Lok Sabha Election 2019: भाजपा की गुगली से डिफेंसिव मोड में माले, बाबूलाल भी सतर्क
भाजपा ने राजद की प्रदेश अध्यक्ष अन्नपूर्णा देवी को कोडरमा लोकसभा क्षेत्र से उतारकर भाकपा माले को फांसने के साथ बाबूलाल को परेशान करने की सधी चाल चली है।
गिरिडीह, दिलीप सिन्हा। भाजपा ने राजद की प्रदेश अध्यक्ष अन्नपूर्णा देवी को कोडरमा लोकसभा क्षेत्र से उतारकर भाकपा माले प्रत्याशी राजकुमार यादव को फांसने के साथ-साथ बाबूलाल मरांडी को परेशान करने की सधी हुई चाल चली है। भाजपा की इस चाल से बचने के लिए बाबूलाल एवं राजकुमार दोनों सतर्क हैं। दोनों नई रणनीति के तहत भाजपा की चाल को फ्लाप करने में जुट गए हैं।
पूरे पांच साल तक झाविमो को भाजपा की बी टीम करार देकर आक्रामक रूप से राजनीति करने वाली माले भाजपा की इस चाल से निपटने के लिए फिलहाल रक्षात्मक बल्लेबाजी कर रही है। माले के समक्ष असली चुनौती अपने सामाजिक समीकरण को बचाने की है। कारण, उसके सामाजिक समीकरण को दरकाने में भाजपा कोई कसर नहीं छोड़ रही है। इस समीकरण से जुड़े एक-एक नेता को पार्टी फोकस कर रही है। राजद के जाति विशेष के समर्थकों को साधने में भाजपा लगी हुई है। इसे देखते हुए माले फिलहाल पूरा जोर अपने सामाजिक समीकरण को बचाने में लगा रही है।
पार्टी महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य, प्रत्याशी राजकुमार यादव एवं पूर्व विधायक विनोद ¨सह सामाजिक समीकरण के बल पर कोडरमा फतह के लिए लगे हुए हैं। चुनाव प्रचार के प्रारंभिक दौर में झाविमो व माले के बीच वह तल्खी नहीं दिख रही है जो पिछले पांच साल में देखी गयी थी। दोनों के निशाने पर इस समय भाजपा है। बाबूलाल एवं उनका पूरा कुनबा भी प्रचार में माले पर हमला नहीं कर रहा है। बाबूलाल के निशाने पर सिर्फ भाजपा है। बाबूलाल को भी मालूम है कि माले का सामाजिक समीकरण दरकने से उसका लाभ सीधे भाजपा को मिलेगा। ऐसी स्थिति में भाजपा की ताकत बढ़ेगी। वहीं माले को अपने दो दशक के संघर्ष पर पूरा भरोसा है। माले का मानना है कि उसका जो सामाजिक समीकरण है, वह दरकने वाला नहीं है।
भाजपा की यह चाल कभी कामयाब नहीं होगी। वहीं कोडरमा एवं बरकट्ठा विधानसभा क्षेत्र में पिछले लोकसभा चुनाव के प्रदर्शन को बरकरार रखने का भाजपा को भरोसा है। साथ ही भाजपा सामाजिक समीकरण के बल पर गिरिडीह जिले के चारों विधानसभा क्षेत्रों बगोदर, राजधनवार, जमुआ एवं गांडेय में बाबूलाल एवं राजकुमार की चुनौती से जूझने की कोशिश कर रही है। भाजपा की पूरी कोशिश यहां लड़ाई को आमने-सामने करने की है जबकि बाबूलाल एवं राजकुमार दोनों त्रिकोणीय लड़ाई को अपने हित में मान रहे हैं। वोटरों का फैसला जो भी हो, लेकिन लड़ाई यहां काफी रोचक होती जा रही है।
