Jharkhand Assembly Election 2019: लोकसभा का ट्रेंड बना रहेगा या बदलेंगे समीकरण!

Assembly Election 2019. लोकसभा चुनाव में 81 विधानसभा क्षेत्रों में एनडीए गठबंधन 63 क्षेत्रों पर आगे रहा था। अब भाजपा ने 65 पार का नारा दिया है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Publish:Sun, 15 Sep 2019 07:56 PM (IST) Updated:Sun, 15 Sep 2019 07:56 PM (IST)
Jharkhand Assembly Election 2019: लोकसभा का ट्रेंड बना रहेगा या बदलेंगे समीकरण!
Jharkhand Assembly Election 2019: लोकसभा का ट्रेंड बना रहेगा या बदलेंगे समीकरण!

रांची, राज्‍य ब्‍यूरो। चुनाव के आकलन का कोई निश्चित फार्मूला नहीं होता। बड़े-बड़े दिग्गजों की रणनीति तक फेल हो जाती है। बावजूद इसके चुनावी पंडित पिछले ट्रेंड का आधार बना ही चुनाव की तैयारियों का खाका बुनते हैं। इस लिहाज से यदि लोकसभा चुनाव के परिणामों की पैमाइश विधानसभा चुनाव के लिए की जाए तो सत्ताधारी दल का पलड़ा फिलहाल भारी दिखता है। लोकसभा चुनावों में एनडीए गठबंधन ने 14 में से 12 सीटों पर जीत दर्ज की थी।

इन परिणामों का विधानसभावार आकलन करने पर पता चलता है कि कुल 81 विधानसभा क्षेत्रों में एनडीए गठबंधन 63 क्षेत्रों (57 भाजपा व छह आजसू) पर आगे रहा था। स्पष्ट है लोकसभा में दो सीटें हासिल करने वाले पूरे विपक्ष को महज 18 विधानसभा क्षेत्रों में ही बढ़त हासिल हुई थी। सत्ताधारी दल ने इसी ट्रेंड को आधार बना विधानसभा चुनावों के लिए 65 सीटों का लक्ष्य निर्धारित किया है और 'अबकी बार 65 पार' का नारा भी दिया है। हालांकि, इतिहास गवाह है कि झारखंड विधानसभा चुनावों के परिणाम हमेशा से ही लोकसभा चुनावों के परिणामों से इतर रहे हैं।

जाहिर है लोकसभा के चुनावी मुद्दे विधानसभा में प्रभावी नहीं होते। 2014 के लोकसभा चुनावों में भी भाजपा को राज्य में 14 में से 12 सीटें हासिल हुई थीं। उसे चालीस प्रतिशत से भी अधिक वोट मिले थे लेकिन लगभग छह माह बाद हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा अपने बूते महज 37 विधानसभा सीटों पर जीत दर्ज कर सकती थी। यह बात दीगर है कि बाद में झाविमो से टूटकर छह विधायक भाजपा में जा मिले थे, जिससे उसका आंकड़ा 43 पहुंच गया था।

महज छह माह में आंकड़ों में भारी फेरबदल देखने को मिला। इस बार भी लोकसभा चुनावों में आंकड़ा 12 का ही है। अंतर इतना है कि 2014 में भाजपा ने अकेले बूते 12 सीटें हासिल की थीं, जबकि इस बार एनडीए गठबंधन ने इतनी ही सीटों पर जीत दर्ज की है। भाजपा-आजसू की जोड़ी विधानसभा चुनावों में इस बार क्या लोकसभा के चुनाव परिणाम दोहरा पाएगी सबकी निगाहें इसी पर लगी हुईं हैं। भाजपा उत्साहित है लेकिन देखना यह भी होगा कि उत्साह परिणाम में कितना तब्दील होंगे।

लोकसभा 2019 में किस दल को मिले कितने प्रतिशत वोट

दल       वोट प्रतिशत

भाजपा      50.96

कांग्रेस      15.63

झामुमो       11.51

झाविमो       5.02

आजसू        4.33

बसपा         1.11

सीपीआइ      0.47

सीपीआइएम   0.24

एआइटीसी     0.48

एआइएफबी    0.10

लोकसभा में भाजपा ही नहीं कांग्रेस का वोट शेयर भी बढ़ा

लोकसभा चुनाव 2019 में झारखंड में विपक्ष को करारी हार का सामना करना पड़ा लेकिन वोट शेयर के लिहाज से देखें तो ये परिणाम कांग्रेस और झामुमो के लिए हतोउत्साहित करने वाले नहीं रहे। भाजपा का वोट शेयर 2014 के लोकसभा चुनावों में 40.71 फीसद था, जो 2019 में बढ़कर 50.96 फीसद तक पहुंच गया। वहीं, कांग्रेस को 2014 के लोकसभा चुनावों में 13.48 फीसद वोट मिले थे जबकि इस चुनाव में उसे 15.63 फीसद वोट मिले हैं।

सिंहभूम सीट पर जीत हासिल करने के साथ ही उसने खूंटी और लोहरदगा सीट पर भाजपा को कड़ी टक्कर दी। वहीं, झामुमो का वोट शेयर भी 2014 के लोकसभा चुनाव के मुकाबले 9.42 फीसद से बढ़कर इस बार 11.51 फीसद हो गया है। हां, सीट जरूर दो से घटकर एक हो गई है। इन वोट शेयर की यदि पिछले विधानसभा चुनाव से तुलना करें तो भाजपा को 2014 के विधानसभा चुनावों में 31.26 फीसद वोट मिले थे, जाहिर है उसके मत प्रतिशत में पिछले लोकसभा चुनाव तक जबरदस्त इजाफा हुआ है।

वहीं, कांग्रेस को 10.46 प्रतिशत मत मिले थे, जाहिर है लोकसभा के चुनावों में कांग्रेस के मत प्रतिशत में पांच फीसदी की वृद्धि हुई। हां, झामुमो का वोट शेयर पिछले विधानसभा चुनाव के मुकाबले इस लोकसभा में गिरा। झामुमो को पिछले विधानसभा चुनावों में 20.43 फीसद वोट मिले थे।

विपक्ष 18 विधानसभा क्षेत्रों में ही रहा आगे, लेकिन मजबूत हुई जमीन

लोकसभा चुनाव का यदि विधानसभावार आकलन करे तो दो लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज करने वाले संयुक्त विपक्ष महज 18 विधानसभा क्षेत्रों में ही बढ़त बना सका। लेकिन विपक्ष के लिए उत्साहित करने वाली बात यह है कि जिन 18 सीटों में वह आगे रहे उनमें 17 में उसका मत प्रतिशत पिछले विधानसभा चुनावों से अधिक रहा। सिर्फ चक्रधरपुर विधानसभा क्षेत्र में उसे पिछले चुनाव के मुकाबले कम वोट मिले।

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