Jharkhand Assembly Election 2019: रांची में दिख रहा काम लेकिन विकास की राह में लंबा जाम
Jharkhand Assembly Election 2019. रांची विधानसभा क्षेत्र में सड़क और जलापूर्ति में कामयाबी मिली है लेकिन गंदगी-ड्रेनेज और ट्रैफिक बड़ी समस्या है।
रांची, जेएनएन। Jharkhand Assembly Election 2019 - वे पहले आम नागरिक हैं, फिर विधायक और मंत्री अंत में। बात चाहे शहरी विकास से जुड़े कार्यक्रमों की हो अथवा अन्य आयोजनों की, रांची के विधायक सीसी सिंह डंके की चोट पर यह कहते पाए गए हैं। जनता की एक आवाज पर हर छोटे-मोटे आयोजनों पर सशरीर उपस्थिति उनकी खासियत है। अविभाजित बिहार से ही रांची विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में कमल खिलाते आए सीपी ने जब 2014 में भी रांची सीट फतह की, भाजपानीत गठबंधन सरकार ने उन्हें नगर विकास एवं आवास विभाग के अलावा परिवहन विभाग की बागडोर सौंप दी।
एक विधायक के तौर पर स्थानीय मुद्दों के समाधान को लेकर भागदौड़ करने वाले विधायक को बड़े फलक पर काम करने का मौका मिला। डबल इंजन की इस सरकार में विधायक के साथ-साथ मंत्री के रूप में इन्हें डबल शक्ति मिली। राजधानी किसी भी राज्य का मुखौटा होता है, बाहर के प्रदेशों और विदेशों से आने वाले लोग इसकी सूरत देखकर पूरे राज्य की परिकल्पना करते हैं। लिहाजा उन्होंने राजधानी रांची पर कुछ खास ही फोकस किया।
यह कहना कतई अतिशयोक्ति नहीं होगी कि पिछले डेढ़ दशक की तुलना में विगत पांच वर्षों में राजधानी के विकास की रफ्तार अपेक्षाकृत तेज रही। शहरी जलापूर्ति, सिवरेज-ड्रेनेज/सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट, आवास, सड़क निर्माण, यातायात प्रबंधन आदि के क्षेत्रों में इस अवधि में काम हुए। इससे इतर यह कहना कि विधायक के पांच वर्षों के कार्यकाल में राजधानी की सूरत पूरी तरह से बदल गई, ऐसा नहीं हुआ।
झारखंड की भौगोलिक संरचना की बात करें तो राज्य की कुल आबादी का लगभग 24 फीसद हिस्सा शहरों में निवास करता है। इसमें सालना 2.4 फीसद की वृद्धि दर्ज की गई है। शहरीकरण के कारण हाल के वर्षों में राजधानी आसपास के क्षेत्रों में दर्जनों नए मुहल्ले बस गए, अनगिनत बस्तियां बस गईं। आबादी बढ़ी तो आधारभूत संरचनाओं के साथ-साथ बुनियादी सुविधाओं की डिमांड भी बढ़ी। जनता की इन मांगों को पूरा करने के कुछ सफल प्रयास हुए तो बहुत मामलों में जनता को निराश भी होना पड़ा।
समस्याएं आज भी गली, मुहल्लों, चौक-चौराहों पर मुंह बाए खड़ी हैं। हालांकि इन्हें बतौर विधायक काम करने का मौका एक-दो वर्ष नहीं, पांच वर्ष नहीं, 10 वर्ष भी नहीं, बल्कि लगातार 24 साल मिला। अब इस अवधि में राजधानी रांची का वास्तविक विकास कितना हुआ, यह कसौटी पर है। सीपी सिंह बड़बोलेपन को लेकर कई दफा विवादों में भी रहे। आम जनता के साथ उनका सहज संपर्क खासियत है। वे अपनी बातें बेबाकी से लोगों के समक्ष रखते हैं और विरोधियों पर करारा प्रहार भी करते हैं।
5 बड़े मुद्दे : कितने खरे उतरे विधायक
शहरी जलापूर्ति
शहरी जलापूर्ति के मामले में राजधानी रांची की स्थिति अभी भी अच्छी नहीं कही जा सकती। राष्ट्रीय बेंचमार्क की बात करें तो 24 घंटे के बदले यहां आज भी छह से सात घंटे ही जलापूर्ति हो पा रही है। हाल के वर्षों में विधायक के सौजन्य से कई क्षेत्रों में पाइप लाइन का विस्तार तो जरूर हुआ, परंतु अभी तक वहां जलापूर्ति शुरू नहीं हो सकी है।
