Jharkhand Assembly Election 2019: लातेहार में दो धुरंधरों के बीच कांटे की लड़ाई, दोनों कई बार बदल चुके हैं पार्टियां

Jharkhand Assembly Election 2019. लंबे समय से प्रकाश राम और वैद्यनाथ राम के इर्द-गिर्द लातेहार की राजनीति घूमती रही है। दोनों एक-दूसरे को कड़ी टक्कर देते रहे हैं।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Publish:Tue, 19 Nov 2019 04:41 PM (IST) Updated:Tue, 19 Nov 2019 04:41 PM (IST)
Jharkhand Assembly Election 2019: लातेहार में दो धुरंधरों के बीच कांटे की लड़ाई, दोनों कई बार बदल चुके हैं पार्टियां
Jharkhand Assembly Election 2019: लातेहार में दो धुरंधरों के बीच कांटे की लड़ाई, दोनों कई बार बदल चुके हैं पार्टियां

लातेहार, उत्कर्ष पांडेय। Jharkhand Assembly Election 2019 - लातेहार विधानसभा क्षेत्र में इस बार भी रोचक जंग हो रही है। यहां इस बार सीधी लड़ाई वर्तमान विधायक प्रकाश राम व पूर्व मंत्री वैद्यनाथ राम के बीच दिख रही है। वैद्यनाथ व प्रकाश दोनों नेता जिले में बड़े राजनीतिक धुरंधर माने जाते रहे हैं। दोनों ने कई बार पार्टियां भी बदली हैं। लंबे समय से लातेहार विधानसभा की राजनीति इन्हीं दोनों के ईद गिर्द घूमती रही है। ऐसे में प्रकाश व वैद्यनाथ के समर्थक इस चुनाव को प्रतिष्ठा से जोड़कर देख रहे हैं।

दोनों नेता के समर्थक अपने नेता की ओर से किए गए अच्छे कार्यों को बताकर लोगों से उनके पक्ष में वोट करने की अपील करते देखे जा रहे हैं। पूर्व मंत्री वैद्यनाथ राम जहां हाल ही में भाजपा छोडऩे के बाद इस बार झामुमो के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं पिछले चुनाव में झाविमो के टिकट पर चुनाव जीतने के बाद भाजपा में शामिल हुए विधायक प्रकाश राम इस बार भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। वर्ष 2000 के चुनाव में लातेहार सीट पर दिलचस्प मुकाबला हुआ था।

तब भाजपा ने बैद्यनाथ राम का टिकट काट दिया था तो वो जदयू से चुनाव लड़े और तब राजद के टिकट पर चुनाव लड़ रहे प्रकाश राम को हराया था। लातेहार की राजनीति की बात करें तो 2005 में हुए विधानसभा चुनाव में राजद के नेता प्रकाश राम विधायक चुने गए। 2009 में भाजपा के वैद्यनाथ राम और 2014 में झाविमो के प्रकाश राम विधायक चुने गए।

लातेहार 1924 के बाद से ही अनुमंडल के रूप में पलामू जिले का हिस्सा रहा है। चेरो वंश के कई राजाओं ने लगभग 200 वर्षों तक पलामू में शासन किया। 77 साल बाद 4 अप्रैल 2001 में लातेहार को जिला घोषित कर दिया गया। यहां करीब 45.54 फीसद अनुसूचित जनजाति की आबादी रहती है। खरवार, उरांव और चेरो आदिवासी जातियां यहां पर शासन कर चुकी हैं।

गंझू जाति के लोग निभाते हैं चुनाव में प्रभावी भूमिका

लातेहार विधानसभा क्षेत्र में गंझू जाति के वोटरों की संख्या अधिक है। इस समाज का वोट हार और जीत का अंतर तय करता है। इस बार के विधानसभा चुनाव में पूर्व मंत्री वैद्यनाथ राम व विधायक प्रकाश राम की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हैं। दोनों प्रत्याशियों के समर्थक गंझू समुदाय के वोट को अपने पक्ष में करने के लिए प्रयासरत हैं। इसके अलावा यादव, दलित, भूमिहार, वैश्य, राजपूत एवं ब्राह्मïण वोटरों को भी अपने पक्ष में करने के लिए दोनों दलों के लोग लगातार कोशिश कर रहे हैं। दोनों ही दल व्यवसायी वर्ग के बीच जनसंपर्क कर अपनी प्लाङ्क्षनग बताकर जीत सुगम करने को आतुर हैं।

विधानसभा क्षेत्र : लातेहार

कुल मतदाता : 263543

पुरुष मतदाता : 136665

महिला मतदाता : 126878

पिछले विधानसभा चुनाव के नतीजे

लातेहार विधानसभा सीट पर 2014 के चुनाव में भाजपा को पछाड़ कर झाविमो के प्रकाश राम ने 71 हजार 189 वोटों के साथ जीत दर्ज की। वहीं बीजेपी के ब्रजमोहन को 44 हजार 402 वोट मिले थे। 23 हजार 22 वोटों के साथ झामुमो के मोहन गंझू तीसरे नंबर पर रहे थे।

2009 विधानसभा चुनाव के नतीजे

2009 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के वैद्यनाथ राम विधायक चुने गए। वैद्यनाथ को 34,522 वोट मिले थे, जबकि राजद के प्रकाश राम दूसरे नंबर पर रहे। प्रकाश राम को 34 हजार 84 वोट मिले थे, हालांकि ये अंतर महज 438 वोटों का ही था। तीसरे नंबर पर झामुमो के रामदेव गंझु रहे। रामदेव को 10 हजार 76 वोट मिले थे।

तीन बड़े मुद्दे

बिजली संकट

यहां अक्सर तीन से चार दिनों के बिजली दर्शन तक नहीं देती। विशेष तौर पर विधायक के गृह क्षेत्र बारियातू, बालूमाथ में सबसे अधिक बिजली संकट है।

बदहाल सड़कें

एनएच की दुर्दशा के कारण आए दिन यहां दुर्घटनाएं हो रही हैं। विशेष तौर बालूमाथ और बारियातू से होकर गुजरने वाली सड़क की स्थिति नारकीय बनी हुई है।

सिंचाई सुविधा का अभाव

यहां सिंचाई के साधनों की कमी के कारण सैकड़ों एकड़ खेत परती रह जाते हैं। पांच से 10 एकड़ खेत होने के बावजूद कई युवा रोजगार की तलाश में भटकते फिर रहे हैं।

'विधानसभा क्षेत्र में बीते पांच वर्षों में काफी विकास हुआ है। रोजगार के साधन बढऩे से गांवों से पलायन रुका है। उज्जवला योजना के कारण ग्रामीण महिलाओं को चूल्हे के धुएं से निजात मिल गई है। सभी क्षेत्र में विकास हुआ है और इसका सार्थक परिणाम भी सामने आ रहा है। काम को देखकर जनता मेरे साथ है।' -प्रकाश राम, प्रत्याशी भाजपा।

'विधानसभा क्षेत्र के लोग बदहाल हैं। विकास के नाम पर खाली कोरम पूरा किया गया है। आज भी रोजगार के अभाव में लोगों का पलायन निरंतर जारी है। जनता ने विकास करने के लिए मुझे चुनाव लड़ाया है। चुनाव जीत गया तो क्षेत्र में विकास की गंगा बहा दी जाएगी। जनता इस पर जरूर ध्यान देगी।' -वैद्यनाथ राम, प्रत्याशी झामुम।

chat bot
आपका साथी