LokSabha Elections 2019 : राजमती और अमरेन्द्र निषाद की 43 दिन बाद सपा में हुई वापसी
सपा की पूर्व विधायक राजमती निषाद और उनके पुत्र अमरेन्द्र निषाद भाजपा में शामिल होने के 43 दिन बाद सपा में वापस हो गए।
गोरखपुर, जेएनएन। भाजपा में सात मार्च को शामिल हुए अमरेंद्र और राजमती निषाद 43 दिन बाद ही समादवादी पार्टी में वापस हो गए। लखनऊ में राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रेसवार्ता करके पार्टी में उनको शामिल किया। पार्टी में वापस आने के बाद अमरेंद्र ने कहा कि उनका विरोध समाजवादी पार्टी से नहीं बल्कि निषाद समाज को गुमराह करने वाले डा. संजय और प्रवीण निषाद से था।
वह पार्टी से चले गए तो मुझे वापस घर आना ही था। अखिलेश यादव हमारे नेता हैं, उन्होंने हमेशा निषाद समाज के लिए अच्छा किया है, आगे भी वह बेहतर करेंगे। उधर, अमरेंद्र की पार्टी में वापसी के बाद अब एक नया निषाद समीकरण तैयार होने लगा है। लोकसभा चुनाव का बिगुल बजने के बाद से ही गोरखपुर समेत आसपास की सीटों पर निषाद समाज का प्रतिनिधित्व बढ़ाने के लिए टिकट की दावेदारी तेज हो गई थी।
सपा-बसपा गठबंधन में निषाद पार्टी के शामिल होते ही पूर्व मंत्री जमुना निषाद के बेटे अमरेंद्र निषाद और उनकी माता पूर्व विधायक राजमती निषाद सात मार्च को सपा का दामन छोड़कर भाजपा में शामिल हो गई थी। भाजपा ने उन्हें निषाद समाज को प्रतिनिधित्व देने का भरोसा दिलाया था। कुछ दिन बाद ही सपा सांसद प्रवीण निषाद और निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. संजय निषाद भी गठबंधन से अलग होकर भाजपा में शामिल हो गए।
इसके बाद गठबंधन ने सपा के टिकट पर गोरखपुर से रामभुआल निषाद को प्रत्याशी बनाकर निषाद समाज को प्रतिनिधित्व दे दिया तो भाजपा ने प्रवीण निषाद को संतकबीरनगर से प्रत्याशी बना दिया। भाजपा की रणनीति से आहत अमरेंद्र निषाद ने दोबारा सपा में शामिल होने का निर्णय लिया। उसके बाद सपा जिलाध्यक्ष प्रहलाद यादव समेत कुछ अन्य सपा नेताओं ने इस मामले में राष्ट्रीय नेतृत्व से बात की, जिस पर सपा मुखिया अखिलेश यादव ने अमरेंद्र और राजमती निषाद के दोबारा पार्टी में आने पर स्वागत करने की बात कही।
19 अप्रैल को सपा जिलाध्यक्ष समेत बड़ी संख्या में सपा नेताओं के साथ अमरेंद्र और राजमति निषाद लखनऊ पहुंचे जहां अखिलेश यादव ने उन्हें दोबारा पार्टी में शामिल कराया। मोबाइल पर हुई बातचीत में अमरेंद्र निषाद ने कहा कि सपा उनका अपना परिवार है। कुछ लोगों के यहां आने से माहौल बिगड़ रहा था। डा. संजय और प्रवीण निषाद समाज को गुमराह कर रहे हैं। उनका असली चेहरा समाज के सामने आ चुका है। आने वाले चुनाव में हम सब मिलकर सपा प्रत्याशी की जीत के लिए काम काम करेंगे।
वह पार्टी से चले गए तो मुझे वापस घर आना ही था। अखिलेश यादव हमारे नेता हैं, उन्होंने हमेशा निषाद समाज के लिए अच्छा किया है, आगे भी वह बेहतर करेंगे। उधर, अमरेंद्र की पार्टी में वापसी के बाद अब एक नया निषाद समीकरण तैयार होने लगा है। लोकसभा चुनाव का बिगुल बजने के बाद से ही गोरखपुर समेत आसपास की सीटों पर निषाद समाज का प्रतिनिधित्व बढ़ाने के लिए टिकट की दावेदारी तेज हो गई थी।
सपा-बसपा गठबंधन में निषाद पार्टी के शामिल होते ही पूर्व मंत्री जमुना निषाद के बेटे अमरेंद्र निषाद और उनकी माता पूर्व विधायक राजमती निषाद सात मार्च को सपा का दामन छोड़कर भाजपा में शामिल हो गई थी। भाजपा ने उन्हें निषाद समाज को प्रतिनिधित्व देने का भरोसा दिलाया था। कुछ दिन बाद ही सपा सांसद प्रवीण निषाद और निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. संजय निषाद भी गठबंधन से अलग होकर भाजपा में शामिल हो गए।
इसके बाद गठबंधन ने सपा के टिकट पर गोरखपुर से रामभुआल निषाद को प्रत्याशी बनाकर निषाद समाज को प्रतिनिधित्व दे दिया तो भाजपा ने प्रवीण निषाद को संतकबीरनगर से प्रत्याशी बना दिया। भाजपा की रणनीति से आहत अमरेंद्र निषाद ने दोबारा सपा में शामिल होने का निर्णय लिया। उसके बाद सपा जिलाध्यक्ष प्रहलाद यादव समेत कुछ अन्य सपा नेताओं ने इस मामले में राष्ट्रीय नेतृत्व से बात की, जिस पर सपा मुखिया अखिलेश यादव ने अमरेंद्र और राजमती निषाद के दोबारा पार्टी में आने पर स्वागत करने की बात कही।
19 अप्रैल को सपा जिलाध्यक्ष समेत बड़ी संख्या में सपा नेताओं के साथ अमरेंद्र और राजमति निषाद लखनऊ पहुंचे जहां अखिलेश यादव ने उन्हें दोबारा पार्टी में शामिल कराया। मोबाइल पर हुई बातचीत में अमरेंद्र निषाद ने कहा कि सपा उनका अपना परिवार है। कुछ लोगों के यहां आने से माहौल बिगड़ रहा था। डा. संजय और प्रवीण निषाद समाज को गुमराह कर रहे हैं। उनका असली चेहरा समाज के सामने आ चुका है। आने वाले चुनाव में हम सब मिलकर सपा प्रत्याशी की जीत के लिए काम काम करेंगे।