Exclusive Interview में बोले वरुण गांधी, 'मेरे लिए यह चुनाव पहले से ज्यादा आसान'

वंशवाद देश के लिए शुभ संकेत नहीं है। मेरे नाम के आगे गांधी नहीं होता तो शायद मुझे भी मौका नहीं मिलता। इसका मनोवैज्ञानिक दबाव महसूस करता हूं।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Publish:Fri, 26 Apr 2019 10:31 AM (IST) Updated:Fri, 26 Apr 2019 10:32 AM (IST)
Exclusive Interview में बोले वरुण गांधी, 'मेरे लिए यह चुनाव पहले से ज्यादा आसान'
Exclusive Interview में बोले वरुण गांधी, 'मेरे लिए यह चुनाव पहले से ज्यादा आसान'

नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। लोकसभा की आधी से ज्यादा सीटों पर मतदान हो चुका है। उत्तर प्रदेश में चुनाव अब उस पूर्व की ओर बढ़ चला है जहां कांग्रेस ने प्रियंका गांधी वाड्रा के सहारे जमीन हासिल करने की रणनीति बनाई है। लेकिन गांधी परिवार से ही आने वाले पीलीभीत से भाजपा के उम्मीदवार वरुण गांधी साफ साफ कहते हैं कि कांग्रेस के नेताओं के पास ऐसा कोई सकारात्मक मुद्दा नहीं है जिसके सहारे लहर पैदा कर सकें। वह यह भी कहते हैं कि पार्टी चाहेगी तो वह अमेठी और रायबरेली जाकर भी भाजपा प्रत्याशी के लिए प्रचार करेंगे। दैनिक जागरण के राष्ट्रीय ब्यूरो प्रमुख आशुतोष झा से हुई इस बातचीत का अंश:

प्रश्न : आप तीसरी बार चुनाव मैदान में थे। क्या यह पिछले दो चुनावों से ज्यादा कठिन चुनाव था?

उत्तर : सीधे सीधे शब्दों में कहूं तो यह चुनाव मेरे लिए पहले से ज्यादा आसान था। श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह जी के सांगठनिक कौशल को दूंगा। संगठन आज जितना मजबूत है वह पहले कभी नहीं था। मुझे पहली बार लगा कि आप तो लड़ रहे हैं लेकिन आपके लिए आपके पीछे पूरी सेना भी खड़ी है और लड़ रही है। पहले बहुत बड़ा बोझ उम्मीदवार पर होता था इस बार पूरी सेना खड़ी थी। और मैं कह सकता हूं कि इसका असर दिखेगा।

प्रश्न : लेकिन जातिगत स्तर पर मजबूत गठबंधन खड़ा है। क्या उसका कोई असर नहीं हो रहा है?

उत्तर : महागठबंधन क्रूर जातिगत और क्षेत्रीय आधार पर बना है। यह नहीं कहूंगा कि उसका कोई असर नहीं है, लेकिन राजनीति बदल गई है। जो वोट डालने जाते हैं उनके दिमाग में तीन बातें होती हैं, पहला यह कि क्या मेरा आने वाला कल आज से अच्छा होगा और कौन सी पार्टी यह ढांचा तैयार कर सकती है। दूसरा यह कि जो सत्ता में है उसने विश्वसनीयता बनाई है या नहीं, उसका नेतृत्व कैसा है और तीसरा यह कि स्थानीय उम्मीदवार आकांक्षाओं पर खरा उतरेगा या नहीं, क्या वह सपने पूरे करने मे सेतु बनेगा। जिस गठबंधन की बात आप कर रहे हैं वह केवल एक ही उद्देश्य से बना है- खुद की सफलता, और मोदी रोको अभियान। यह सकारात्मक पहलू नहीं है। उनके पास कोई सकारात्मक कार्यक्रम नहीं है। यह गठबंधन इस मोर्चे पर फेल है।

प्रश्न : आपके क्षेत्र पीलीभीत में मतदान हो चुका है, क्या अब आपको लगता है कि सीट बदलने का फैसला सही था?

