Jharkhand Assembly Election 2019: झरिया में आग की तपिश के बीच पुल ने दी कुछ राहत

सरकार आग प्रभावित इलाके के लोगों को JRDA के माध्यम से विस्थापित कर रही है। पुनर्वास की चाल बेहद धीमी है। हालांकि विधायक संजीव सिंह की अनुशंसा पर कई विकास के काम हुए है।

By MritunjayEdited By: Publish:Fri, 18 Oct 2019 02:11 PM (IST) Updated:Fri, 18 Oct 2019 02:11 PM (IST)
Jharkhand Assembly Election 2019: झरिया में आग की तपिश के बीच पुल ने दी कुछ राहत
Jharkhand Assembly Election 2019: झरिया में आग की तपिश के बीच पुल ने दी कुछ राहत

झरिया, जेएनएन। काले हीरे की नगरी झरिया। यहां से निकला कोयला पूरे देश को रोशन करता है। यहां की जमीन के नीचे कोकिंग कोल का अकूत भंडार है। भारत सरकार की कंपनी बीसीसीएल यहां की जमीन से दशकों से कोकिंग कोल का उत्पादन कर देश को आर्थिक रूप से संबल बना उर्जा दे रही है। इस प्राचीन शहर में रहनेवाले लाखों लोगों की त्रासदी यह है कि झरिया में सौ वर्षों से भी अधिक समय से जमीन आग लगी है। आग को बुझाने में सरकार विफल रही है।

अब सरकार अग्नि व भू धंसान इलाके के लोगों को झरिया पुनर्वास विकास प्राधिकार के माध्यम से विस्थापित कर रही है। पुनर्वास की चाल बेहद धीमी है। हालांकि विधायक की अनुशंसा पर कई विकास के काम हुए है। बावजूद झरिया की जनता जलसंकट, बेरोजगारी, पलायन से जूझ रही है। यहां का आरएसपी कॉलेज आग का  खतरा बताकर बेलगडिय़ा में एक स्कूल भवन में शिफ्ट कर दिया गया। बच्चे कैसे पढ़ते होंगे समझा जा सकता है। स्वास्थ्य सेवाओं की हालत इससे समझी जा सकती है कि यहां सौ बेड के अस्पताल के लिए बनियाहीर में एक करोड़ से अधिक  खर्च कर भवन तो बना पर अस्पताल आत तक नहीं खुल सका। शहर के ऐतिहासिक राजा तालाब की दयनीय हालत है। इस तालाब में महापर्व छठ में हजारों लोग पूजा करते हैं। नतीजा यहां के लोग  भाजपा के टिकट पर विधायक बने संजीव सिंह से नाराज हैं। झरिया विधानसभा क्षेत्र से 2000 में  स्व. सूर्यदेव सिंह के भाई बच्चा सिंह ने ने जीत हासिल की थी। बच्चा सिंह झारखंड के नगर विकास मंत्री भी बने। इसके बाद स्व. सूर्यदेव की पत्नी कुंती देवी व अब पुत्र संजीव सिंह विधायक हैं। इस परिवार से स्व. सूर्यदेव सिंह ने झरिया में सबसे पहले विधायक बन जो मुकाम हासिल किया उस विरासत को अब संजीव आगे बढ़ा रहे हैं।

भाई की हत्या के आरोप में जेल में हैं झरिया विधायक : वर्ष 2014 में झरिया में हुए चुनाव में भाजपा से संजीव सिंह व कांग्रेस से उनके चचेरे भाई नीरज सिंह चुनाव मैदान में थे। संजीव चुनाव जीते थे। नीरज दूसरे स्थान पर थे। बाद में नीरज सिंह की धनबाद में हत्या कर दी गई थी। नीरज की हत्या के आरोप में विधायक संजीव दो साल से जेल में हैं। संजीव की राजनीति विरासत को अभी उनकी पत्नी भाजपा नेत्री रागिनी सिंह संभाल रही हैं। दूसरी ओर स्व. नीरज की पत्नी पूर्णिमा सिंह अपने पति की विरासत को संभाल झरिया की राजनीति में पूरी तत्परता से सक्रिय हैं। विधानसभा चुनाव के मद्देनजर दोनों अपने समर्थकों के साथ झरिया विधानसभा का दौरा कर रही हैं।