सिवरेज-ड्रेनेज/सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट
राजधानी रांची में सिवरेज ड्रेनेज का प्लान 2005 से ही झंझावतों में झूल रहा है। विवादों में घिरा यह प्लान आज तक धरातल पर नहीं उतर सका है। राजधानी स्थित कई बड़े नाले आज भी खुले हुए हैं। पिछले ही दिनों नाले में गिर जाने से एक बच्ची की मौत हो गई थी। जहां तक सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट की बात है। वैज्ञानिक तरीके से कचरे के निपटारे की आज तक सरकार के पास व्यवस्था नहीं है।
आवास व स्ट्रीट लाइट
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत शहर में भले ही छह हजार इकाइयों का निर्माण हो रहा है। इससे इतर आवास मंत्री होने के बावजूद विधायक आवास बोर्ड के माध्यम से एक भी कालोनी नहीं बना सके। हरमू में बोर्ड ने कुछ आवासों का निर्माण तो जरूर कराया, परंतु बाजार मूल्य से अधिक कीमत होने से उसके खरीदार नहीं मिल रहे हैं। कमोबेश यही स्थिति दो मार्केटिंग कॉम्पलेक्स की है। उसकी आधी से अधिक दुकानें आज भी खाली हैं।
सड़क निर्माण
पिछले पांच वर्षों में सड़क निर्माण पर विधायक का खास फोकस रहा है। 2014 के विधानसभा चुनाव से पूर्व सड़क निर्माण की मांग को लेकर सीपी सिंह स्वयं रातू रोड में दुर्गा मंदिर के समीप धरना पर बैठ गए थे। तब हेमंत सोरेन नगर विकास मंत्री हुआ करते थे। सीपी सिंह की पहल पर अपर बाजार समेत उसके आसपास की सड़कों का कायाकल्प हो गया। रांची विधानसभा क्षेत्र की लगभग 80 फीसद हिस्सों में आज सड़क संजाल फैला है।
यातायात प्रबंधन
यातायात प्रबंधन के मामले में सीधी सहभागिता नहीं होने के बावजूद विधायक ने सुगम यातायात के लिए अपने स्तर से काफी प्रयास किए। फुटपाथ दुकानदारों की समस्याओं को वर्षों से उठाने वाले सीपी सिंह के प्रयास से जहां वेंडर जोन का निर्माण हुआ, वहीं खादगढ़ा मधुकम बाजार में और नागाबाबा खटाल में सब्जी विक्रेताओंं के लिए मल्टी कॉम्पलेक्स का निर्माण हुआ। अलबत्ता सुगम यातायात के लिए आज भी बहुत कुछ करने की जरूरत है।
राजधानी का किया संपूर्ण विकास : सीपी सिंह
राजधानी का विकास अब झलकने लगा है। रांची विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र की शायद ही कोई ऐसी गली बची हो, जहां सड़क नहीं हो। नालियां भी एक-एक गली में बन रही हैं। शहर के वंचित क्षेत्रों में पाइप बिछ चुके हैं। शीघ्र ही वहां जलापूर्ति शुरू होगी। ठोस कचरा प्रबंधन की दिशा में कार्य हो रहे हैं। कांटाटोली फ्लाईओवर का निर्माण, स्मार्ट रोड, वेंडर मार्केट का निर्माण यातायात प्रबंधन के क्षेत्र में वरदान साबित होगा। कई योजनाएं पाइप लाइन में हैं, जिसका सकारात्मक परिणाम शीघ्र ही देखने को मिलेगा। -सीपी सिंह, विधायक, रांची।
24 साल विधायक रहे, फिर भी समस्या बरकरार : महुआ माजी
रांची के विधायक सीपी सिंह पांच साल नहीं, 24 साल से रांची के विधायक हैं। इसके बावजूद राजधानी की समस्या जस की तस है। फिर भी न तो यहां ड्रेनेज सिस्टम सुधरा, न ही पेयजल की समस्या दूर हुई। इस गर्मी में भी पीने के पानी को लेकर हाहाकार मचा। हद तो तब हो गई जब पानी के लिए छूरेबाजी हो गई। विधायक ने रांची में मोनो रेल के सपने जनता को खूब दिखाए। हुआ कुछ भी नहीं। फ्लाईओवर के नाम पर बार-बार डीपीआर बनी। जनता की गाढ़ी कमाई के करोड़ों रुपये इसमें बर्बाद हुए। गंदगी के कारण राजधानी की जनता पहले से ही मच्छरों से त्रस्त है। -महुआ माजी, केंद्रीय अध्यक्ष, झामुमो महिला मोर्चा। (पिछले विधानसभा चुनाव में रांची विधानसभा क्षेत्र से दूसरे स्थान पर थीं)
