UP Election Result 2019- Sultanpur: जानिए कौन जीता-कौन हारा, 2014 की तुलना में किसे मिले कितने वोट

UP Election Result 2019- Sultanpur बीजेपी प्रत्याशी मेनका गांधी ने 458281 वोट पाकर 13859 मतों के अंतर से जीत दर्ज कराई।

By Divyansh RastogiEdited By: Publish:Thu, 23 May 2019 08:04 AM (IST) Updated:Fri, 24 May 2019 03:09 PM (IST)
UP Election Result 2019- Sultanpur: जानिए कौन जीता-कौन हारा, 2014 की तुलना में किसे मिले कितने वोट
UP Election Result 2019- Sultanpur: जानिए कौन जीता-कौन हारा, 2014 की तुलना में किसे मिले कितने वोट

सुल्तानपुर, जेएनएन। 17वीं लोकसभा चुनाव 2019 में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) प्रत्याशी मेनका गांधी ने 4,58,281 वोट पाकर 13,859 मतों के अंतर से जीत दर्ज कराई। गठबंधन से सपा प्रत्याशी ऊषा वर्मा को फिर हार का सामना करना पड़ा और उन्हें 4,34,459 मत मिले। कांग्रेस का प्रदर्शन बहुत ही निराशा जनक रहा और कांग्रेस प्रत्याशी वीरेंद्र वर्मा को मात्र 19,943 मत हासिल हुए। देर शाम चुनाव परिणाम घोषित हो सका और समर्थक प्रत्याशी के साथ प्रमाण-पत्र लेने को मंडी में जमे रहे। 

लोकसभा चुनाव 2019: एक नजर  जीते: मेनका गांधी(बीजेपी): 4,58,281 वोट  चंद्रभद्र सिंह (गठबंधन): 4,44,422 वोट  डॉ संजय सिंह (कांग्रेस) : 41,588 वोट 

लोकसभा चुनाव 2014: एक नजर 

जीते: वरुण गांधी (बीजेपी ): 4,10,348 वोट  पवन पांडेय (बसपा): 2,31,446 वोट  शकील अहमद (सपा): 2,28,144 वोट  अमीता सिंह  (कांगेस): 41,983 वोट 

मां ने जीता मतदाताओं का दिल
मेनका जब सुलतानपुर आई तो उन्होंने मतदाताओं के दिल में मां के तौर पर जगह बनाई। वह अपने सभी जनसभाओं में कहती रहीं कि आपकी उम्र कुछ भी हो, लेकिन मैं मां की तरह सभी की सेवा करने आई हूं। मैं आपके हर दु:ख-दर्द में काम आऊंगी। 

मतदाताओं ने दिया मदर्स डे का तोहफा 
पूरे दो माह तक खुद को मतदाताओं के बीच मां के तौर पर स्थापित कर चुकी मेनका गांधी के लिए यह संयोग भी बड़ा अजीब था कि जिले में वोङ्क्षटग 12 मई को थी और उस दिन मदर्स डे ही था। उन्होंने प्रचार थमने के आखिरी दिन व नौ मई को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की जनसभा के दौरान मतदाताओं से यही अपील किया था कि जिले से अराजकता को खत्म करने के लिए 12 मई को मदर्स डे पर एक वोट मां के नाम कमल पर दें। उनकी यह अपील लोगों का दिल छू गई। 

अंतर कम जीत बड़ी
हार-जीत का अंतर भले ही बेहद कम रहा हो, लेकिन मेनका गांधी के लिए यह जीत सबसे बड़ी थी, क्योंकि वह यहां अराजकता के खिलाफ और संगठन के कुछ पदाधिकारियों की आंतरिक साजिश के बीच चुनाव लड़ रही थीं। 