झरिया की जनता के हितों के लिए हमेशा सजग : संजीव की पत्नी रागिनी सिंह का कहना है कि पांच वर्षों में मेरे पति ने झरिया के लोगों के लिए अनेक काम किए हैं।  विधायक फंड से अनेक काम हुए। सरकार से भी कई काम की अनुशंसा की। दामोदर नदी पर सुदामडीह-भोजूडीह पुल 13 करोड़ की लागत से ग्राम सेतु योजना से बनवा रहे हैं।  इसकी लंबाई 250 मीटर व चौड़ाई 10 मीटर है। काम अंतिम चरण में है। इसके निर्माण से औद्योगिक क्षेत्र सुदामडीह वाशरी व भोजूडीह वाशरी की दूरी लगभग 13 किमी कम हो जाएगी। इसी योजना से कालीमेला- तालगढिय़ा के औद्योगिक क्षेत्र को जोडऩे के लिए दामोदर नदी पर आठ करोड़ की लागत से पुल बनाया गया है। इस पुल के बनने से लगभग 10 किमी की दूरी कम हो गई। कई सड़कों का निर्माण कराया। पानी की सुचारु आपूर्ति के लिए तीन करोड़ की रकम जामाडोबा जल संयंत्र संसाधनों के मद में दी गई। ग्रामीण विकास विभाग से 15 करोड़ राशि से विकास का काम कराया। स्कूलों का निर्माण व मरम्मत कराई। सारी सुविधाओं के साथ विस्थापन की पहल की। बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार दिलाया। बेलगडिय़ा स्थानांतरित आरएसपी कॉलेज को झरिया लाने की पहल कर रहे हैं। 

15 वर्ष से झरिया के भोलेभाले लोगों को ठग रहे विधायक व उनका परिवार : लगभग 15 साल से झरिया के भोले-भाले लोगों को ठगने का काम विधायक व उनके परिवार के लोगों ने किया है। यहां के लोग, विस्थापन, पलायन, प्रदूषण, पानी, रोजगार जैसे मुद्दों से त्राहिमाम कर रहे हैं। डेढ़ दशक से इस परिवार ने हत्या, परिवारवाद की राजनीति की है। इनकी कारगुजारी से झरिया के लोग तंग आ चुके हैं। अब समय आ गया है, ये अपनी चाल, चरित्र व चेहरे का जवाब झरिया की जनता के समक्ष दें। ब्लास्टिंग से झरिया हिल रहा है। आरएसपी कॉलेज को आग का खतरा बताकर झरिया से शिफ्ट कर दिया गया। एक ओर डीजीएमएस की रिपोर्ट पर बंद हुई डीसी रेलवे लाइन चल जाती है और यहां हजारों बच्चों का भविष्य संवारने वाले कॉलेज को झरिया विधायक न तो शिफ्ट होने से बचा पाए न ही उसे झरिया में कहीं बनवा पाए। बच्चे एक स्कूल भवन में चल रहे उस कॉलेज में पढऩे जाते हैं। जहां तक आने जाने की भी सटीक व्यवस्था नहीं है। हम इस कॉलेज को दोबारा झरिया लाने की हर कोशिश में लगे हैं। वे पुल बनवाने की बात करते हैं तो वह राज्य सरकार की योजना है। बतौर विधायक आपने क्या किया, जनता को बताएं। सिर्फ ठेके पट्टे में ही विधायक की सारी राजनीतिक ताकत दिखती है। हम पति स्व. नीरज सिंह के नक्शे कदम पर चल उनके सपनों को साकार करेंगे।

भूधंसान और भूमिगत आगः झरिया के गर्भ में मौजूद कोयले में लगी आग से भूधंसान, गैस रिसाव की विभीषिका लोगों का जीवन नरक बना चुकी है। कई लोग भूधंसान के कारण जमींदोज भी हो चुके हैं। अग्नि प्रभावित क्षेत्र में करीब एक लाख परिवार रह रहे हैं। इन पर विस्थापन का खतरा है। बावजूद इनका पुनर्वास तेजी से नहीं हो पा रहा है। न ही शहर की ओर बढ़ रही भूमिगत आग को बुझाने के सटीक प्रयास हो रहे हैं। इससे जनता खून के आंसू रो रही है। 

