West Bengal Lok Sabha Election Result 2019: मोदी की सुनामी से हारे दीदी के दिग्गज

West Bengal Election Result 2019 पश्चिम बंगाल में मोदी की सुनामी ऐसी चली कि ममता बनर्जी के कैबिनेट मंत्री सुब्रत मुखर्जी समेत कई दिग्गज साफ हो गए।

By Sachin MishraEdited By: Publish:Thu, 23 May 2019 06:46 AM (IST) Updated:Thu, 23 May 2019 08:34 PM (IST)
West Bengal Lok Sabha Election Result 2019: मोदी की सुनामी से हारे दीदी के दिग्गज
West Bengal Lok Sabha Election Result 2019: मोदी की सुनामी से हारे दीदी के दिग्गज

कोलकाता, जेएनएन। लोकसभा चुनाव 2019 के मतदान के दौरान पश्चिम बंगाल में जमकर हिंसा हुई। हिंसा में कई लोग मारे गए तो कई घायल हुए। यहां तक कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के रोड शो में हिंसा और आगजनी ने इतना भयानक रूप ले लिया कि चुनाव आयोग को लोकतंत्र के इतिहास में पहली बार अपने विशेषाधिकारों का इस्तेमाल करते हुए पश्चिम बंगाल में एक दिन पहले ही चुनाव प्रचार रोकना पड़ा था।

बावजूद देशभर में पीएम नरेंद्र मोदी की सुनामी ने आखिरकार ममता बनर्जी (दीदी) के गढ़ को भी केसरिया कर दिया है। बंगाल में तृणमूल की मजबूत जड़ों को हिलाना भाजपा के लिए इतना आसान नहीं था। वहीं एक तरह से वाममोर्चा का बंगाल से लगभग सफाया हो चुका है। वर्ष 2014 में जीती सीटें भी बरकरार रख पाने में वाममोर्चा (माकपा) नाकाम रहा। 34 वर्षों तक एकछत्र राज करने वाले वामपंथियों ने कभी ऐसे हश्र की कल्पना भी नहीं की होगी।

मोदी की सुनामी ऐसी चली कि ममता बनर्जी के कैबिनेट मंत्री सुब्रत मुखर्जी जैसे दिग्गज हार गए। हालांकि, तृणमूल के लिए थोड़ी संतोष की बात यह है कि कांग्रेस व माकपा से जंगीपुर और मुर्शिदाबाद सीटें छीन ली। वे भी ऐसे प्रतिद्वंद्वी प्रत्याशियों के हाथों, जिनकी कोई बड़ी राजनीतिक पृष्ठभूमि नहीं रही है। तृणमूल जहां 23 सीटें पर आगे हैं तो भाजपा 16 और कांग्रेस 2 सीटों पर आगे हैं। हालांकि तृणमूल के खाते की दो-तीन सीट ऐसी हैं जहां भाजपा के साथ अंतर महज पांच हजार से भी कम है।

इस चुनाव परिणाम से ऐसा लग रहा है कि 2021 में तृणमूल के विकल्प के रूप में भाजपा खुद को स्थापित कर लिया है और भाजपा नेताओं को उम्मीद है कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के संस्थापक श्याम प्रसाद मुखर्जी की जन्मभूमि पर 2021 में भाजपा का शासन होगा। भाजपा इस भारी जीत पर खुश जरूर है लेकिन एक टीस भी रह गई कि उत्तर से दक्षिण और जंगलमहल तक कमल खिला लेकिन कोलकाता और उससे सटी चार सीटों में से किसी पर कब्जा नहीं हुआ। दूसरी ओर भाजपा के इस जीत के साथ ममता बनर्जी के पीएम बनने का सपना भी चकनाचूर हो गया।