आखिरी वक्त में वरुण ने बनाया माहौल 
मेनका गांधी के चुनाव प्रचार में अमितशाह के अलावा भले ही कोई बड़ा नेता न आया हो, लेकिन उनके बेटे वरुण गांधी ने आखिरी दस दिनों में मां मेनका के लिए संजीवनी का काम किया। उन्होंने प्रतिद्वंदी की अराजकता व बंदूकधारी की छवि से डरे मतदाताओं का भय समाप्त करने के लिए धनपतगंज समेत पूरे जिले में घूम-घूमकर जोशीला भाषण दिया। राष्ट्रवाद को लेकर भी जबरदस्त माहौल बनाया। इसके अलावा 2014 से 2019 के बीच वरुण गांधी द्वारा किए गए सराहनीय जनहित के कार्यों प्रभावित होकर मतदाता डर को त्याग कर मां मेनका के लिए वोटिंग करने निकले और किला फतह हुआ। 

मेनका अपनी जीत को लेकर थीं आश्वस्त
30 मार्च से 10 मई तक संसदीय क्षेत्र में घूम-घूमकर 500 से अधिक जनसभाएं कर चुकीं मेनका गांधी को सुलतानपुर की जनता के प्यार और अपनी जीत का पूरा भरोसा था। इसीलिए वह हर सभाओं में कहती थीं कि मैं यहां से जीत रही हूं, लिहाजा सभी जाति-धर्म को छोड़कर इस जीत के भागीदार बनें।

कड़ी सुरक्षा के बीच गिनती 
शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए मजिस्ट्रेटों की भी ड्यूटी लगाई गई है। पांच विधान सभा क्षेत्रों इसौली, सुलतानपुर, सदर, लम्भुआ, कादीपुर में पड़े कुल 9 लाख 99 हजार 192 वोटों की गिनती के लिए 400 से अधिक कर्मचारियों की तैनाती की गई है। हर राउंड का नतीजा तत्काल आयोग के बेवसाइट पर अपलोड किया जाएगा। परिणाम की घोषणा आरओ यानि डीएम दिव्य प्रकाश गिरि करेंगे। आरओ टेबल, इंटरनेट, कंप्यूटर, स्कैनर, प्रिंटर आदि सुविधाओं से लैस रहेगा। सहयोग में सूचना विज्ञान अधिकारी राजेश पटेल सहित पर्याप्त मात्रा में कंप्यूटर आपरेटरों की तैनाती की गई है। अंतिम चुनाव परिणाम प्रत्येक विधानसभा के मतों की गिनती के बाद पांच-पांच बूथों की वीवीपैट के पर्चियों के मिलान के बाद ही घोषित किया जाएगा। वीवीपैट बूथों का चयन लाटरी से होगा।

लोकसभा क्षेत्र के प्रत्याशी 

भाजपा - मेनका गांधी उम्र-62 वर्ष शिक्षा-12वीं पास सांसद-7 बार प्रोफाइल : सुल्तानपुर सीट पर बीजेपी ने इस बार वरुण गांधी की जगह केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी को उतारा है। ऐक्सिस माय इंडिया के एग्जिट पोल के मुताबिक यहां मेनका गांधी एक मुश्किल मुकाबले में फंस गई हैं। उन्हें बीएसपी के चंद्रभद्र सिंह सोनू से कड़ी टक्कर मिल रही है। कांग्रेस ने यहां से डॉ. संजय सिंह को टिकट दिया है। 2014 में मेनका गांधी के बेटे वरुण गांधी सुल्तानपुर से सांसद बने थे। इस बार मेनका की ही पहल पर भाजपा ने मां-बेटे की सीटों की अदला-बदली की है। वरुण गांधी इस बार पीलीभीत से चुनाव लड़ रहे हैं। पीलीभीत से वरुण गांधी की जीत पक्की मानी जा रही है।

कांग्रेस - डॉ. संजय सिंह उम्र-67 वर्ष शिक्षा- पीएचडी सांसद- दो बार लोकसभा दो बार राज्यसभा 

गठबंधन - चंद्रभद्र सिंह  उम्र-43 वर्ष शिक्षा-एमपीएड  सांसद- नहीं

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