रागिनी:  आग के ऊपर बसे झरिया में लोगों के पुनर्वास की  समस्या गंभीर है। अग्नि व भू धंसान क्षेत्रों में रहनेवाले हजारों लोगों को बेलगडिय़ा में आवास दिया गया। यहां मौलिक सुविधाओं का अभाव है। वहां सुविधाओं के लिए हम हर प्रयास कर रहे हैं। हमने बीसीसीसी से बात कर यहां के लोगों को भूली श्रमिक कॉलोनी के खाली आवासों में बसाने की पहल की है। पीएम आवास योजना के तहत घर देने की बात सरकार से की है। बीसीसीएल व सरकार इसमें पूरा सहयोग कर रहे हैं। 

पूर्णिमा :  विस्थापन के नाम पर झरिया के लोगों को बेघर कर बेरोजगार बनाया जा रहा है। बेलगडिय़ा में विस्थापित हुए हजारों लोगों की फिर सुध नहीं ली गई। इलाका खाली कराकर विधायक का मकसद आउटसोर्सिंग कंपनियों की मदद करना है। बेलगडिय़ा में तो मूलभूत सुविधाएं तक जनता को नहीं मिल रही हैं। केवल कागज पर काम हो रहा है। जमीनी हकीकत कुछ और है। सर्वे सेटलमेंट के नाम पर झरिया के लोगों को मूर्ख बनाया जा रहा है। झरिया के लोगों का घर छीना जा रहा है। जबकि जनता के हित के लिए हम लगातार आवाज उठा रहे हैं।

जल संकटः जल संकट से झरिया आए दिन जूझता है। बच्चे हों या बड़े वे पानी के लिए सुबह होते ही जुट जाते हैं। जामाडोबा जल संयंत्र में संसाधनों की कमी या कर्मियों की हड़ताल से  अक्सर करीब दस लाख की जनता पानी के लिए हाहाकार कर उठती है।

रागिनी : झरिया में जल संकट से लाखों लोग परेशान रहते हैं। छह दशक पूर्व से जामाडोबा जल संयंत्र से जलापूर्ति की जाती है। संयंत्र के संसाधन काफी पुराने होने, कर्मियों की हड़ताल व अन्य कारण से कई दिनों तक जल संकट छाया रहता है। यह संकट दूर करने व संसाधन के लिए तीन करोड़ विधायक फंड से दिया गया है। पाइप लाइन बिछाई गई। टैंकर से भी पानी की व्यवस्था की गई।

पूर्णिमाः मैं मानती हूं कि तीन करोड़ दिए होंगे। फिर भी झरिया की लाखों जनता पानी के लिए त्राहिमाम कर रही है। जमीन पर तो कुछ नहीं दिख रहा। विधायक फंड से पानी के लिए दी गई राशि पानी में चली गई। हम जहां भी गए लोगों ने पानी की समस्या बताई। हमने अपने स्तर से स्व. पति नीरज सिंह के नाम पर जनता के नाम एक पानी का टैंकर को समर्पित किया। लोगों की पानी की समस्या के निदान को हम पूरी शिद्दत से आवाज उठा रहे हैं।

आरएसपी कॉलेजः झरिया का आरएसपी कॉलेज पूरे क्षेत्र के बच्चों की पढ़ाई के लिए मुख्य केंद्र है। बावजूद इसे आग का  खतरा बताकर झरिया से दूर बेलगडिय़ा शिफ्ट किया गया। वह भी एक स्कूल भवन में। इस कॉलेज को झरिया लाने के वायदे कई बार किए गए जो आज तक पूरे नहीं हो सके। कॉलेज के झरिया से शिफ्ट होने से यहां के विद्यार्थियों को काफी परेशानी हो रही है। 

