Lok Sabha Election Phase III Voting: जानिए बिहार में किसका क्‍या हाल, कौन कहां ठोक रहा ताल

चुनाव के तीसरे चरण में बिहार के झंझारपुर सुपौल अररिया मधेपुरा व खगडिय़ा में वोट पड़ रहे हैं। इन सीटों पर क्‍या है हाल जानिए इस खबर में।

By Amit AlokEdited By: Publish:Mon, 22 Apr 2019 10:11 PM (IST) Updated:Tue, 23 Apr 2019 02:17 PM (IST)
Lok Sabha Election Phase III Voting: जानिए बिहार में किसका क्‍या हाल, कौन कहां ठोक रहा ताल
Lok Sabha Election Phase III Voting: जानिए बिहार में किसका क्‍या हाल, कौन कहां ठोक रहा ताल
पटना [जागरण टीम]। बिहार में लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में पांच लोकसभा क्षेत्राें (झंझारपुर, सुपौल, अररिया, मधेपुरा और खगडिय़ा) में मतदान आज होना है। तीसरे चरण में ताल ठोक रहे 82 प्रत्याशियों की किस्‍मत का फैसला आज 88.31 लाख वोटर कर रहे हैं। मधेपुरा में राष्‍ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) व महागठबंधन के प्रत्‍याशियों क्रमश: दिनेश चंद्र यादव व शरद यादव के बीच वर्तमान सांसद पप्‍पू यादव तीसरा कोण बनाते दिख रहे हैं। जबकि, झंझारपुर, सुपौल, अररिया व खगडि़या में आमने-सामने का मुकाबला है।
मधुपेरा: यहां हाशिए पर असली मुद्दे, लड़ाई त्रिकोणीय
मधेपुरा लोकसभा क्षेत्र में 13 प्रत्याशी ताल ठोक रहे हैं, लेकिन मुख्य लड़ाई महागठबंधन के राष्‍ट्रीय जनता दल (राजद) प्रत्‍याशी शरद यादव, राष्‍ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के जनता दल यूनाइटेड (जदयू) प्रत्याशी दिनेश चंद्र यादव तथा जन अधिकार पार्टी (जाप) के राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव के बीच है। यादवों की परंपरागत इस सीट पर तीनों प्रमुख प्रत्‍याशी यादव ही हैं। यहां विकास के असली मुद्दे हाशिए पर हैं, लेकिन जातिवाद सिर चढ़कर बाेलता रहा है।
बीते चुनाव की बात करें तो यहां से राजद के टिकट पर पप्पू यादव 3,68,937 लाकर विजयी रहे थे। दूसरे स्‍थान पर रहे तब जदयू के शरद यादव को 3,12,728 वोट मिले थे। इस बार यहां के 18.84 लाख मतदाता 1940 मतदान केंद्रों पर 13 प्रत्‍याशियाें के भाग्‍य का फैसला लिखेंगे।

मैदान में हैं ये प्रत्याशी
1. राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव - जाप
2. दिनेश चंद्र यादव - जदयू
3. शरद यादव - राजद
4. अनिल भारती - राष्ट्रवादी जनता पार्टी
5. उमाशंकर - बहुजन मुक्ति पार्टी
6. मनोज मंडल - आम अधिकार मोर्चा
7. राजीव कुमार यादव - बलिराजा पार्टी
8. सुरेश कुमार भारती - असली देशी पार्टी
9. मु. अरसद हुसैन - निर्दलीय
10. सुमन कुमार झा - निर्दलीय
11. राजो साह - निर्दलीय
12. विनय कुमार मिश्र - निर्दलीय
13. जयकांत यादव - निर्दलीय
2014 के चुनाव में प्रमुख प्रत्याशी और प्राप्त वोट
- पप्पू यादव (राजद): 3,68,937 वोट (35.65 फीसद)
- शरद यादव (जदयू): 3,12,728 वोट (30.22 फीसद)
- विजय कुमार (भाजपा): 2,52,534 वोट (24.04 वोट)
- गत लोकसभा चुनाव में कुल मतदान फीसद: 60.02 फीसद
सुपौल: मुद्दों पर नहीं समीकरणों से होता चुनाव
सुपौल लोकसभा क्षेत्र में मुद्दों की कमी नहीं, विकास के भी आयाम गढ़ गए हैं। लेकिन यहां का चुनाव कभी मुद्दों पर नहीं लड़ा गया। यहां हमेशा समीकरणों से चुनाव होता रहा है। इसलिए पार्टियां भी जातीय समीकरणों पर ही उम्मीदवारी तय किया करती हैं।
2004 के चुनाव में सहरसा लोकसभा क्षेत्र से लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के टिकट पर रंजीत रंजन विजयी हुईं थीं। 2009 में वे कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतरीं, लेकिन जदयू के विश्वमोहन कुमार से हार गईं। उस वक्त भाजपा और जदयू का गठबंधन था। 2014 के चुनाव में फिर कांग्रेस ने रंजीत रंजन को अपना प्रत्याशी बनाया। भाजपा से कामेश्वर चौपाल व जदयू से दिलेश्वर कामत भी मैदान में थे। त्रिकोणीय संघर्ष में रंजीत रंजन लगभग एक लाख मतों के अंतर से विजयी रहीं थीं। 2019 के चुनाव में कांग्रेस से फिर रंजीत रंजन को मैदान में उतारा है। सामने राजग उम्मीदवार जदयू के दिलेश्वर कामत हैं।

