सरयू भी नहीं समझ पा रहे भाजपा का धोबीपछाड़ दांव, पार्टी से निकाला लेकिन अब तक बना रखा मंत्री-विधायक Jharkhand Election 2019

Jharkhand Assembly Election 2019. भाजपा के बागी मंत्री सरयू राय का इस्तीफा मुख्‍यमंत्री रघुवर दास की कैबिनेट से मंजूर नहीं हुआ है। इस्तीफा 23 दिन से राजभवन में पड़ा है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Publish:Tue, 10 Dec 2019 04:36 PM (IST) Updated:Wed, 11 Dec 2019 06:30 PM (IST)
सरयू भी नहीं समझ पा रहे भाजपा का धोबीपछाड़ दांव, पार्टी से निकाला लेकिन अब तक बना रखा मंत्री-विधायक Jharkhand Election 2019
सरयू भी नहीं समझ पा रहे भाजपा का धोबीपछाड़ दांव, पार्टी से निकाला लेकिन अब तक बना रखा मंत्री-विधायक Jharkhand Election 2019

खास बातें

सरयू ने रघुवर कैबिनेट से 17 नवंबर को कर ली थी कुट्टी, अबतक राजभवन में पड़ा है त्यागपत्र भाजपा दिखा चुकी है बाहर का रास्ता, मुख्यमंत्री रघुवर दास के खिलाफ चुनाव लड़ने पर की कार्रवाई सरयू ने विधानसभा की सदस्यता से भी दिया था त्यागपत्र, उसकी भी अबतक स्वीकृति नहीं

रांची, [प्रदीप सिंह]। Jharkhand Assembly Election 2019 मुख्यमंत्री रघुवर दास के खिलाफ जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा सीट से ताल ठोकने वाले भाजपा के बागी और निष्कासित नेता सरयू राय अभी भी रघुवर मंत्रिमंडल का हिस्सा हैैं। 17 नवंबर को सरयू राय ने रघुवर कैबिनेट से इस्तीफा राजभवन को भेजा था, लेकिन 23 दिनों से उनका त्यागपत्र राजभवन में ही पड़ा हुआ है। अभी तक उनके इस्तीफे पर कोई फैसला नहीं हुआ है। सरयू राय रघुवर दास के कैबिनेट में खाद्य आपूर्ति मंत्री के पद पर थे।

इधर झारखंड प्रदेश भाजपा ने दल के अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव लडऩे की वजह से सरयू राय को बाहर का रास्ता दिखा दिया है। उनके अलावा कई अन्य नेताओं पर भी अनुशासन का डंडा चल चुका है। मुख्यमंत्री रघुवर दास के खिलाफ चुनाव लड़ने की घोषणा के साथ ही मंत्री सरयू राय ने मंत्रिमंडल से इस्तीफा राजभवन को भेज दिया था। उन्होंने विधानसभा की सदस्यता से त्यागपत्र संबंधी आवेदन भी विधानसभा अध्यक्ष को भेजा था। इस पर भी अभी तक कोई निर्णय नहीं हो पाया है। 

क्या है नियम

मंत्रिमंडल से इस्तीफे के बाद राजभवन मुख्यमंत्री सचिवालय को इस संबंध में सूचित करता है। मुख्यमंत्री सचिवालय से अनुशंसा मिलने के बाद इस्तीफे की स्वीकृति दी जाती है। राजभवन के स्तर से इस बाबत संबंधित लोगों को भी सूचित किया जाता है। इसके बाद इसका बकायदा गजट नोटिफिकेशन होता है।

राज्यपाल से मुलाकात का समय मांगा

सरयू राय ने इस्तीफा स्वीकार करने के लिए राजभवन पर दबाव बनाया है। उन्होंने राज्यपाल से मुलाकात का भी वक्त मांगा है। संभव है कि गुरुवार को वे राज्यपाल से मुलाकात करेंगे। उन्होंने बताया कि इस्तीफा फैक्स एवं ईमेल के माध्यम से राज्यपाल को प्रेषित किया था। अब वे व्यक्तिगत तौर पर मिलकर उनसे आग्रह करेंगे कि मंत्री पद से त्यागपत्र स्वीकार कर लिया जाए। इसके अलावा वे विधानसभा अध्यक्ष से भी मुलाकात कर विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा स्वीकार करने की विनती करेंगे।

कांग्रेस ने कहा, सरकार में हिम्मत नहीं

प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा है कि भाजपा हार के डर से बौखला गई है और सरकार में कार्रवाई की हिम्मत नहीं है। जिन लोगों पर एक पखवाड़े पहले कार्रवाई करनी थी, उसपर चुनाव होने के बाद दबे-छिपे तरीके से एक्शन लेना यही दर्शाता है। भाजपा दो चरणों के चुनाव में बुरी तरह हार चुकी है। सरकार की हालत तो यह है कि सरयू राय द्वारा राज्यपाल को इस्तीफा दिए जाने के बावजूद अब तक उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया है।

मैंने इस्तीफा दे दिया, अब सरकार जाने : सरयू

झारखंड सरकार के खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय ने कहा कि मैंने जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय चुनाव लड़ने के पहले राज्यपाल को मंत्री पद और विधानसभा अध्यक्ष को विधायक पद का इस्तीफा पत्र भेज दिया था। अब सरकार उसे स्वीकार करे या नहीं, वही जाने। लेकिन मेरा इस्तीफा अभी तक स्वीकार नहीं किया गया है। मैं इस संबंध में राज्यपाल और विस अध्यक्ष से मिलने शुक्रवार को रांची जाऊंगा।

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