रागिनीः आरएसपी कॉलेज का स्थानांतरण बेलगडिय़ा में प्रशासन व बीसीसीएल प्रबंधन की ओर से किया गया। इसके बाद झरिया में कॉलेज को लाने की जोरदार पहल की गई। बीसीसीएल से डिगवाडीह रोपवे कार्यालय व कॉलोनी परिसर की 13.33 एकड़ जमीन कॉलेज के लिए ली गई है। इसकी रजिस्ट्री को कोल मंत्रालय को पत्र भेजा जा चुका है। जामडोबा-पुटकी रोड में 12 करोड़ की लागत से आरएसपी-टू डिग्री कॉलेज का निर्माण हो रहा है। वर्ष 2020 में यह चालू हो जाएगा।

पूर्णिमाः आरएसपी कॉलेज के नीचे आग है। यह झूठ बोलकर कॉलेज को बेलगडिय़ा ले शिफ्ट किया गया। यहां के लोगों को मूर्ख बनाया गया। बेलगडिय़ा के सुनसान क्षेत्र में विद्यार्थी कॉलेज जाने पर मजबूर है। विधायक की ओर से इस मामले में कुछ नहीं किया गया। स्थानांतरण के समय छात्रों ने कई दिनों तक धरना दिया। उन्हें जेल भेजा गया। उस समय भी विधायक चुप रहे। दरअसल विधायक व उनका परिवार इस मामले में भी लोगों को केवल मूर्ख बनाता रहा है।

राजा तालाब की दुर्दशाः झरिया का ऐतिहासिक राजा तालाब। यहां छठ पर्व पर हजारों की भीड़ आती है। पर तालाब की हालत वर्षों से  खराब है। गंदगी का साम्राज्य है और जलकुंभी इसमें हमेशा दिखती है। गंदे पानी में अघ्र्य देना श्रद्धालुओं की वर्षों से मजबूरी बनी है।

रागिनी:  राजा तालाब के सुंदरीकरण को लेकर  प्रयास किया जा रहा है। धनबाद नगर निगम के मेयर चंद्रशेखर अग्रवाल से संपर्क में हैं। तालाब के लिए सात करोड़ का डीपीआर बन चुका है। राशि भी निगम में आ चुकी है। कोल कंपनियों से भी तालाब के सुंदरीकरण को लेकर पहल की गई है। तालाब के किनारे वर्षों से बसे लोग इसमे बाधा बने हैं। जल्द राजा तालाब का सुंदरीकरण कराएंगे।

पूर्णिमाः ऐतिहासिक राजा तालाब झरिया के लाखों लोगों की भावनाओं से जुड़ा है। बावजूद तालाब को लेकर भी राजनीति हो रही है। चुनाव के समय राजा तालाब मुद्दा बन जाता है। ये अवसरवादी राजनीति करते हैं। तालाब के सुंदरीकरण को कोई पहल अब तक नहीं हुई। तालाब के किनारे बसे लोगों को उचित स्थान देकर ही कोई काम होना चाहिए।

रोजगार : कोयले की नगरी में बेरोजगारी से युवा जूझ रहे हैं। कहने में यह भले अटपटा लगे पर यह सही है। अनेक युवक यहां से रोजगार के लिए पलायन कर रहे हैं।

रागिनीः झरिया के लोगों को रोजगार दिलाने के लिए हमेशा गंभीर रहे हैं। यहां कार्यरत आउटसोर्सिंग परियोजनाओं में स्थानीय लोगों को 50 प्रतिशत रोजगार दिलाने को प्रतिबद्ध हैं। इसके लिए आउटसोर्सिंग कंपनियों के साथ बैठक में इस मुद्दे को जोर से उठाते हैं। अनेक युवाओं व लोगों को कंपनी में रोजगार दिलाया है। इसके लिए गरीब बेरोजगारों की पहचान कर उनका बायोडाटा,आधार- मतदाता पहचान पत्र लिए जाते हैं। ताकि रोजगार दिला सकें।

