EXIT POLL के रुझान के साथ चर्चा में केंद्र की सत्ता, चुनाव परिण्‍ााम को ले गॉसिप का दौर

लोकसभा चुनाव की वोटिंग के बाद अब EXIT POLL के रुझान आ गए हैं। इसके साथ ही चुनाव परिण्‍ााम व अगली केंद्र सरकार को को ले चर्चाओं का दौर चल पड़ा है।

By Amit AlokEdited By: Publish:Mon, 20 May 2019 09:56 PM (IST) Updated:Mon, 20 May 2019 11:57 PM (IST)
EXIT POLL के रुझान के साथ चर्चा में केंद्र की सत्ता, चुनाव परिण्‍ााम को ले गॉसिप का दौर
EXIT POLL के रुझान के साथ चर्चा में केंद्र की सत्ता, चुनाव परिण्‍ााम को ले गॉसिप का दौर

पटना [राज्य ब्यूरो]। कल तक लंबे चुनाव को लेकर बहसों में फंसे लोगों के लिए मतदान खत्म होते ही बहस के मुद्दे बदल गए हैं। कौन कहां से जीत सकता है वाली चर्चा अब एग्जिट पोल के रुझान से लेकर केंद्र की सत्ता पर आकर केंद्रित हो गई है।

सड़क किनारे की चाय दुकानें हों या फिर सचिवालय के गलियारे या सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म हर जगह एक ही चर्चा। देश में किसकी सरकार बनेगी। एनडीए क्या अगले पांच साल तक फिर केंद्र की सत्ता में रहेगा या फिर यूपीए के लिए 23 के परिणाम कुछ विकल्प लेकर आएंगे। बहस के इस दौर में चर्चा बीते पांच साल की और आने वाले पांच साल साथ-साथ चलती है।

सवाल वही जो हर जेहन में उठ रहे हैं। सवाल, लगभग तमाम एग्जिट पोल एक ही बात कह रहे हैं तो इसे क्या माना जाए? जवाब भी कुछ उस अंदाज में 'चलिए आप मानिए या फिर न मानिए इतना तो मान लीजिए कि 23 मई तक तो केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार है न? सवाल और भी हैं। जैसे तो क्या कांग्रेस को विपक्षी दल की मान्यता मिलेगी या फिर उस पर भी खतरा है? इसका जवाब भी सीधा-सीधा, अगर एग्जिट पोल दिखा रहा है कि यूपीए को 123 से 130 सीट मिल रही है ऐसे में तो विपक्षी दल की मान्यता मिल ही जाएगी।

बहस और सवालों का दौर आगे बढ़ता है तो चर्चा यह भी चल निकलती है कि बड़ा सवाल यह है कि एग्जिट पोल के पचास फीसद से अधिक परिणाम बाद में गलत भी तो हो जाते हैं। लेकिन हाजिरी जवाबी भी कुछ उसी अंदाज में, तो आप यह तो मानते हैं कि पचास प्रतिशत सही भी तो होते हैं।

बहरहाल, एग्जिट पोल से लेकर केंद्र की सत्ता तक पर चलने वाली यह बहस अभी दो-तीन दिन और जारी रहेगी। चुनाव आयोग की मतगणना के बाद जो परिणाम आएंगे उसके बाद यह बहस नया मोड़ लेगी। तब संभव है कि बातचीत और बहस के मुद्दे बदल जाएं पर इस बहस, बातचीत के केंद्र में एनडीए बनाम यूपीए ही रहेगी। खैर, आम जन की इस जारी बहस के बीच इन तमाम लोगों के साथ ही हम भी परिणामों का इंतजार करेंगे और फिलहाल एग्जिट पोल को लेकर जारी बहस पर गौर करते रहेंगे।

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