रंजीत रंजन की उम्‍मीदवारी का विरोध में सुर महागठबंधन के सबसे बड़े घटक दल राजद से निकले। ऐसे में यहां भितरघात की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। इस चुनाव में प्रत्याशियों की संख्या भी नतीजे को प्रभावित कर सकती है। 2014 के चुनाव में जहां 12 प्रत्याशी थे, वहीं इस बार 20 प्रत्‍याशी माल ठोक रहे हैं। ऐसे में वोटों के बंटवारे से नतीजे प्रभावित हो सकते हैं। वैसे यहां दोनों गठबंधनों में सीधा मुकाबला माना जा रहा है।
बीते चुनाव की बात करें तो यहां से कांग्रेस के टिकट पर रंजीता रंजन 3,32,927 वोट लाकर विजयी रहीं थीं। दूसरे स्‍थान पर रहे दिलेश्वर कामैत (जदयू) को 2,73,255 मत मिले थे। इस बार यहां के 16.90 लाख मतदाता मतदान केंद्रों पर 20 प्रत्‍याशियाें के भाग्‍य का फैसला लिखेंगे।
ये प्रत्याशी आजमा रहे किस्‍मत
1. किरण देवी (बसपा)
2. दिलेश्वर कामत (जदयू)
3. रंजीत रंजन (कांग्रेस)
4. मु. अबुल कलाम आजाद (जय हिन्द पार्टी)
5. कृष्णदेव मंडल (राष्ट्रवादी जनता पार्टी)
6. दीप नारायण मंडल (शिवसेना)
7. नवीन कुमार सिंह (बिहार लोक निर्माण दल)
8. प्रमोद कुमार निराला (वंचित समाज पार्टी)
9. भीम कुमार गुप्ता (जे एंड के नेशनल पैंथर्स पार्टी)
10. संजय सरदार (लोक सेवा दल)
11. संजीत कुमार चौधरी (आम जनता पार्टी राष्ट्रीय)
12. सत्य नारायण मेहता (जन अधिकार पार्टी)
13. मु. अफरोज आलम (निर्दलीय)
14. आनंद पाठक (निर्दलीय)
15. दिनेश प्रसाद यादव (निर्दलीय)
16. विनोद कुमार साहु (निर्दलीय)
17. राजेश कुमार (निर्दलीय)
18. राजेश कुमार (निर्दलीय)
19. संदीप कुमार सिंह (निर्दलीय)
20. सुधाकर झा (निर्दलीय)
2014 के चुनाव में प्रमुख प्रत्याशी और प्राप्त वोट
- रंजीत रंजन (कांग्रेस): 3,32,927 वोट
- दिलेश्वर कामैत (जदयू): 2,73,255 वोट
- कामेश्वर चौपाल (भाजपा): 2,49,693 वोट
अररिया: राजद व भाजपा में सीधा मुकाबला, आसान नहीं सरफराज की राह
अररिया में 12 प्रत्‍याशी चुनावी मैदान में हैं। हालांकि, मुख्‍य मुकाबला भाजपा के प्रदीप कुमार सिंह और राजद के सरफराज आलम के बीच होने की उम्‍मीद है। तत्‍कालीन सांसद मो. तस्लीमुद्दीन के निधन के बाद 2018 में हुए लोकसभा उपचुनाव में उनके बेटे सरफराज आलम ने भाजपा प्रत्‍याशी प्रदीप कुमार सिंह को हराया था। तब यहां जदयू तीसरे नम्‍बर पर रही थी। इस बार जदयू और भाजपा मिलकर चुनाव मैदान में हैं, इसलिए सरफराज की राह आसान नहीं दिख रही। हालांकि, सरफराज आलम को मो. तस्लीमुद्दीन का पुत्र हाेने का लाभ जरूर है। तस्‍लीमुद्दीन का इलाके में मान रहा है।
सन् 2018 के उपचुनाव की बात करें तो यहां मो. सरफराज आलम (राजद) को 509334 वोट मिले थे। दूसरे स्‍थान पर रहे भाजपा के प्रदीप कुमार सिंह को 447546 वोट मिले थे। इस बार यहां के 18.05 लाख मतदाता 1723 मतदान केंद्रों पर 12 प्रत्‍याशियाें के भाग्‍य का फैसला लिखेंगे।

