मोदी की सुनामी में वंशवादी किले ध्‍वस्‍त, राहुल, डिंपल और अक्षय हारे, हुड्डा परिवार भी साफ

वंशवाद के बल पर संसद पहुंचने का ख्वाब देखने वाले नेताओं को मतदाताओं ने इस बार आइना दिखा दिया है। हाल यह है कि मोदी की सुनामी में वंशवाद के मजबूत से मजबूत किले भी ढह गए हैं।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Thu, 23 May 2019 07:28 PM (IST) Updated:Fri, 24 May 2019 10:11 AM (IST)
मोदी की सुनामी में वंशवादी किले ध्‍वस्‍त, राहुल, डिंपल और अक्षय हारे, हुड्डा परिवार भी साफ
मोदी की सुनामी में वंशवादी किले ध्‍वस्‍त, राहुल, डिंपल और अक्षय हारे, हुड्डा परिवार भी साफ

नई दिल्ली, हरिकिशन शर्मा। Lok Sabha Election 2019 Result वंशवाद के बल पर संसद पहुंचने का ख्वाब देखने वाले नेताओं को मतदाताओं ने इस बार आइना दिखा दिया है। हाल यह है कि मोदी की सुनामी में वंशवाद के मजबूत से मजबूत किले भी ढह गए हैं। बड़े-बड़े नामदार नेताओं को जनता ने धूल चटा दी है। देश पर सबसे लंबे समय तक शासन करने वाले नेहरु-गांधी खानदान को उसके मजबूत गढ़ अमेठी से जनता ने उखाड़ फेंका है। यहां से चौथी बार संसद में पहुंचने की कोशिश कर रहे कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने हरा दिया है।

ज्योतिरादित्य सिंधिया भी हारे
माना जा रहा है कि राहुल को इस सीट पर हार का अंदेशा था, इसलिए उन्होंने केरल में मुस्लिम बहुल वायनाड सीट से चुनाव लड़ा जहां से उन्हें जीत हासिल हुई है। इसी तरह मध्य प्रदेश की गुना सीट से चौथी बार चुनाव लड़ रहे कांग्रेस नेता और पश्चिम उत्तर प्रदेश के प्रभारी ज्योतिरादित्य सिंधिया को भी जनता ने बुरी तरह हरा दिया है। गुना सीट से सिंधिया के पिता माधवराव सिंधिया और उनकी दादी राजमाता विजयाराजे सिंधिया चुनाव जीतती रही हैं। इसी तरह हरियाणा में सोनीपत के मतदाताओं ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपिन्दर सिंह हुड्डा का संसद में बैठने का सपना चकनाचूर कर दिया है जबकि उनके बेटे दीपेन्दर सिंह हुड्डा हार के कगार पर हैं। दीपेन्दर यहां से चौथी बार संसद पहुंचने की कोशिश कर रहे थे।

एच. डी. देवगौड़ा भी हार की ओर
हरियाणा में ही पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल के पौत्र और कुलदीप विश्नोई के बेटे को भी हार का सामना पड़ा है। इसी तरह पूर्व उपप्रधानमंत्री देवीलाल के प्रपौत्र और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री पौत्र दिग्विजय और दुष्यंत चौटाला को भी हार का मुंह का देखना पड़ा है। राजस्थान में जोधपुर से संसद पहुंचने का ख्वाब देख रहे मुख्यमंत्री अशोक गहलौत के बेटे के वैभव गहलौत को भी निराशा हाथ लगी है। वशंवाद के प्रति जनता के गुस्से का अंदाजा इस तथ्य से लगाया जा सकता है कि कर्नाटक की तुमकुर लोक सभा सीट से चुनाव लड़ रहे पूर्व प्रधानमंत्री एच. डी. देवगौड़ा भी भारी मतों से पीछे चल रहे हैं। वशंवाद की राजनीति करने वाली उनकी पार्टी जेडीएस मात्र एक सीट पर ही आगे चल रही है।

रालोद का सूपड़ा साफ
उत्तर प्रदेश में पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की विरासत के नाम पर राजनीति करने वाले राष्ट्रीय लोक दल का भी सूपड़ा साफ हो गया है। आरएलडी के अध्यक्ष चौधरी अजीत सिंह अपने ही गढ़ मुजफ्फरनगर में बुरी तरह हार गये हैं जबकि बागपत से उम्मीदवार उनके बेटे जयंत चौधरी भी पीछे चल रहे हैं। इसी तरह मुलायम सिंह यादव के परिवार के कई सदस्य भी चुनाव हार गये हैं। कन्नौज से सपा उम्मीदवार और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पत्‍‌नी डिंपल यादव चुनाव हार गयी हैं। वहीं यादव परिवार के सदस्य धर्मेन्द्र यादव भी बदायूं से चुनाव हार गये हैं। यादव परिवार के एक और सदस्य अक्षय यादव फिरोजाबाद से चुनाव हार गये हैं। वहीं बिहार में भी लालू प्रसाद यादव के राजद पूरी तरह साफ हो गया है। पाटलीपुत्र सीट से लालू की बेटी मीसा यादव चुनाव हार गयी हैं।

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