आम लोगों की प्रतिक्रिया
रांची क्षेत्र के विधायक सीपी सिंह का इस बार कोई काम नहीं दिख रहा है। हर तरफ गंदगी का अंबार है और जो सड़क के किनारे नाली बनाई गई है, वो कई जगहों पर ऊंची है। इसकी वजह से सड़क का सारा पानी नीचे वाले घरों में जा रहा है। श्रद्धानंद रोड में पक्की सड़क तो बना दी गई है, लेकिन नाली ऊंची होने की वजह से बरसात का पानी अपार्टमेंट में घुस रहा है। अब लोग खुद नाली तोड़कर पानी के लिए जगह बना रहे हैं। जब तक सीपी सिंह विधायक थे तो काम करते थे, लेकिन मंत्री बनते ही काम नदारद हो गया है। दो से ज्यादा नंबर नहीं दूंगा। -टीएन वर्मा, अधिवक्ता।
सीपी सिंह से झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष के रूप में एक अच्छा उद्धरण प्रस्तुत किया। रांची के लोगों के लिए ये गर्व का विषय है कि झारखंड राज्य में पहली बार कोई व्यक्ति नगर विकास मंत्री के रूप में अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा कर रहा है। सीपी सिंह आम जनता से हमेशा जुड़े हुए व्यक्ति हैं तथा हर वर्ग की पीड़ा को अपनी पीड़ा समझते हैं। वे निर्भीक नेता, समर्पित समाजसेवी और सरल व्यक्तित्व के धनी हैं। हर व्यक्ति की पीड़ा को सुनना एवं उसका निराकरण करना इनके स्वभाव में हैं। दस में दस नंबर दूंगा। -सुमित पोद्दार, व्यापारी।
सीपी सिंह पिछले कई वर्षों से रांची का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं, लेकिन आज तक जनता की आकांक्षा पर खरे नहीं उतर पाए हैं। वे रांची की मूलभूत समस्याओं का निदान नहीं कर पाए हैं। पानी की सप्लाई आजतक पूरे रांची में नहीं हो पाई। बिजली व्यवस्था का भी बुरा हाल है। आज तक सीवरेज और पानी निकासी की व्यवस्था नहीं है। नदी को नाले में तब्दील कर दिया। एक तरफ सरकार स्वच्छ भारत का नारा देती है, पर आज भी रांची के गली-मुहल्लों में गंदगी का अंबार है। स्वास्थ्य और शिक्षा का बुरा हाल है। शहर के युवा बेरोजगार हैं। अपराध चरम पर है। मैं उन्हें जीरो नंबर दूंगा। -अजय सिंह, जिला मंत्री, भाकपा।
उनके क्षेत्र रातू रोड में ही सड़कों का हाल-बेहाल है। इस पर उन्होंने कोई काम नहीं किया है। सीपी सिंह को जो लोग निजी तौर पर जानते हैं वो उनका जरूर भला करते हैं। मैं उन्हें 2 नंबर दूंगा। -शिवकांत सिन्हा, युवा।
रातू रोड के कृष्णापुरी, शिवपुरी कॉलोनी व आसपास के सड़कों की हालत खराब है। पहले तो कुछ काम भी करते थे लेकिन अब सिर्फ फीता काटते नजर आते हैं। मैं उन्हें 5 से ज्यादा नंबर नहीं दूंगा। -संजय कुमार गुप्ता, सहायक महाप्रबंधक, एसबीआइ।
रातू रोड से पंडरा बाजार तक सड़क की हालत दयनीय है। मंत्री जी का इस ओर कोई ध्यान नहीं है। नाली की व्यवस्था भी अस्त-व्यस्त है। उनको काम को देखते हुए मैं सात नंबर दूंगा। -शंभू गुप्ता, व्यवसायी।
सीपी सिंह के पास कई बार समस्याएं लेकर गई हूं। उनका रवैया हमेशा सकारात्मक रहा है। मैं उन्हें आठ नंबर दूंगी। -डॉ. रागिनी, शिक्षाविद।
हिसाब-किताब :
वित्तीय वर्ष प्राप्त आवंटन (लाख में) अनुशंसित राशि अनुशंसित योजनाओं की संख्या पूर्ण योजना
2015-16 300 281.145 73 52
2016-17 400 284.432 63 44
2017-18 400 329.1 72 37
2018-19 400 242.350 47 7
2019- 20 400 215.064 30 -