Jharkhand Assembly Election 2019: अपनी ही पत्नी के खिलाफ चुनाव लड़ने को विधायक संजीव बेताब, यह है अंदर की बात

जेल में बंद विधायक ने धनबाद कोर्ट में अर्जी लगाकर नामांकन करने की अनुमति मांगी थी। बुधावर को कोर्ट ने नामांकन दाखिल करने की सशर्त अनुमति दे दी। वह 25 को नामांकन दाखिल करेंगे।

By MritunjayEdited By: Publish:Wed, 13 Nov 2019 03:28 PM (IST) Updated:Wed, 13 Nov 2019 03:28 PM (IST)
Jharkhand Assembly Election 2019: अपनी ही पत्नी के खिलाफ चुनाव लड़ने को विधायक संजीव बेताब, यह है अंदर की बात
Jharkhand Assembly Election 2019: अपनी ही पत्नी के खिलाफ चुनाव लड़ने को विधायक संजीव बेताब, यह है अंदर की बात

धनबाद, जेएनएन। झरिया के विधायक संजीव सिंह को भाजपा ने टिकट नहीं दिया है। संजीव के बजाय उनकी पत्नी रागिनी सिंह को झरिया विधानसभा क्षेत्र से प्रत्याशी बनाया है। इसके बावजूद विधायक संजीव सिंह अपनी ही पत्नी के खिलाफ चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। इसके लिए उन्हें धनबाद कोर्ट से अनुमति भी मिल गई है। वह 25 नवंबर को झरिया विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने के लिए नामांकन पत्र दाखिल करेंगे।

धनबाद के पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह समेत चार लोगों की हत्या के आरोप में विधायक संजीव सिंह पिछले ढाई साल से जेल में बंद हैं। इस कारण भाजपा ने टिकट नहीं दिया है। संजीव सिंह की पत्नी रागिनी को भाजपा ने पत्याशी बनाया है। दूसरी तरफ विधायक खुद चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। इसे देख सब लोग दंग हैं। आखिर संजीव क्यों चुनाव लड़ना चाह रहे हैं? वह भी अपनी ही पत्नी के खिलाफ झरिया विधानसभा क्षेत्र से। आखिर क्या कारण है कि विधायक अपनी पत्नी के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं? अगर चुनाव लड़ गए तो रागिनी सिंह को  परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।

जेल में बंद विधायक ने धनबाद कोर्ट में अर्जी लगाकर नामांकन करने की अनुमति मांगी थी। बुधावर को कोर्ट ने नामांकन दाखिल करने की सशर्त अनुमति दे दी। वह 25 को नामांकन दाखिल करेंगे। इसके लिए उन्हें कड़ी सुरक्षा में जेल से झरिया विधानसभा क्षेत्र के निर्वाची पदाधिकारी के चेंबर ले जाया जाएगा। इस दाैरान विधायक के समर्थक या रिश्तेदार किसी तरह का हो-हल्ला नहीं करेंगे। 

राजनीति के जानकारों का कहना है कि विधायक संजीव सिंह जेल से ही अपनी पत्नी की जीत सुनिश्चत करना चाह रहे हैं। चुनाव के दाैरान किसी तरह की अनहोनी से निपटने के लिए विधायक ने खुद भी नामांकन करने की योजना बनाई है। एक तरह यह का बैकअप प्लान है। चूंकि, विधायक के विरोधी रागिनी सिंह के खिलाफ लगातार साजिश कर रहे हैं और करेंगे। यह बात विधायक अच्छी तरह जानते हैं। ऐसी चर्चा है कि रागिनी का नामांकन रद कराने की कोशिश विरोधी कर सकते हैं। इस प्लान का काट के लिए ही विधायक नामांकन दाखिल करेंगे। नामांकन के बाद जांच में रागिनी का पर्चा पास हो गया तो विधायक राहत की सांस लेंगे। अपना नामांकन पत्र वापस ले लेंगे। अगर रद हुआ तो खुद जेल ही चुनाव लड़ेंगे।

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