Lok Sabha Election 2019: पांच साल, ये हाल- पूरा नहीं हो पाया ट्रामा सेंटर का सपना

Lok Sabha Election 2019. अव्यवस्था व घोटालों की भेंट चढ़ गया ट्रामा सेंटर। केंद्र सरकार की ओर से ट्रामा सेंटर के लिए 1.5 करोड़ की राशि मिली थी।

By Alok ShahiEdited By: Publish:Tue, 19 Mar 2019 07:13 AM (IST) Updated:Tue, 19 Mar 2019 07:13 AM (IST)
Lok Sabha Election 2019: पांच साल, ये हाल- पूरा नहीं हो पाया ट्रामा सेंटर का सपना
Lok Sabha Election 2019: पांच साल, ये हाल- पूरा नहीं हो पाया ट्रामा सेंटर का सपना

हजारीबाग, [रमण कुमार] ।  Lok Sabha Election 2019 बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं में लोगों की हो रही मौत को कम करने के उद्देश्य से  वर्ष 2012 में केंद्र सरकार के द्वारा जिला में ट्रामा सेंटर की स्थापना करने के लिए लगभग 1.5 करोड़ की राशि प्रदान की गई। इस राशि से ट्रामा सेंटर के लिए भवन का निर्माण, आवश्यक उपकरणों की खरीददारी व एंबुलेंस व कम्युनिकशन की सुविधा लोगों को प्रदान किया जाना था।

हालांकि  वर्ष 2012 में भवन निर्माण विभाग के द्वारा ट्रामा सेंटर का भवन निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया गया, लेकिन ट्रामा सेंटर के लिए आवश्यक उपकरणों की खरीद में घोटाला की बात सामने आने के बाद से जिला का ट्रामा सेंटर की स्थापना का कार्य ठप पड गया। 

हालांकि वर्ष 2018 में सरकार से ट्रामा सेंटर को चालू करने के लिए दबाव पडने के बाद तत्कालीन सिविल सर्जन डा. विजय शंकर दास के द्वारा इसे आनन-फानन में चालू तो करवा दिया गया, लेकिन उपकरणों की घोर कमी के कारण यह ट्रामा सेंटर कम रेफरल सेंटर ज्यादा बन कर रहा है। ज्ञात हो कि ट्रामा सेंटर के दुर्दशा को  लेकर तत्कालीन सिविल सर्जन डा. धर्मवीर के उपर मुकदमा भी दायर किया गया है।

जानकारी के अनुसार केंद्र सरकार ने ट्रामा सेंटर के लिए केंद्र सरकार के द्वारा दिए गए 1.5 करोड की राशि में से 77.90 लाख रूपये भवन निर्माण के लिए दिए गए थे, इसमें से 68.65 लाख की राशि ही भवन निर्माण के लिए खर्च की गई। वहीं लगभग 116 विभिन्न प्रकार के उपकरणों के लिए 59.35 लाख रूपये की राशि प्रदान की गई थी, इसमें 56,14,801 रूपये की राशि खर्च की गई। लेकिन खरीदे गए उपकरण की गुणवत्ता पर सवाल उठने के बाद इसका उपयोग ट्रामा सेंटर के लिए नहीं किया गया।

वहीं एंबुलेंस की सुविधा प्रदान के लिए मिले 11.75 लाख रूपये व कम्युनिकेशन के लिए मिले एक लाख रूपये की राशि तो खर्च ही नहीं की गई। इस प्रकार लोगों की सुविधा के तैयार किए जानेवाले ट्रामा सेंटर सात साल बीतने के बाद भी अब भी एक सपना ही बना हुआ है।

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