LokSabha Elections 2019 : पूर्वांचल की इन नौ सीटों पर भाजपा के सामने अपनों को सहेजने की चुनौती
लोकसभा चुनाव में भाजपा के सामने अपनी विरासत को बचाने की चुनौती है तो सपा-बसपा गठबंधन अपने मतों को एक दूसरे को ट्रांसफर करके भाजपा को शिकस्त देने की तैयारी में है।
प्रदीप श्रीवास्तव, गोरखपुर। लोकसभा चुनाव में भाजपा के सामने अपनी विरासत को बचाने की चुनौती है तो सपा-बसपा गठबंधन अपने मतों को एक दूसरे को ट्रांसफर करके भाजपा को शिकस्त देने की तैयारी में है। पिछले चुनाव में गोरखपुर-बस्ती मंडल में भाजपा अपने दम पर सपा और बसपा पर भारी पड़ी थी। दोनों मंडलों की नौ में से पांच सीटों पर सपा और बसपा दोनों को मिले मतों से अधिक मत अकेले भाजपा को मिले थे। केवल चार सीटों पर ही सपा और बसपा को मिले मतों की संख्या भाजपा से अधिक मत थी। गोरखपुर, बांसगांव, देवरिया, सलेमपुर, महराजगंज सीट पर सपा और बसपा दोनों मिलकर भी भाजपा को मिले मतों के करीब नहीं पहुंचे थे। संतकबीरनगर, बस्ती और डुमरियागंज की सीट ऐसी थी जहां दोनो पार्टियां मिलकर भाजपा को चुनौती देती दिखीं। कुशीनगर में तो सपा और बसपा प्रत्याशी को कांग्रेस प्रत्याशी से भी कम मत मिले थे। इस बार भाजपा के सामने अपने पुराने मतों को सहजने की चुनौती है।
गोरखपुर
भगवा गढ़ कहे जाने वाले गोरखपुर संसदीय सीट पर भाजपा के योगी आदित्यानाथ को जितना मत अकेले मिला था सपा-बसपा मिलकर भी करीब 14 प्रतिशत मत से पीछे थे। यहां योगी आदित्यनाथ को 51.8 फीसद तो सपा की राजमति निषाद और बसपा के रामभुआल निषाद दोनों को मिलाकर कुल 37 फीसद मत ही मिले थे। इस सीट पर रामभुआल निषाद इस बार सपा के टिकट पर महागठबंधन के प्रत्याशी के रूप में भाजपा प्रत्याशी व फिल्म अभिनेता रवि किशन के सामने हैं। इस सीट पर कांग्रेस के प्रत्याशी अष्टभुजा शुक्ला को मात्र 4.3 मत मिले थे।
बांसगांव
यहां भाजपा के कमलेश पासवान को 47.6 फीसद तो सपा गोरख प्रसाद और और बसपा के सदल प्रसाद को मिलाकर 41 फीसद मत मिले थे। कांग्रेस के संजय कुमार ने करीब पांच फीसद मत पाकर अपनी उपस्थिति दर्ज कराया था। महागठबंधन में यह सीट इस बार बसपा के खाते में है। बसपा ने फिर सदल प्रसाद पर दांव लगाया है। भाजपा ने पहले ही कमलेश पासवान को यहां से उतार दिया है।
देवरिया सदर
इस सीट पर भाजपा को सपा और बसपा को मिले मतों से 15 फीसद अधिक मत मिले थे। भाजपा के कलराज मिश्र को 51 फीसद तो बसपा के नियाज अहमद को 23.7 और सपा के बालेश्वर यादव को 15.5 फीसद मत मिले थे। कांग्रेस प्रत्याशी सभा कुंवर को मात्र 3.8 फीसद मत मिले। इस बार महागठबंधन से बसपा के सिंबल पर विनोद कुमार जायसवाल मैदान में हैं। पिछली बार बसपा से ताल ठोंकने वाले नियाज अहमद कांग्रेस के टिकट पर मैदान में हैं। तो भाजपा ने इस बार पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ.रमापति राम त्रिपाठी को प्रत्याशी बनाया है।
सलेमपुर
पिछले आम चुनाव में इस सीट पर भाजपा ने रविंद्र कुशवाहा को मैदान में उतारा था। रविंद्र कुशवाहा को कुल 45.8 फीसद मत मिले थे। सपा के हरिवंश कुशवाहा और बसपा के रविशंकर सिंह को करीब 18-18 फीसद मत मिले थे। कांग्रेस के भोला पांडेय को मात्र 4.8 फीसद मत मिले थे। इस सीट पर कांग्रेस, सपा और बसपा तीनों मिलकर भी भाजपा प्रत्याशी के करीब नहीं पहुंच सकी थीं। भाजपा ने इस बार भी रविंद्र कुशवाहा पर विश्वास जताया है। बसपा ने आरएस कुशवाहा को टिकट दिया है।
