कांग्रेस के लिए हमेशा की तरह इस बार भी बड़ी चुनौतियां हैं भाजपा की अंतर्कलह को वह कितना भुना पाती है यह एक बड़ा सवाल है।
पिछले तीन चुनावों में कांग्रेस ने हर बार इस सीट से अलग-अलग प्रत्याशियों को चुनाव में उतारा है इस बार कांग्रेस ने गिरीश शर्मा पर विश्वास जताया है।दोनों ही दलों के प्रत्याशियों के लिए गोविंदपुरा से चुनाव लड़ने का पहला अनुभव है । उम्मीद जताई जा रही है कि हर बार एक तरफा होने वाला चुनाव इस बार रोचक होगा।
जहां तक मुद्दों का सवाल है तो क्षेत्र में सालोंं से समस्याएं जो इस बार चुनावी मुद्दे बने हैं। पेयजल को लेकर नर्मदा पाइप लाइन का घर-घर न पहुंच पाना, शासकीय कालेज, चिकित्सा सुविधा,सड़क और बेरोजगारी को कांग्रेस ने मुद्दा बनाया है।
कांग्रेस के उम्मीदवार गिरीश शर्मा कहते हैं कि देश की नौरत्न कंपनियों में से एक बीएचईएल इसी क्षेत्र में है भेल टाउशिप में जो विकास किया गया वह भी बीएचईएल के द्वारा कराया गया है भाजपा ने यहां कुछ नहीं किया । उधर, भाजपा प्रत्याशी कृष्णा गौर का दावा है कि बीते 40 सालों में इस क्षेत्र में सबसे ज्यादा विकास हुआ है।
1977 से भाजपा के पाले में गोविंदपुरा
बाबूलाल गौर इस सीट से 1977 से लगातार जीत दर्ज कराते आ रहे हैं। उन्होंने 1993 के विधानसभा चुनाव में 59 हजार 666 मतों के अंतर से विजय प्राप्त की। 2003 के विधानसभा चुनाव में 64 हजार 212 मतों के अंतर से जीते। 2013 में उनकी जीत का अंतर 70 हजार 644 मतों पर पहुंच गया और वे विधायक चुने गए।
नाराजगी कर सकती है चुनाव प्रभावित
टिकट वितरण के बाद भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों के कुछ नेताओं में नाराजगी है। भाजपा से तपन भौमिक, मनोरंजन मिश्रा के साथ आलोक शर्मा टिकट न मिलने से नाराज बताए जाते हैं, कार्यकर्ताओ ने परिवारवाद का मुद्दा उठाकर विरोध में हवन-पूजन भी किया।
यहां कृष्णा गौर को टिकट देने का विरोध हैं तो उधर कांग्रेस से गिरीश शर्मा को टिकट मिलने के बाद बीते 2 साल से क्षेत्र में सक्रिय रामबाबू शर्मा ने निर्दलीय नामांकन दाखिल कर दिया। दोनों ही पार्टियों के सामने सबसे पहली चुनौती नाराज कार्यकर्ताओं को मनाने की है।
विधानसभा क्रमांक- 154
कुल मतदाता-3,54,906
पुरुष मतदाता-1,54,981
महिला मतदाता-1,40,530
थर्ड जेडर मतदाता-21
बीते तीन साल के चुनाव परिणाम
वर्ष जीत भाजपा को मिले कांग्रेस को मिले अंतर
2003 भाजपा 1,23,513 59,301 64,212
2008 भाजपा 62,766 29,012 22,754
2013 भाजपा 1,16,586 45,942 70,644