Loksabha Election 2019 : समाजवादी पार्टी ने इलाहाबाद से बदला प्रत्याशी अब राजेंद्र सिंह पटेल लड़ेंगे चुनाव
समाजवादी पार्टी ने अब इलाहाबाद से राजेंद्र सिंह पटेल को मैदान में उतारा है। पहले रईश चंद्र शुक्ल को प्रत्याशी घोषित किया गया था।
लखनऊ, जेएनएन। समाजवादी पार्टी ने आज लोकसभा चुनाव 2019 में इलाहाबाद के साथ ही फूलपुर से अपना प्रत्याशी घोषित किया है। उत्तर प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी व राष्ट्रीय लोकदल के साथ गठबंधन करने वाली समाजवादी पार्टी चरणवार अपने प्रत्याशी घोषित कर रही है।
लोकसभा चुनाव 2019 के लिए भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले गठबंधन से इलाहाबाद से घोषित प्रत्याशी को एक घंटा के बाद ही बदल दिया। समाजवादी पार्टी ने अब इलाहाबाद से राजेंद्र सिंह पटेल को मैदान में उतारा है। पहले रईश चंद्र शुक्ल को प्रत्याशी घोषित किया गया था। लोकसभा चुनाव 2019 के मद्देनजर शनिवार को समाजवादी पार्टी ने लोकसभा की दो सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा की। समाजवादी पार्टी ने उत्तर प्रदेश की फूलपुर लोकसभा सीट से पंधारी यादव को प्रत्याशी बनाया है। इलाहाबाद सीट से राजेंद्र सिंह पटेल को अपना उम्मीदवार बनाया है। समाजवादी पार्टी ने ट्वीट कर इसका आधिकारिक ऐलान किया।
राजेंद्र सिंह पटेल को महागठबंधन का उम्मीदवार बनाया है। यहां उनका मुकाबला भारतीय जनता पार्टी की उम्मीदवार और यूपी सरकार में मंत्री रीता बहुगुणा जोशी से होगा। इससे पहले पार्टी ने आज फूलपुर लोकसभा सीट से भी उम्मीदवार का ऐलान किया। यहां से पार्टी ने पंधारी यादव को टिकट दिया है। इलाहाबाद से राजेंद्र सिंह पटेल महागठबंधन के उम्मीदवार होंगे। माना जा रहा है कि अखिलेश यादव ने सियासी समीकरण को देखते हुए ये फैसला लिया गया है। भाजपा ने काफी पहले ही रीता बहुगुणा जोशी का नाम इलाहाबाद से फाइनल कर दिया था।
इलाहाबाद संसदीय सीट से अब सपा प्रत्याशी राजेंद्र प्रताप सिंह उर्फ खरे जी घोषित किए गए। पिता स्व गुलाब सिंह निवासी अंदावा, बरादुरपुर ब्लाक, जिला प्रयागराज। राजेंद्र सिंह 206 में बहादुर ब्लाक के ब्लाक प्रमुख रहे हैं। पूर्व विधायक स्व महेंद्र सिंह के भाई हैं। इनके भतीजे प्रवीण पटेल फूलपुर से भाजपा विधायक हैं। इन्होने राजनीति जनता दल से शुरू की थी। विश्वनाथ प्रताप सिंह के खास थे। जनता दल के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं राष्ट्रीय कार्य कारिणी के सदस्य रह चुके हैं। इनकी पत्नी विद्या सिंह गृहणी हैं। 1971 में शादी के बाद 3 पुत्रियों के पिता बने। दो पुत्रियां अमेरिका में चिकित्सक हैं। एक पुत्री सहसों के इंटर कॉलेज में अध्यापक हैं।
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फूलपुर लोकसभा सीट का नाम यूपी की हाई प्रोफाइल सीट में गिना जाता है। समाजवादी पार्टी ने पूर्व जिला अध्यक्ष पंधारी यादव को फूलपुर सीट से उम्मीदवार बनाया है। समाजवादी पार्टी ने उपचुनाव में फूलपुर से सांसद चुने गए नागेंद्र सिंह पटेल का टिकट काट दिया है। उनके स्थान पर पंधारी यादव को प्रत्याशी बनाया है।
