Loksabha Election 2019 : वाराणसी से गैर प्रांत के लोगों ने भी लिया नामांकन पत्र

देश की सबसे चर्चित वाराणसी लोकसभा सीट में आज सोमवार से नामांकन पत्र मिलने लगे हैं। सुबह से ही लोगों ने कतारबद्ध होकर नामांकन पत्र कलेक्‍ट्रेट से लिया।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Mon, 22 Apr 2019 11:41 AM (IST) Updated:Mon, 22 Apr 2019 01:25 PM (IST)
Loksabha Election 2019 : वाराणसी से गैर प्रांत के लोगों ने भी लिया नामांकन पत्र
Loksabha Election 2019 : वाराणसी से गैर प्रांत के लोगों ने भी लिया नामांकन पत्र

वाराणसी, जेएनएन। देश की सबसे चर्चित वाराणसी लोकसभा सीट में आज सोमवार से नामांकन पत्र मिलने लगे हैं। सुबह से ही काफी संख्‍या में लोगों ने कतारबद्ध होकर नामांकन पत्र कलेक्‍ट्रेट से लिया। इसके लिए सुबह से ही देश भर से कई लोगों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ने के लिए उत्तराखंड मध्य प्रदेश, बिहार और केरल समेत कई प्रदेशों से लोग आए हुए हैं। दोपहर तक करीब दर्जन भर ऐसे लोग नजर आए जो नामांकन फॉर्म के लिए कतारबद्ध दिखे।

पार्षद और नगर निगम में उपसभापति रहे राजेंद्र गांधी भी पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ने के लिए नामांकन फॉर्म लेने आए हैं। वह भाजपा से पार्षद चुने गए थे, अब उन्‍होंने अपनी छोड़ दी है। जिला प्रशासन की ओर से पूर्व में नामांकन के लिए तैयारियां मुकम्‍मल कर ली गई थीं। वाराणसी से पीएम नरेंद्र मोदी सातवें चरण के लिए अपना नामांकन 26 अप्रैल को भरने आ रहे हैं। इसके लिए पार्टी स्‍तर पर तैयारियां फ‍िलहाल अंतिम दौर में हैं। 

पूर्वांचल में अन्‍य सीटों की स्थिति

- चंदौली लोकसभा चुनाव के लिए पहले दिन दोपहर 12 बजे तक तीन प्रत्याशियों ने नामांकन पत्र लिया। इसमें सुभासपा के बैजनाथ राजभर के लिए दो सेट और दो निर्दल प्रत्याशियों ने नामांकन पत्र लिया। प्रत्याशियों को अधिकारियों ने फार्म भरने के तरीके व जमानत राशि के बाबत जानकारी दी। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष व उम्मीदवार डा. महेन्द्रनाथ पांडेय के लिए कलेक्ट्रेट स्थित डीएम न्यायालय कक्ष में जिला निर्वाचन अधिकारी नवनीत सिंह चहल से नामांकन पत्र सांसद प्रतिनिधि मृत्युंजय उपाध्याय व अन्य ने दोपहर बाद नामांकन पत्र प्राप्‍त किया।

- बलिया में सलेमपुर लोकसभा सीट से दोपहर 12.30 बजे न्यू मदरलैंड पार्टी से प्रदीप त्रिशुलिया ने अपना नामांकन पत्र मुख्य राजस्व अधिकारी के न्यायालय में पेश किया, वह खेजुरी के निवासी हैं। नामांकन स्थल को भी बेहतर ढ़ंग से सजाया गया है। कलेक्ट्रेट के मुख्य द्वार पर लोकतंत्र का महापर्व की होडिंग्स टंगी हैं। सर्वत्र चाक-चौबंद व्यवस्था है। सोमवार को प्रमुख दलों की ओर से दोपहर तक कोई भी पर्चा खरीदने नहीं पहुंचा है।

- जौनपुर से दोपहर बाद तक कोई पर्चा नहीं खरीदा गया। सभी प्रमुख उम्मीदवारों के नामांकन 20 अप्रैल तक ही हो गए। आज जौनपुर संसदीय निर्वाचन क्षेत्र से राष्ट्रीय जन गौरव पार्टी प्रत्याशी सुनील कुमार व मछलीशहर से भारत प्रभात पार्टी के नन्दलाल ने नामांकन किया है। अभी प्रक्रिया जारी है और 23 अप्रैल नामांकन का आखिरी दिन तय किया गया है।

- सोनभद्र में अंतिम चरण के मतदान के लिए सोमवार से शुरू नामांकन प्रक्रिया के पहले दिन एक बजे तक किसी उम्मीदवार ने नामांकन नहीं किया। पहले दिन एक बजे तक चार लोगों में दो-दो सेट में पर्चा खरीदा। इसमें कांग्रेस प्रत्याशी भगवती प्रसाद चौधरी के लिए उनके प्रतिनिधि के रूप में अनिल सिंह ने पर्चा लिया। इसी तरह सीपीआइ के अशोक कनौजिया, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के उम्मीदवार कैलाश नाथ कोल, भारतीय जनक्रांति दल के अमित कुमार भारतीय ने दो-दो सेट में पर्चा लिया। इस दौरान सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था कलेक्ट्रेट परिसर में की गई है।

- मीरजापुर में जिला निर्वाचन कार्यालय में सोमवार से नामांकन फॉर्म की बिक्री शुरू की गई। सुबह से दोपहर तक कुल पांच लोगों ने फार्म खरीदे हैं। सोमवार को रिपब्लिक पार्टी ऑफ इंडिया से श्यामधर दुबे, सर्वजन सेवा पार्टी से रामअचल, सुरक्षा समाज पार्टी के विपिन कुमार श्रीवास्तव, सीपीआई (एमएल) से जीरा देवी नामांकन फार्म लिए। वहीं निर्दल प्रत्याशी अशोक कुमार धरकर ने भी फार्म लिया। नामांकन पत्र बिक्री शुरू होने से कलेक्ट्रेट परिसर की सुरक्षा पुख्ता की गई है। हर गेट पर जांच की जा रही है और मेटल डिटेक्टर भी इस्तेमाल किया जा रहा है।

- मऊ में घाेसी संसदीय सीट के लिए पहले दिन दोपहर तक किसी उम्मीदवार ने नामांकन नहीं किया। कुल चार उम्मीदवारों ने इस दौरान नामांकन पत्र खरीदे हैं। इनमें कांग्रेस के उम्मीदवार बालकृष्ण चौहान, सुभासपा के प्रत्याशी महेंद्र राजभर व दो अन्य निर्दल उम्मीदवार शामिल हैं।

- गाजीपुर में नामांकन के पहले दिन कुल छह लोगों ने पर्चा खरीदा। इसमें रालोद उम्मीदवार सत्यदेव यादव ने डीएम के समक्ष अपना नामांकन दाखिल किया। पहली बार कलेक्ट्रेट को फूल मालाओं से सजाया गया था।

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