इस बार मैदान में ताल ठोक रहे ये उम्‍मीदवार
1. सरफराज आलम (राजद)
2. प्रदीप कुमार सिंह (भाजपा)
3. रामनारायण भारती (बसपा)
4. ताराचंद पासवान (बमुपो)
5. सुदामा सिंह (बिहार लोनि दल)
6. मो. मतीन (निर्दलीय)
7. मो. मिन्हाज आलम (निर्दलीय)
8. मुकेश सिंह (निर्दलीय)
9. मो. मोबिनुल हक (निर्दलीय)
10. रामानंद ऋषिदेव (निर्दलीय)
11. अवाहिद खान (निर्दलीय)
12. शाहीन प्रवीण (निर्दलीय)
2014 के चुनाव के प्रमुख प्रत्‍याशी और प्राप्‍त वोट
- मो. तस्लीमुद्दीन (राजद): 407978 वोट
- प्रदीप कुमार सिंह (भाजपा): 261474 वोट
- विजय मंडल (जदयू): 221769 वोट
2018 के उपचुनाव के प्रमुख प्रत्‍याशी और प्राप्‍त वोट
- सरफराज आलम (राजद): 509334 वोट
- प्रदीप कुमार सिंह (भाजपा): 447546
खगडिय़ा: यहां राजग के महबूब की राजद के वीआइपी से टक्‍कर
खगडिय़ा लोकसभा क्षेत्र में कुल 20 प्रत्याशी मैदान में हैं, जिनके भाग्य का फैसला 1714 बूथों पर 16.67 लाख मतदाता करेंगे। यहां मुख्‍य मुकाबला राजग के लोजपा प्रत्‍याशी चौधरी महबूब अली कैसर और महागठबंधन के वीआइपी प्रत्‍याशी मुकेश सहनी के बीच है। इस लोकसभा में छह में पांच विधानसभाओं में जदयू के विधायक हैं। जबकि एकमात्र अलौली विघानसभा सीट राजद के कब्‍जे में है। हालांकि, खासबात यह भी है कि बीते विधानसभा चुनाव में जदयू व राजद एक साथ थे।
बीते लोकसभा चुनाव की बात करें तो यहां लोजपा के महबूब अली कैसर ने बाजी मारी थी। उनको 313806 वोट मिले थे। दूसरे स्‍थान पर रहीं राजद की कृष्णा कुमारी यादव को 237803 वोट मिले थे।

