दिल्ली के सियासी अखाड़े में नहीं दिखेगा ओलंपियन सुशील का दांव

ओलंपियन सुशील कुमार ने सरकारी नौकर होने के कारण उन्होंने खुद ही चुनाव लड़ने से इन्कार कर दिया।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Tue, 23 Apr 2019 03:05 AM (IST) Updated:Tue, 23 Apr 2019 03:05 AM (IST)
दिल्ली के सियासी अखाड़े में नहीं दिखेगा ओलंपियन सुशील का दांव
दिल्ली के सियासी अखाड़े में नहीं दिखेगा ओलंपियन सुशील का दांव

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली के सियासी अखाड़े में ओलंपियन सुशील कुमार का दांव नहीं दिखेगा। उनका टिकट कटा नहीं है, बल्कि सरकारी नौकर होने के कारण उन्होंने खुद ही चुनाव लड़ने से इन्कार कर दिया। हालांकि, इस पूरे प्रकरण में कई अपुष्ट सूचनाएं भी सामने आ रही हैं।

पार्टी सूत्रों के मुताबिक पश्चिमी दिल्ली सीट से सुशील कुमार के नाम का प्रस्ताव 11 अप्रैल को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआइसीसी) की केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) की बैठक में पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ने रखा था। हालांकि, प्रदेश कांग्रेस प्रभारी पीसी चाको ने आलाकमान को जो सूची भेजी, उसमें पूर्वांचल के मतदाताओं का बड़ा समीकरण पेश करते हुए उन्होंने इस सीट से महाबल मिश्रा का ही नाम रखा। आलाकमान चाको के तर्क से सहमत नहीं हुआ। शनिवार सुबह जिस सूची पर हस्ताक्षर किए गए और जो रविवार को घोषित होनी थी, उसमें पश्चिमी दिल्ली सीट से महाबल का नाम काटकर खुद से सुशील कुमार लिख दिया गया।

सोमवार सुबह जब सीईसी प्रभारी मुकुल वासनिक ने दिल्ली की छह सीटों के उम्मीदवारों की सूची जारी की तो उसमें सुशील कुमार की जगह पश्चिमी दिल्ली से महाबल मिश्रा का ही नाम लिखा था। सूत्रों की मानें तो महाबल को अपनी यह सीट इसलिए वापस नहीं मिली, क्योंकि उनके समर्थकों ने रविवार को कांग्रेस मुख्यालय पर जोरदार धरना-प्रदर्शन किया था, बल्कि इसकी वजह दूसरी है। बताया जाता है कि सुशील ने खुद ही चुनाव लड़ने से इन्कार कर दिया।

पार्टी सूत्रों के मुताबिक सुशील सरकारी नौकरी में हैं। पहले वह उत्तर रेलवे में कमर्शियल अफसर थे। बाद में प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली सरकार में विशेष कार्याधिकारी (खेल) बन गए। इस प्रतिनियुक्ति पर भी उनका एक कार्यकाल तो पूरा हो चुका है और दोबारा विस्तार मिला है। अपुष्ट सूत्रों के मुताबिक सुशील ने नौकरी से त्यागपत्र देना चाहा, लेकिन वह स्वीकार नहीं हुआ। मजबूरन उन्हें चुनाव लड़ने का इरादा त्यागना पड़ा।

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