मिशन 2019: महागठबंधन में SP-BSP को ले फंसा पेंच, कांग्रेस ने RJD को कही ये बात

लोकसभा चुनाव को ले बिहार में महाबठबंधन नई समस्‍या में फंसता दिख रहा है। राजद ने सपा-बसपा को साथ आने का आमंत्रण दिया है, जबकि कांग्रेस अपनी सीटों को कुर्बान करने को तैयार नहीं है।

By Amit AlokEdited By: Publish:Sun, 20 Jan 2019 11:15 AM (IST) Updated:Mon, 21 Jan 2019 10:59 PM (IST)
मिशन 2019: महागठबंधन में SP-BSP को ले फंसा पेंच, कांग्रेस ने RJD को कही ये बात
मिशन 2019: महागठबंधन में SP-BSP को ले फंसा पेंच, कांग्रेस ने RJD को कही ये बात

पटना [अरविंद शर्मा]। बिहार के विपक्षी महागठबंधन में में लोकसभा चुनाव को लेकर सीटों के बंटवारे का पेंच अभी तक अनसुलझा है। इस प्रक्रिया में अभी कई अध्याय बाकी हैं। अचानक एक बड़ी समस्‍या समाजवादी पार्टी (सपा) व बहुजन समाज पार्टी (बसपा) को आ खड़र हुई है। राष्‍ट्रीय जनता दल (राजद) ने सपा-बसपा को बिहार में लड़ने का न्योता दे दिया है, जबकि उत्‍तर प्रदेश में इन दोनों दलों द्वारा दरकिनार कर दी गई कांग्रेस को राजद की यह पहल रास नहीं आ रही है। वह सपा-बसपा को बिहार में हिस्सेदारी देने के पक्ष में नहीं है।

कांग्रेस बोली: सपा-बसपा को अपने खाते से सीट दे राजद

कांग्रेस ने साफ कर दिया है कि राजद अगर बिहार में सपा-बसपा से दोस्ती निभाना चाहता है तो उसे अपने खाते की सीटें ही देनी होंगी। मतलब साफ कि सपा व बसपा से राजद की दोस्ती की कुर्बानी बिहार में कांग्रेस नहीं देगी। कांग्रेस अपने हिस्से की सीटों का बंटवारा नहीं करेगी।

राजद के बराबर सीटें लेने की जुगत में कांग्रेस

राजग में सीट बंटवारे के फॉर्मूले की तरह कांग्रेस भी महागठबंधन में राजद के बराबर सीटें लेने की जुगत में है। इसके लिए उसने पिछले चुनाव में प्रदर्शन और वर्तमान हैसियत का आधार बनाया है। 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने राजद के साथ गठबंधन कर 12 सीटों पर चुनाव लड़ा था, जिसमें दो पर जीत मिली थी, जबकि 27 सीटों पर लड़कर राजद ने चार सीटें जीती थी। इस लिहाज से कांग्रेस की सफलता दर (स्ट्राइक रेट) राजद से अधिक थी।

तारिक के आने से भी मिली मजबूती

राष्‍ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) एवं संसद की सदस्यता से इस्तीफा देकर तारिक अनवर के साथ आने से भी कांग्रेस को मजबूती मिली है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा का मानना है कि पार्टी ने अपने परंपरागत वोटरों को दोबारा साथ लाने के लिए कई कदम उठाए हैं। कामयाबी भी मिली है। ऐसे में वह बिहार में फिर से खड़ा होने के प्रयास में है। मायावती और अखिलेश को महागठबंधन के साथ जोडऩे से कांग्रेस को परहेज नहीं है, किंतु तारिक अनवर ने दो-टूक कह दिया है कि उन्हें जो आमंत्रित करेगा, उन्हें अपने हिस्से की सीटें देनी होंगी।

सपा को झंझारपुर, बसपा को गोपालगंज का न्योता

मायावती के जन्मदिन के बहाने लखनऊ जाकर तेजस्वी यादव ने उन्हें बिहार की गोपालगंज सीट से लडऩे का न्योता दिया है। झंझारपुर की सीट सपा को देने की तैयारी है। पूर्व केंद्रीय मंत्री देवेंद्र प्रसाद यादव झंझारपुर से पांच बार लोकसभा पहुंच चुके हैं। देवेंद्र अभी बिहार में सपा के सिपहसालार हैं। तेजस्वी के प्रस्ताव से अखिलेश यादव सहमत हैं। पिछली बार जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के टिकट पर करीब दो लाख वोट लाने के बावजूद देवेंद्र हार गए थे।

उत्‍तर प्रदेश में दो सीटों की मांग कर रहा राजद

लेन-देन के तहत तेजस्वी ने बिहार में दो सीटें देकर उत्‍तर प्रदेश में भी राजद के लिए दो सीटों की मांग कर दी है। उत्‍तर प्रदेश में राजद के प्रदेश अध्यक्ष अशोक कुमार सिंह वर्षों से लालू प्रसाद यादव के साथ हैं। वह 1996 में रायबरेली से जनता दल प्रत्याशी के रूप में मात्र 10 हजार वोटों के अंतर से हार गए थे। लालू ने उनके लिए अखिलेश पर दबाव बना रखा है।

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