17 लाख 80 हजार वोटर चुनेंगे कोडरमा का सांसद: कोडरमा का सांसद वहां के करीब 17 लाख 80 हजार वोटर छह मई को वोट के जरिए चुनेंगे। कुल वोटर : 1779737 - पुरुष वोटर : 941352 - महिला वोटर : 838370 - ट्रांसजेंडर : 10 सर्वाधिक वोटर बरकट्ठा विधानसभा क्षेत्र में: कोडरमा लोकसभा क्षेत्र के छह विधानसभा क्षेत्रों में सर्वाधिक वोटर बरकट्ठा विधानसभा क्षेत्र में हैं जबकि सबसे कम वोटर गांडेय विधानसभा क्षेत्र में हैं।
पूरे पांच साल तक झाविमो को भाजपा की बी टीम करार देकर आक्रामक रूप से राजनीति करने वाली माले भाजपा की इस चाल से निपटने के लिए फिलहाल रक्षात्मक बल्लेबाजी कर रही है। माले के समक्ष असली चुनौती अपने सामाजिक समीकरण को बचाने की है। कारण, उसके सामाजिक समीकरण को दरकाने में भाजपा कोई कसर नहीं छोड़ रही है। इस समीकरण से जुड़े एक-एक नेता को पार्टी फोकस कर रही है। राजद के जाति विशेष के समर्थकों को साधने में भाजपा लगी हुई है। इसे देखते हुए माले फिलहाल पूरा जोर अपने सामाजिक समीकरण को बचाने में लगा रही है।
पार्टी महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य, प्रत्याशी राजकुमार यादव एवं पूर्व विधायक विनोद ¨सह सामाजिक समीकरण के बल पर कोडरमा फतह के लिए लगे हुए हैं। चुनाव प्रचार के प्रारंभिक दौर में झाविमो व माले के बीच वह तल्खी नहीं दिख रही है जो पिछले पांच साल में देखी गयी थी। दोनों के निशाने पर इस समय भाजपा है। बाबूलाल एवं उनका पूरा कुनबा भी प्रचार में माले पर हमला नहीं कर रहा है। बाबूलाल के निशाने पर सिर्फ भाजपा है। बाबूलाल को भी मालूम है कि माले का सामाजिक समीकरण दरकने से उसका लाभ सीधे भाजपा को मिलेगा। ऐसी स्थिति में भाजपा की ताकत बढ़ेगी। वहीं माले को अपने दो दशक के संघर्ष पर पूरा भरोसा है। माले का मानना है कि उसका जो सामाजिक समीकरण है, वह दरकने वाला नहीं है।
भाजपा की यह चाल कभी कामयाब नहीं होगी। वहीं कोडरमा एवं बरकट्ठा विधानसभा क्षेत्र में पिछले लोकसभा चुनाव के प्रदर्शन को बरकरार रखने का भाजपा को भरोसा है। साथ ही भाजपा सामाजिक समीकरण के बल पर गिरिडीह जिले के चारों विधानसभा क्षेत्रों बगोदर, राजधनवार, जमुआ एवं गांडेय में बाबूलाल एवं राजकुमार की चुनौती से जूझने की कोशिश कर रही है। भाजपा की पूरी कोशिश यहां लड़ाई को आमने-सामने करने की है जबकि बाबूलाल एवं राजकुमार दोनों त्रिकोणीय लड़ाई को अपने हित में मान रहे हैं। वोटरों का फैसला जो भी हो, लेकिन लड़ाई यहां काफी रोचक होती जा रही है।
17 लाख 80 हजार वोटर चुनेंगे कोडरमा का सांसद: कोडरमा का सांसद वहां के करीब 17 लाख 80 हजार वोटर छह मई को वोट के जरिए चुनेंगे। कुल वोटर : 1779737 - पुरुष वोटर : 941352 - महिला वोटर : 838370 - ट्रांसजेंडर : 10 सर्वाधिक वोटर बरकट्ठा विधानसभा क्षेत्र में: कोडरमा लोकसभा क्षेत्र के छह विधानसभा क्षेत्रों में सर्वाधिक वोटर बरकट्ठा विधानसभा क्षेत्र में हैं जबकि सबसे कम वोटर गांडेय विधानसभा क्षेत्र में हैं।