उत्तर : पीलीभीत में सात बार हमलोग जीत चुके हैं। लोगों ने अपनत्व भी दिखाया। पहली बार जब मैं पीलीभीत से लड़ा था तो तीन लाख से ज्यादा मतों से विजयी हुआ था। ईश्वर ने चाहा तो भव्य विजय मिलेगी। जहां तक सीट बदलने की बात है तो यह पार्टी का निर्णय था। नेतृत्व परिपक्वहै और उसने जो निर्णय लिया अच्छा लिया। मैं यह कह सकता हूं कि पीलीभीत के साथ साथ आसपास की कई सीटों पर भी प्रभाव पड़ेगा।

प्रश्न : क्या किसी दूसरे क्षेत्र में प्रचार के लिए जाएंगे?

उत्तर : सुल्तानपुर से मेरी मां चुनाव लड़ रही हैं और वहां से मेरा लगाव भी रहा है। वहां तो जाऊंगा ही, पार्टी ने कहा है कि कुछ और क्षेत्रों में जाना होगा। जहां निर्देश होगा वहां जाऊंगा।

प्रश्न : अमेठी, रायबरेली जैसी सीटों पर जाएंगे आप भाजपा का प्रचार करने?

उत्तर : हां, बिल्कुल। अगर पार्टी ऐसा फैसला करती है तो उसका पालन होगा। मैं राजनीति को व्यक्तिगत स्पद्र्धा से बाहर मानता हूं लेकिन पार्टी का प्रचार करने जहां कहीं भेजा जाएगा, वहां जाऊंगा...। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काम के बारे में, भाजपा संगठन के बारे में प्रचार करने, पार्टी प्रत्याशी के लिए वोट मांगने जाऊंगा...। इसमें किसी संशय की बात कहां है। कोई इसका विरोध करे तो फिर पार्टी में रहने का क्या औचित्य है।

प्रश्न : अगर आप यह मानते हैं तो अब तक अमेठी, रायबरेली जाने से पहले क्यों बचते रहे?

उत्तर : मैं कभी नहीं बचता रहा। किसी ने कभी ऐसा आग्रह ही नहीं किया तो कैसे जाते।

प्रश्न : राहुल गांधी अमेठी के साथ साथ वायनाड से भी चुनाव लड़े रहे हैं। भाजपा ने इसे मुद्दा बनाया था। आप कुछ कहेंगे?

उत्तर : इसका उत्तर वही दें। लेकिन मैं दावे के साथ यह कह सकता हूं कि कहीं भी नकारात्मकता नहीं चलती है। जनता के पास जाना है तो सकारात्मक विजन लेकर जाना होगा। लोगों को बताना होगा कि वह कैसे देश और समाज को नई ऊंचाई पर पहुंचा सकते हैं। मोदी जी हर जगह एक विजन देते हैं। पांच दस साल बाद भारत कहां होगा और कैसे पहुंचाया जाएगा। किसानी की बात हो या परमाणु शक्ति की, उन्होंने करके भी दिखाया है और उनके पास आगे की सोच भी है। लोग इसे सराहते हैं। वहीं, दूसरी ओर ऐसा कोई विजन नहीं है। केवल विरोध, केवल विरोध। कोरे नारे। इस राजनीति को जनता नहीं स्वीकारती है।

प्रश्न : कांग्रेस ने प्रियंका पर दांव खेला है। वह पहली बार सक्रिय राजनीति कर रहीं हैं। दो महीने हो गए। आप उनका कितना असर देखते हैं?