तृणमूल 23, भाजपा 18, कांग्रेस 1 सीट पर आगे हैं वहीं माकपा को शून्य सीटें प्राप्त हुई। पिछली बार माकपा को दो सीटें रायगंज व मुर्शिदाबाद मिली थी लेकिन इस बार भी वाममोर्चा के घटक दल भाकपा-आरएसपी व फारबर्ड ब्लाक का खाता भी नहीं खुला। भाजपा ने उत्तर बंगाल की दार्जिलिंग व दक्षिण बंगाल के आसनसोल सीट पर कब्जा बरकरार रखते हुए राज्य के विभिन्न हिस्सों में दमदार दस्तक दी है जो ममता की चिंता बढ़ाने वाली है। खास कर उत्तर कोलकाता व दक्षिण कोलकाता लोस सीट पर भाजपा उम्मीदवारों ने तृणमूल को कड़ी टक्कर दी है। इस बीच वाममोर्चा के नेताओं ने अपनी हार स्वीकार ली है। सुबह जैसे ही मतगणना का रूझान आना शुरू हुआ वैसे ही भाजपा खेमे में खुशी की लहर दौड़ गई। भाजपा के प्रदेश दफ्तर मुरलीधर सेन लेन से लेकर हावड़ा ब्रिज, उत्तर बंगाल में जमकर केसरिया अबीर व गुलाल उड़ने लगे।

हर तरफ मोदी-मोदी व जयश्री राम के नारे लगने लगे। हालांकि, मोदी के केंद्र में पुन: सरकार बनने से तृणमूल नेताओं के मन में टीस उठ रही थी। इसके बावजूद कुछ क्षेत्रों में तृणमूल समर्थक घरों से निकल हाथों में हरे रंग का अबीर व गुलाल लिए एक दूसरे को लगाते ममता बनर्जी जिन्दाबाद कहते हुए जश्न मनाने लगे। दूसरी ओर वाममोर्चा व कांग्रेस मुख्यालय पर सन्नाटा पसरा हुआ था। हालांकि, भाजपा प्रदेश मुख्यालय पर जमकर जश्न मनाया जा रहा है। ममता ने ट्विटर पर लिखा हारने वाले सभी हार नहीं जाते। इसके बाद कहा कि स्थिति वीवीपैट के मिलान के बाद समीक्षा कर प्रतिक्रिया देंगी। अपराह्न करीब 3.30 बजे मीडिया से मुखातिब होने की बात थी लेकिन वह टल गया। माकपा दफ्तर सुनसान पड़ा था। दोपहर बाद वामो चेयरमैन विमान बोस, सूर्यकांत मिश्रा समेत अन्य नेता कुछ देर के लिए आए।

विधानसभा उपचुनाव में भी चार सीटों पर भाजपा आगे
राज्य के आठ विधानसभा सीटों के लिए हुए उपचुनाव में भी भाजपा के अप्रत्याशित सफलता हासिल कर रही है। आठ में से चार सीटों पर भाजपा के प्रत्याशी निर्णायक बढ़त बना चुके हैं। वहीं तृणमूल को तीन और कांग्रेस एक सीट पर आगे हैं। तृणमूल के कब्जा वाला भाटपाड़ा, तृणमूल समिर्थत गोजमुमो (बिनय तामांग गुट) के कब्जे वाली दार्जिलिंग, हबीबीपुर, तृणमूल के कब्जे वाला कृष्णागंज पर भाजपा आगे हैं। वहीं कांग्रेस के कब्जे वाली सीट इस्लामपुर, नउदा और अपने कब्जे वाली उलबेडि़या पूर्व सीट पर तृणमूल आगे है। वहीं कांदी सीट प कांग्रेस आगे हैं।

सात बजे तक 42 सीटों का रुझान 
1. तृणमूल-23 (11 सीटों का नुकसान)
3.भाजपा-18 (16 सीटों का फायदा)
2.कांग्रेस-1 (3 सीटों का नुकसान)
4.माकपा-0 (दो सीटों का नुकसान)

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