प्रियंका गांधी से मिलने के बाद केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने BJP को दिया अल्टीमेटम

कांग्रेस राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा से भेंट करने के बाद अनुप्रिया पटेल ने अब भाजपा को अल्टीमेटम दिया है। उन्होंने कहा कि हमारे बात करने का समय अब समाप्त हो गया है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Publish:Fri, 22 Feb 2019 02:21 PM (IST) Updated:Fri, 22 Feb 2019 03:19 PM (IST)
प्रियंका गांधी से मिलने के बाद केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने BJP को दिया अल्टीमेटम
प्रियंका गांधी से मिलने के बाद केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने BJP को दिया अल्टीमेटम

लखनऊ, जेएनएन। लोकसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी को उसके सहयोगी दल आंख दिखाने लगे हैं। उत्तर प्रदेश में कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर तो लंबे समय से भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोल रखे हैं, लेकिन मोदी सरकार में मंत्री और अपना दल की नेता अनुप्रिया पटेल का रुख भी अब बदलने लगा है।

कांग्रेस राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा से भेंट करने के बाद अनुप्रिया पटेल ने अब भाजपा को अल्टीमेटम दिया है। उन्होंने कहा कि हमारे बात करने का समय अब समाप्त हो गया है। अब तो अपना दल कोई भी फैसला लेने को स्वतंत्र है। इनके तेवर से लग रहा है कि लोकसभा चुनाव से ठीक पहले एक बार फिर से भाजपा को बड़ा झटका लगने वाला है। अनुप्रिया पटेल की पार्टी अपना दल ने बीजेपी को जो अल्टीमेटम दिया था, उसकी मियाद खत्म हो चुकी है।

अपना दल की संरक्षक अनुप्रिया पटेल और अध्यक्ष आशीष पटेल ने कल कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ लंबी बैठक की है। प्रियंका के आवास पर हुई बैठक में दोनों नेताओं ने कांग्रेस से गठबंधन की संभावनाओं पर व्यापक विचार विमर्श किया है। अनुप्रिया-आशीष की प्रियंका के साथ हुई करीब तीन घंटे की मैराथन बैठक में उत्तर प्रदेश में गठबंधन की सभी संभावनाओं पर विचार किया गया। अंतिम निर्णय के लिए दोनों नेताओं ने कांग्रेस से एक हफ्ते का समय मांगा है।

इससे पहले अपना दल से सपा-बसपा की ओर से भी संपर्क साधा गया था। तब अपना दल की ओर से इन्हें कोई सकारात्मक संदेश नहीं दिया गया था। कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक अगर गठबंधन हुआ तो पार्टी की अगुवाई में बनने वाले गठबंधन को अनुप्रिया के रूप में ओबीसी वर्ग का एक बड़ा चेहरा मिल जाएगा। कांग्रेस ने ऐसे बड़े ओबीसी चेहरे का अभाव है। जबकि अपना दल का एक बड़ा धड़ा लंबी राजनीति केलिए कांग्रेस का हाथ थामने का पक्षधर है।

लोकसभा चुनाव से ठीक पहले यूपी की सियासत अभी पूरे देश में केंद्र में है। यहां पर भले ही भाजपा 74 सीट जीतने का दावा कर रही हों, मगर यूपी में उनके सहयोगियों का मिजाज उनके इस दावे पर पानी फेर सकता है। यहां भाजपा को बड़ा झटका लगने वाला है। अनुप्रिया पटेल की पार्टी अपना दल ने भाजपा को जो अल्टीमेटम दिया था, उसकी मियाद खत्म हो चुकी है। अब अपना दल ने साफ कहा है कि वह अब अपना फैसला लेने के लिए स्वतंत्र है। अपना दल भी राजनीतिक नफा-नुकसान को भांपने में जुट गई है और अब वह भाजपा के साथ रहेगी या नहीं, इसका फैसला पार्टी की बैठक में जल्द ही करेगी।

केंद्रीय मंत्री और अपना दल की मुखिया अनुप्रिया पटेल ने कहा कि भाजपा के साथ हमें कुछ समस्याएं आईं। उसको हमने शीर्ष नेतृत्व के सामने रखा भी और 20 फरवरी तक उन्हें समय दिया कि इन समस्याओं का समाधान करे। उन्होंने इन समस्याओं का समाधान नहीं किया। अनुप्रिया पटेल ने कहा कि इससे लगता है कि भाजपा को शिकायतों से कोई लेना-देना नहीं है। समस्याओं के समाधान में कोई रुचि नहीं है। अब तो अपना दल आगे अपना रास्ता चुनने के लिए अब स्वतंत्र है। हमारी पार्टी की बैठक हमने बुला ली है। अब पार्टी जो तय करेगी हम वो करेंगे।

अपना दल ने भाजपा को दो टूक कहा है कि या तो वे अपने सहयोगियों के साथ व्यवहार सुधारें या हमको स्वतंत्र कर दें। अपना दल नेता आशीष पटेल ने कहा कि उनकी पार्टी 2014 से भाजपा के साथ गठबंधन में है और पूरी ईमानदारी से गठबंधन धर्म का पालन का पालन कर रही है, लेकिन उत्तर प्रदेश में भाजपा ने उसे उचित सम्मान नहीं दिया। आशीष पटेल ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि भाजपा अपना व्यवहार बदले, वरना हमारी नेता (अनुप्रिया पटेल) कोई भी निर्णय ले सकती हैं। उन्होंने कहा कि शेर को जगाइये मत। यह शेर आपके पीछे चल रहा है, इसे हिंसक मत बनाइये। हमारी नेता जो भी निर्णय लेंगी, पूरी पार्टी उसका समर्थन करेगी। 

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