उत्तर : मैं फिर से कह रहा हूं कि कांग्रेस के पास बताने को कुछ नहीं है। लोग किसी को देखने चले जाएं यह बात अलग है, लेकिन बताएंगी क्या। जनता जब वापस घर जाती है तो चर्चा होती है कि मोदी क्यों, भाजपा क्यों...। मोदी सरकार ने काम करके दिखाया है। लोगों के जीवन में बदलाव आया है। मैं अपना अनुभव बताऊं- जब मैं जाता हूं और कहता हूं कि मैं आपका बेटा हूं, आपका अपना हूं, तो लोगों के बीच मार्मिक जुड़ाव हो सकता है लेकिन जब मैं बताता हूं कि मैं शिक्षा के लिए, खेती के लिए, कोल्ड चेन के लिए क्या क्या करने वाला हूं तो उनके बीच उत्साह बढ़ता है। उनकी आशा जगती है, उन्हें लगता है कि उनके सपने पूरे होने के दिन आ गए हैं। इसीलिए कहता हूं कि केवल भावना के आधार पर कोई बड़ा असर नहीं हो सकता है। उससे वोट नहीं उमड़ने वाला है।

प्रश्न : माना जाता है कि प्रियंका से आपके मधुर रिश्ते हैं। क्या उन्होंने आपसे कभी कोई सुझाव मांगा?

उत्तर : देखिए मैं साफ करना चाहता हूं कि मेरा परिवार केवल और केवल मेरी मां, मेरी पत्नी और मेरी बेटी है। इसके अलावा जो मेरा परिवार कहलाता है उनसे मेरा केवल औपचारिक और शिष्ट संबंध है। मेरी मां ने बहुत तपस्या से मुझे बड़ा किया है।

प्रश्न : लेकिन राजनीतिज्ञ के रूप में क्या आपको लगता है कि बहुत जल्द प्रियंका अब संसद में भी दिखेंगी?

उत्तर : इस पर मैं क्या बोलूं।

प्रश्न : वंशवाद ऐसा सवाल है जिस पर भाजपा लगातार कांग्रेस को घेरती है। आप क्या कहेंगे, क्योंकि आपके ऊपर भी तोहमत लगेगा?

उत्तर : वंशवाद देश के लिए शुभ संकेत नहीं है। अगर मेरे नाम के आगे गांधी नहीं होता तो शायद मुझे भी मौका नहीं मिलता। इसका मनोवैज्ञानिक दबाव महसूस करता हूं और इसीलिए जब किसी नौजवान को आठ घंटे कठिन परिश्रम करते देखता हूं तो मैं सोलह घंटे काम करने की कोशिश करता हूं। मेरे जेहन में यह रहता है कि मुझे अवसर मिला है तो खुद को साबित करके दिखाना होगा। मेरे जैसे लोगों पर ज्यादा जिम्मेदारी है कि हम एक रास्ता बनें गैर राजनीतिक परिवार से आए नौजवानों को राजनीति और समाज की मुख्यधारा में लाएं। मैं कोशिश करूंगा।

प्रश्न : भाजपा नेतृत्व का दावा है कि पार्टी इस बार ज्यादा सीटों पर जीतकर आएगी। आप सहमत हैं?

उत्तर : सौ फीसद सहमत हूं। मोदी जी की लोकप्रियता पहले से भी अधिक है। लोगों ने मोदी जी को काम करते देखा है। ईमानदारी, कर्मठता देखी है। वह एकमात्र प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने गरीबी देखी है। संघर्ष से निकलकर उन्होंने रास्ता बनाया। वडनगर से वाशिंगटन डीसी तक उन्होंने झंडा फहराया है। हम तीन सौ पार करेंगे।

लोगों को अब आदत हो गई है स्पष्ट बहुमत देने की।

प्रश्न : क्या कांग्रेस के लिए कोई भविष्यवाणी?

उत्तर : मुझे लगता है सौ से नीचे। और इसका कारण भी मैं बताता हूं। कांग्रेस के साथ कोई नया वोट नहीं जुड़ रहा है।

प्रश्न : आखिरी सवाल, आपने हाल में किसानों की बदहाली पर एक किताब लिखी थी। अब क्या महसूस करते हैं?

उत्तर : मैं आपको बताऊं कि जब मैंने किताब लिखी तो नीति आयोग से फोन आया। मिलने को बुलाया। मैंने दो घंटे प्रजेंटेशन दिया। बाद में देखा कि बजट में पैसा बढ़ गया है। अर्थ यह है कि मोदी सरकार लोगों की बातें सुनती है। सरकार ऐसी ही चाहिए।

chat bot
आपका साथी