पूर्णिमाः आउटसोर्सिंग कंपनियों में झरिया के बेरोजगारों को रोजगार नहीं मिल रहा है। ये तो अपनी यूनियन की आड़ में स्वजनों को लाभ पहुंचाते हैं। जो इनके लिए काम करते हैं। उन्हें ही रोजगार दिलाते हैं। उनकी बारे में ही सोचते हैंं। मजदूरों का शोषण करना ही इनकी नीति है। विधायक के कार्यकाल में झरिया में बेरोजगारी काफी बढ़ी है। आम लोगों के बारे में सोचने का इनके पास समय ही नहीं हैं। यह बात जनता जान चुकी है।

प्रतिक्रिया :

झरिया विधायक संजीव के कार्यकाल में झरिया और उजड़ता जा रहा है। धनबाद नगर निगम में जबरन शामिल किए गए झरिया के अनेक गांवों को उससे अलग नहीं किया जा सका। इसके लिए पंचायत बचाव संघर्ष समिति का आंदोलन जारी है। इनके कार्यकाल में आरएसपी कॉलेज को यहां से हटा दिया गया। विधायक ने विरोध नहीं किया। लोग विस्थापन, पानी, बिजली, गंदगी की समस्याओं से परेशान हैं।

- कार्तिक तिवारी, जीतपुर, झरिया

पांच साल में झरिया का विकास नहीं हो सका। झरिया का विनाश ही हुआ है। शहर की हालत दिनोंदिन खराब होती जा रही है। शहर उजड़ता जा रहा है। राजा तालाब की हालत दयनीय है। गंदगी से लोग परेशान है। शहर में नालियों की सफाई वर्षों से नहीं होने से गंदा पानी घर में घुस जा रहा है।

-सीमा अग्रवाल, झरिया

झरिया विधायक संजीव सिंह के पांच वर्ष के कार्यकाल में कोई विकास नजर नहीं आ रहा है। ऐसा लगता है कि विधायक व उनके लोग झरिया के विकास को उदासीन हैं। राजा तालाब की नारकीय हालत है।

- डॉ. ओपी अग्रवाल, अध्यक्ष मारवाड़ी सम्मेलन ट्रस्ट झरिया

झरिया के विधायक के पांच वर्षों का कार्यकाल किसी मायने में सराहनीय नहीं कहा जा सकता है। 10 साल पहले जिस हालत में झरिया था। उससे और हालत खराब हुई है। पानी, बिजली, गंदगी, सड़क की समस्या से लोग परेशान हैं। विधायक व उनके लोग जन समस्या पर गंभीर नहीं हैं।

- मो. जावेद कुरैशी, सचिव नूरी मस्जिद कमेटी झरिया।

जब जब झरिया में संकट आया विधायक व उनके लोग मौके पर नहीं पहुंचे। आरएसपी कॉलेज उजड़ गया। हजारों लोग विस्थापित किए गए हैं। उन्हें मुआवजा व सही घर नहीं मिला। झरिया में विकास के कार्य पांच साल  से नहीं देखने को मिल रहे हैं।

- अनिल कुमार जैन, समाजसेवी झरिया।

अपने पांच साल के कार्यकाल में अधिकांश समय में विधायक झरिया की जनता के बीच नहीं आ सके। पानी, विस्थापन, प्रदूषण आदि समस्याएं आज भी वैसी ही हैं। कोई परिवर्तन नहीं हुआ है। कोयला खनन क्षेत्र, आग व भू धंसान का दायरा शहर की ओर बढ़ता जा रहा है। लोग काफी परेशान हैं। 

- पिनाकी राय, झरिया झरिया विधानसभा संख्या : 41 कुल मतदाताओं की संख्या : 2, 91, 989 पुरुष : 1, 64 536 महिला : 1, 27, 453 वर्ष 2014 विधानसभा चुनाव में भाजपा के प्रत्याशी संजीव सिंह के वोट : 74062 वर्ष 2014 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी नीरज सिंह के वोट : 40370 विधायक निधि वित्तीय वर्ष  खर्च का प्रतिशत 2015-16 : 100 2016-17 : 100 2017-18 : 100 2018-19 : 100 2019-20 : 90 फीसद राशि की योजनाओं की स्वीकृति हो चुकी है।

chat bot
आपका साथी