Mumbai North Central Seat Result :कांग्रेस का दांव फेल, उर्मिला मातोंडकर को मिली करारी हार

Election Result 2019 मंबई नॉर्थ सीट से भाजपा ने गोपाल शेट्टी जबकि कांग्रेस ने उर्मिला मातोंडकर को चुनाव मैदान में उतारा है। यहां उर्मिला चुनाव हार चुकी हैं।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Thu, 23 May 2019 12:06 PM (IST) Updated:Fri, 24 May 2019 10:11 AM (IST)
Mumbai North Central Seat Result :कांग्रेस का दांव फेल, उर्मिला मातोंडकर को मिली करारी हार
Mumbai North Central Seat Result :कांग्रेस का दांव फेल, उर्मिला मातोंडकर को मिली करारी हार

नई दिल्‍ली, जेएनएन। Lok Sabha Election Result 2019 मुंबई नॉर्थ लोकसभा सीट (Mumbai North Lok Sabha Seat) से कांग्रेस ने फ‍िल्‍म अभिनेत्री उर्मिला मातोंडकर का जादू नहीं चल पाया है। उनके सामने भाजपा और मौजूदा सांसद गोपाल शेट्टी (Gopal Shetty) जीत गए हैं। हार के बाद उर्मिला ने सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया देते हुए EVM पर सवाल उठाए। साथ ही कहा कि वह EVM को लेकर शिकायत दर्ज करवाएंगी।  इस सीट पर 18 उम्मीदवार किस्मत आजमा रहे थे। जिनमें वंचित बहुजन अघाड़ी के थोराट सुनील उत्‍तम राव और बसपा के मनोजकुमार जयप्रकाश सिंह मैदान में हैं। इस लोकसभा सीट पर चौथे चरण में 29 अप्रैल को वोटिंग हुई थी। 

कांग्रेस की रणनीति नहीं दिखा रही कमाल
उत्तर मुंबई की सीट पर गुजराती वोटर काफी हैं। ये वोटर परंपरागत रूप से भाजपा को वोट देते आए हैं। ऐसे में कांग्रेस को हमेशा यहां मुश्किल का सामना करना पड़ा है। लेकिन, इस बार कांग्रेस ने मराठी मानुष पर दांव खेला था। उर्मिला न सिर्फ अभिनेत्री हैं, बल्कि वह मराठी भी हैं। मौजूदा चुनाव प्रचार के दौरान उन्‍होंने इसका फायदा उठाने की कोशिश की थी। उर्मिला ठेठ मराठी में अपना भाषण देती थीं। यही नहीं उनकी रैलियों में भीड़ भी जुटती थी। लेकिन, रुझानों से लगता है कि यह भीड़ उनकी ग्‍लैमरस छवि की वजह से जुटती थी। हालांकि, अब जो रुझान आ रहे हैं, उनमें साफ दिख रहा है कि कांग्रेस दांव फेल हो गया है।

संजय निरुपम के पीछे हटने पर उर्मिला को मिला था मौका
उत्तर मुंबई लोकसभा सीट से उर्मिला मातोड़कर को कांग्रेस उम्मीदवार बनाए जाने की पीछे सबसे बड़ी वजह थी पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष संजय निरुपम का चुनाव लड़ने से इन्कार करना। साल 2014 को लोकसभा चुनाव में संजय, भाजपा के गोपाल शेट्टी के सामने 4.46 लाख वोट के अंतर से हार गए थे। ऐसे इस सीट से कोई भी चुनाव लड़ने में रुचि नहीं दिखा रहा था। कांग्रेस ने फिर इस सीट से उर्मिला को मैदान में उतारने का फैसला किया। हालांकि, क्षेत्र का संगठनात्मक गणित कांग्रेस के पक्ष में नहीं दिखाई देता है। इस क्षेत्र की छह में से पांच विधानसभाओं पर फिलहाल शिवसेना-भाजपा का कब्जा है।

जमीनी नेता की छवि के सहारे शेट्टी
गोपाल शेट्टी क्षेत्र के जमीनी नेता के तौर पर माने जाते हैं। वह संगठन में भी मुंबई भाजपा के अध्यक्ष रहने के अलावा और कई जिम्मेदारियां निभा चुके हैं। इस क्षेत्र पर भाजपा और शिवसेना की अच्‍छी पकड़ मानी जाती है। यह भी उनके पक्ष में जाता है। मुंबई महानगरपालिका के 43 में से 38 सभासद भाजपा-शिवसेना के हैं। 2014 में गोपाल शेट्टी करीब साढ़े चार लाख मतों से जीते थे। अपनी इस करारी हार से भयभीत निरुपम दोबारा इस क्षेत्र से लड़ने की हिम्मत नहीं जुटा सके। यही नहीं जब प्रधानमंत्री ने उज्जवला योजना के सिलिंडर गांवों में देने शुरू किए, तो गोपाल शेट्टी ने इस क्षेत्र की झोपड़पट्टियों में 18 हजार सिलिंडर और अच्छी गुणवत्तावाले चूल्हे हिमाचल प्रदेश की किसी कंपनी से थोक में मंगवाकर बंटवाए थे।

भाजपा का गढ़ मानी जाने वाली इस सीट पर गोविंदा ने लगाई थी सेंध
उत्तर मुंबई सीट लंबे समय तक भाजपा का गढ़ मानी जाती रही है। लेकिन, इसका बॉलीवुड से भी पुराना नाता रहा है। साल 1989 में राम नाईक ने पहली बार इस सीट पर भाजपा को जीत दिलाई थी। इसके बाद नाईक ने यहां से लगातार पांच बार जीत दर्ज की। साल 2004 में भाजपा को उस वक्त झटका लगा जब नाईक को 2004 के लोकसभा चुनाव में बॉलीवुड एक्टर गोविंदा के सामने हार का सामना करना पड़ा। उन दिनों गोविंद का पॉपुलेरिटी आसमान पर थी। हालांकि, सांसद बनने के बाद गोविंदा को ज्यादा दिनों तक राजनीति रास नहीं आई और वो फिर से फिल्मी दुनिया में लौट गए।  

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