खगडिय़ा लोकसभा क्षेत्र से प्रत्याशी, एक नजर
1. चौधरी महबूब अली कैसर (लोजपा)
2. मुकेश सहनी (वीआइपी)
3. रमाकांत चौधरी (बसपा)
4. उपेंद्र सहनी (राष्ट्रीय जन संभावना पार्टी)
5. उमेशचंद्र भारती (आदर्श मिथिला पार्टी)
6. तेज बहादुर सिंह (प्राउटिस्ट सर्व समाज)
7. धीरेंद्र चौधरी (आम अधिकार पार्टी)
8. मधुबाला देवी (आम जनता पार्टी राष्ट्रीय)
9. मोनी कुमार (बहुजन मुक्ति पार्टी)
10. विनय कुमार वरुण (जनहित किसान पार्टी)
11. संजीव कुमार साकेत (शिव सेना)
12. सुनील यादव (गरीब जनशक्ति पार्टी)
13. कुंदन कुमार (निर्दलीय)
14. नागेंद्र सिंह त्यागी (निर्दलीय)
15. प्रमानंद सिंह (निर्दलीय)
16. प्रियदर्शी दिनकर (निर्दलीय)
17. बंदन कुमार सिंह (निर्दलीय)
18. शिवनारायण सिंह (निर्दलीय)
19. शोभा देवी (निर्दलीय)
20. संग्राम कुमार सदा (निर्दलीय)
2014 के चुनाव के प्रमुख प्रत्‍याशी और प्राप्‍त वोट
- चौधरी महबूब अली कैसर (लोजपा): 313806 वोट
- कृष्‍णा कुमारी यादव (राजद): 237803 वोट
- दिनेश चंद्र यादव (जदयू): 220316 वोट
झंझारपुर: यहां जदयू-राजद की टक्‍कर में दमदार निर्दलीय का फंसा पेंच
झंझारपुर में जदयू के रामप्रीत मंडल और राजद के गुलाब यादव के बीच टक्कर होती दिख रही है। हालांकि, पांच बार इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्‍व कर चुके पूर्व मंत्री देवेंद्र प्रसाद यादव भी मुकाबले में हैं। पिछली बार वे जदयू में थे, लेकिन इस बार निर्दलीय ही मैदान में हैं। यहां 1929 बूथों पर 18.50 लाख मतदाता 17 प्रत्‍याशियों की किस्‍मत का फैसला करेंगे।
राजद को परंपरागत एम-वाइ (मुस्लिम-यादव) समीकरण के अलावा कुशवाहा, सहनी व दलित वर्ग के वोटों की उम्‍मीद है। यहां के 18.25 लाख वोटरों में यादव करीब 2.80 लाख तथा मुस्लिम करीब 2.50 लाख हैं। राजग को करीब 3.50 लाख पिछड़े-अति पिछड़े तथाकरीब 2.50 लाख सवर्ण वर्ग के वोटों की उम्‍मीद है। यहां पिछड़े-अति पिछड़े वर्ग के प्रभुत्‍व का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि मंडल आयोग की सिफारिशें लागू होने के बाद से अब तक यह सीट इसी वर्ग के हाथ में रही है।
जहां तक राजद उम्मीदवार गुलाब यादव का सवाल है तो वे वर्तमान में झंझारपुर के विधायक हैं। वहीं, जदयू उम्मीदवार रामप्रीत मंडल खुटौना के प्रमुख हैं। दोनों पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। इस बार न तो महिला और न ही अल्पसंख्यक उम्मीदवार मैदान में हैं।
बीते लोकसभा चुनाव की बात करें तो यहां भाजपा के वीके चौधरी ने बाजी मारी थी। उनको 335481 वोट मिले थे। दूसरे स्‍थान पर रहे राजद के मंगनी लाल मंडल को 280073 वोट मिले थे।

झंझारपुर लोकसभा क्षेत्र के उम्मीदवार
1. गुलाब यादव (राजद)
2. रामप्रीत मंडल (जदयू)
3. देवेंद्र प्रसाद यादव (सजद-डी)
4. राजकुमार सिंह (बसपा)
5. गंगा प्रसाद यादव (पीपुल्स पार्टी ऑफ इंडिया-डेमोक्रेटिक)
6. छेदी राम (भारतीय मित्र पार्टी)
7. प्रभात प्रसाद सुहेलदेव (भारतीय समाज पार्टी)
8. रत्नेश्वर झा (आदर्श मिथिला पार्टी)
9. रामानंद ठाकुर (शिवसेना)
10. रमेश कुमार कामत (आम अधिकार मोर्चा)
11. लक्ष्मण प्रसाद यादव (रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया-ए)
12. सुरेंद्र प्रसाद सुमन (ऑल इंडिया फारवर्ड ब्लॉक)
13. ओमप्रकाश पोद्दार (निर्दलीय)
14. गणपति झा(निर्दलीय)
15. बबलू गुप्ता(निर्दलीय)
16. विपिन कुमार सिंहवैत(निर्दलीय)
17. संजय भारतीय (निर्दलीय)
2014 के चुनाव के प्रमुख प्रत्‍याशी और प्राप्‍त वोट
- वीके चौधरी (भाजपा): 335481 वोट
- मंगनी लाल मंडल (राजद): 280073 वोट
- देवेंद्र प्रसाद यादव (जदयू): 183591 वोट
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