2018 में फूलपुर लोकसभा उप चुनाव में समाजवादी पार्टी के नागेन्द्र प्रताप सिंह पटेल ने जीत दर्ज की थी। उन्होंने भाजपा के कौशलेंद्र पटेल को हराया था। सपा ने यहां से नागेन्द्र प्रताप के स्थान पर पंधारी यादव को मैदान में उतारा है। पंधारी यादव प्रयागराज जिले के प्रतापपुर क्षेत्र के रहने वाले हैं। वह सपा के निष्ठावान कार्यकर्ताओं में माने जाते हैं। पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव के करीबी हैं। अखिलेश ने 2012 में साइकिल यात्रा निकाली थी तब यह पार्टी के जिलाध्यक्ष थे। प्रदेश में अखिलेश के नेतृत्व में सरकार बनने पर पंधारी जिलाध्यक्ष थे। फूलपुर संसदीय सीट से भाजपा से केशरी देवी पटेल उम्मीदवार हैं, जबकि कांग्रेस से अपना दल कृष्णा गुट की अध्यक्ष कृष्णा पटेल के दामाद पंकज निरंजन उम्मीदवार हैं, जो कि कांग्रेस के चुनाव निशान पर मैदान में हैं।पंधारी यादव समाजवादी पार्टी के प्रदेश सचिव हैं। केशव प्रसाद मौर्य के डिप्टी सीएम बनने के बाद उन्होंने फूलपुर लोकसभा से इस्तीफा दिया।
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गोरखपुर से समाजवादी पार्टी के सांसद प्रवीण निषाद के भाजपा का दामन थामने के बाद समाजवादी पार्टी ने भी भाजपा के एक सांसद को तोड़ लिया। भाजपा को तगड़ा झटका देते हुए सपा ने मछलीशहर सीट के सांसद रामचरित्र निषाद को अपने पाले में कर लिया। वहीं गोरखपुर की पिपराइच सीट से पूर्व विधायक राजमती निषाद और उनके पुत्र अमरेंद्र निषाद ने फिर सपा का दामन थाम लिया। राजमती और अमरेद्र हाल ही में सपा छोड़ भाजपा में शामिल हुए थे। इन तीनों को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पार्टी मुख्यालय पर सदस्यता ग्रहण कराई।
योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद गोरखपुर सीट पर हुए उपचुनाव में सपा के टिकट पर सांसद चुने गए प्रवीण निषाद को भाजपा द्वारा अपने सिंबल पर संत कबीर नगर से चुनाव लड़ाने और निषाद पार्टी का समर्थन हासिल करने के बाद सपा ने भाजपा को उसी अंदाज में जवाब दिया है। रामचरित्र मछलीशहर सीट से अपना टिकट काटे जाने से भाजपा से नाराज थे। भाजपा ने यह टिकट मछलीशहर से पिछला लोकसभा चुनाव बसपा प्रत्याशी के रूप में लडऩे वाले वीपी सरोज को दिया है। सरोज ने हाल ही में बसपा छोड़ भाजपा को गले लगाया था।
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उधर राजमती और उनके पुत्र अमरेंद्र भी टिकट की आस में हाल ही में सपा छोड़ भाजपा में शामिल हुए थे। भाजपा में टिकट की गुंजायश न बनती देख उन्होंने अपने कदम वापस खींच लिए। अखिलेश ने राजमती और अमरेद्र का नाम लेकर कहा कि हमारे समाजवादी साथी कुछ दिनों के लिए हमसे अलग हो गए थे लेकिन अब फिर घर वापस आ गए हैं। वहीं उन्होंने रामचरित्र निषाद को लोकसभा चुनाव में सपा का प्रत्याशी बनाये जाने का इशारा किया। यह कहकर कि हम इन्हें जनता के बीच भेजना चाहते हैं। सपा अध्यक्ष ने कहा कि चुनाव में तेजी से आगे बढ़ रहे गठबंधन के कारवां को इन तीनों के आने से और मजबूती मिलेगी।
भाजपा छोड़ सपा में शामिल मछलीशहर के भाजपा सांसद रामचरित्र निषाद का जौनपुर में लंबा राजनीतिक सफर रहा। बस्ती जिले के मूल निवासी रामचरित्र निषाद दिल्ली में आवास बनाकर रहते हैं। 2009 में मछलीशहर (सु) लोकसभा सीट पर अपना दल से चुनाव लड़े और बाद में भाजपा में शामिल हो गए। 2014 में भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़े और सांसद बने। निषाद जाति से ताल्लुक रखने वाले रामचरित्र मछलीशहर सीट अनुसूचित जाति से सुरक्षित होने के कारण विवादों में रहे और इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट में मुकदमा भी विचाराधीन है। वह दिल्ली राज्य के प्रमाण पत्र पर खुद को अनुसूचित जाति का होने की दलील देते रहे। लोकसभा 2019 चुनाव के दौरान मौजूदा सांसद का पार्टी छोडऩा भाजपा के लिए झटका माना जा रहा है। निषाद को भाजपा ने मछलीशहर सीट से दोबारा टिकट नहीं दिया है।