महराजगंज
महराजगंज में भी भाजपा अकेले सपा-बसपा पर भारी पड़ी थी। यहां भाजपा के पंकज चौधरी को 44.4 फीसद तो बसपा के काशीनाथ को 21.8 और सपा के अखिलेश को 20.1 (दोनो को मिलाकर 41.9) फीसद मत मिले थे। कांग्रेस के टिकट से हर्षवर्धन को 5.3 फीसद मत मिले थे। भाजपा ने इस बार भी पंकज चौधरी पर दांव लगाया है तो कांग्रेस ने हर्षवर्धन की पुत्री सुप्रिया पर विश्वास जताया है। गठबंधन ने अभी अपने पत्ते नहीं खोले हैं।
कुशीनगर
गोरखपुर-बस्ती मंडल में केवल कुशीनगर ही ऐसी सीट थी जहां भाजपा के सामने कड़ी चुनौती थी। यहां भाजपा के राजेश पांडेय को 38.9 फीसद मत मिले थे। काग्रेस के आरपीएन सिंह ने भाजपा को यहां कड़ी टक्कर दी थी। आरपीएन सिंह को को 29.9 फीसद मत मिले थे जबकि सपा और बसपा प्रत्याशी 25 फीसद तक ही पहुंच पाए थे। इस बार यहां से कांग्रेस को छोड़कर सभी नए प्रत्याशी मैदान में है। कांग्रेस ने आरपीएन सिंह पर पुन: विश्वास जताया है तो महागठबंधन की तरफ से सपा के सिंबल पर एनपी कुशवाहा मैदान में हैं। भाजपा ने अपने पूर्व विधायक विजय दुबे को मैदान में उतारा है।
बस्ती
यह सीट भाजपा ने बसपा से छीनी थी। मतों के बिखराव का फायदा भाजपा प्रत्याशी हरीश द्विवेदी को मिला और 34.1 प्रतिशत मत पाकर वह विजयी रहे। यहां सपा बसपा को मिले मत भाजपा को मिले मत से अधिक थे। दोनों पार्टियों को 57 प्रतिशत मत मिले थे। सपा के बृजकिशोर सिंह को 30.9 और बसपा के रामप्रसाद को 27 फीसद मत मिले थे। इस बार गठबंधन में यह सीट बसपा के खाते में गई और बसपा ने पिछले चुनाव में भाजपा को कड़ी टक्कर देने वाले रामप्रसाद पर ही दांव लगाया है।
संतकबीरनगर
भाजपा को इस सीट पर भी मतों के बिखराव का फायदा मिला था। पिछली बार भाजपा के सांसद शरद त्रिपाठी को 34.4 फीसद जबकि सपा-बसपा को 48 फीसद मत मिले थे। भीष्मशंकर तिवारी को अकेले 24.7 फीसद मत मिले थे। सपा के भालचंद्र यादव 23.7 मत के साथ तीसरे स्थान पर थे। भाजपा को कड़ी टक्कर देने वाले भीष्मशंकर तिवारी को बसपा ने अपना प्रत्याशी बनाया है। वहीं इस बार भाजपा ने सपा से भाजपा में गए प्रवीण निषाद को प्रत्याशी बनाया है।
डुमरियागंज
इस सीट पर भी भाजपा को सपा बसपा के मतों के बिखराव का फायदा मिला था। भाजपा के जगदंबिका पाल को 31.9 फीसद मत मिले थे जबकि सपा और बसपा प्रत्याशियों को 39 मत मिले थे। भाजपा ने इस बार भी जगदंबिका पाल पर दांव लगाया है जबकि गठबंधन की तरफ से बसपा ने आफताब आलम को मैदान में उतारा है।
2014 में भाजपा व सपा-बसपा (दोनों का जोड़) को मिले मत
गोरखपुर
भाजपा - 539127
सपा-बसपा - 402756
बांसगांव
भाजपा - 417959
सपा व बसपा - 362118
देवरिया
भाजपा- 496500
सपा व बसपा - 381966
सलेमपुर
भाजपा - 392213
सपा व बसपा - 319559
महराजगंज
भाजपा - 471542
सपा व बसपा - 445056
कुशीनगर
भाजपा - 370051
सपा व बसपा - 418392
बस्ती
भाजपा - 357680
सपा व बसपा - 607860
संतकबीरनगर
भाजपा - 348892
सपा व बसपा - 491083
डुमरियागंज
जगदंबिका पाल - 298845
सपा व बसपा - 370035