Lok Sabha Election 2019 : ...जब आंध्र प्रदेश के सीएम एनटी रामाराव अनुवादक पर ही भड़क गए

पीडी टंडन पार्क में आंध्र प्रदेश के सीएम एनटी रामाराव चुनावी सभा के दौरान तेलुगु में भाषण दे रहे थे। अनुवाद हिंदी में करने के लिए अनुवादक था। उसने गलत बोला तो वह भड़क गए।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Sat, 20 Apr 2019 08:59 PM (IST) Updated:Sun, 21 Apr 2019 10:19 AM (IST)
Lok Sabha Election 2019 : ...जब आंध्र प्रदेश के सीएम एनटी रामाराव अनुवादक पर ही भड़क गए
Lok Sabha Election 2019 : ...जब आंध्र प्रदेश के सीएम एनटी रामाराव अनुवादक पर ही भड़क गए

प्रयागराज : उन्‍हें भले ही हिंदी नहीं आती थी लेकिन जब वह तेलुगु भाषा में भाषण दे रहे थे तो अनुवादक हिंदी में अनुवाद कर रहा था। इसी बीच किसी वाक्‍य का अनुवादक ने गलत अर्थ बता दिया। फिर क्‍या था माइक पर ही दिग्‍गज नेता अनुवादक पर भड़क गए। इससे अनुवादक को क्षमा मांगनी पड़ी। यहां बात हो रही है आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्‍यमंत्री एनटी रामाराव की।

बात तीन दशक पहले की है
बात तीन दशक पहले की है। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे तेलगू देशम पार्टी के संस्थापक नंदमूरि तारक रामाराव (एनटीआर) एक चुनावी सभा को संबोधित करने प्रयागराज (पूर्ववर्ती इलाहाबाद) आए थे। उन्होंने तेलगू में अपना संबोधन दिया। हिंदी में लोग संबोधन समझ सकें, इसलिए एक अनुवादक लगाया गया। अनुवादक ने कुछ हिस्से का गलत अनुवाद कर दिया। इससे एनटी रामाराव नाराज हो गए। मंच पर ही ऐसी कड़ी फटकार लगाई कि अनुवादक को माफी मांगनी पड़ी। 

1988 में इलाहाबाद संसदीय सीट पर सुनील शास्त्री के सामने थे वीपी सिंह
वर्ष 1988 में इलाहाबाद संसदीय  सीट के लिए उपचुनाव हो रहा था। कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में सुनील शास्त्री खड़े थे। उनका मुकाबला निर्दल (जनमोर्चा) उम्मीदवार विश्वनाथ प्रताप सिंह से था। प्रचार अंतिम दौर में था। वीपी के समर्थन में पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री सुरजीत सिंह बरनाला, छोटे लोहिया के नाम से मशहूर जनेश्वर मिश्र, एसपी मालवीय जैसे दिग्गज नेता प्रचार में थे। कांग्रेस पार्टी ने भी सुनील शास्त्री के लिए पूरी ताकत झोंक दी थी। डॉ. राजेंद्र कुमारी वाजपेयी जैसी नेत्री कांग्रेस का प्रचार कर रही थीं। 

मतदान के दो दिन पूर्व पीडी टंडन पार्क में आयोजित थी सभा
मतदान 18 जून को था। उससे दो दिन पहले 16 जून को पीडी टंडन पार्क में वीपी सिंह के समर्थन में चुनावी सभा आयोजित की गई थी। पूरे देश से गैर कांग्रेसी नेताओं का जमावड़ा यहां हुआ था। कई बार आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे एनटी रामाराव भी मंच पर मौजूद थे। 

एनटी रामाराव ने तेलगू भाषा में दिया भाषण
उनके भाषण देने की बारी आई, तब सभा के संचालक ने कहा कि एनटी रामाराव अपनी बात तेलगू भाषा में रखेंगे। अनुवाद हिंदी में होगा। वह अपना भाषण तेलगू में दे रहे थे। अनुवादक उनके संबोधन का अर्थ ङ्क्षहदी में बता रहा था। करीब 15 मिनट का भाषण चला होगा कि अनुवादक ने किसी वाक्य का गलत अनुवाद कर दिया। एनटी रामाराव हिंदी भले ही नहीं बोल पाते थे, लेकिन समझ जरूर लेते थे। सपा के प्रदेश प्रवक्ता केके श्रीवास्तव बताते हैं कि एनटीआर ने गलत अनुवाद पर माइक से ही अनुवादक को कड़ी फटकार लगाई। कहा कि अनुवादक ने मेरी बात का गलत ढंग से अनुवाद किया। अनुवादक ने तुरंत माफी मांग ली। यह प्रसंग प्रयाग के राजनीतिक इतिहास में अनूठा है। इस चुनाव में विश्वनाथ प्रताप सिंह ने सुनील शास्त्री को भारी मतों से हराया था। 

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