Jharkhand Election 2019: CM रघुवर दास ने स्वीकारा सरयू राय का इस्तीफा, अब स्पीकर की बारी

Jharkhand Assembly Election 2019 विधानसभा की सदस्यता से सरयू राय के फैक्‍स से भेजे गए इस्तीफे को विधानसभा सचिवालय ने अस्वीकृत कर दिया है।

By Alok ShahiEdited By: Publish:Fri, 13 Dec 2019 08:29 PM (IST) Updated:Sat, 14 Dec 2019 06:48 AM (IST)
Jharkhand Election 2019: CM रघुवर दास ने स्वीकारा सरयू राय का इस्तीफा, अब स्पीकर की बारी
Jharkhand Election 2019: CM रघुवर दास ने स्वीकारा सरयू राय का इस्तीफा, अब स्पीकर की बारी

खास बातें

सरयू राय बोले, सही तो यह होता कि मुख्यमंत्री स्वयं उन्हें मंत्रिमंडल से बाहर कर देते सरयू राय ने राज्यपाल द्रौपदी मूर्मू से मिलकर शुक्रवार को सौंपा मंत्री पद से इस्तीफा राज्यपाल ने इस्‍तीफे पर आगे की कार्रवाई के लिए सीएम रघुवर दास को भेजा, सीएम ने स्वीकारा इस्तीफा 

रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand Assembly Election 2019 भाजपा से बागी होकर जमशेदपुर पूर्वी से मुख्यमंत्री रघुवर दास के विरुद्ध निर्दलीय चुनाव लड़नेवाले सरयू राय का इस्तीफा सीएम नेे स्वीकार कर लिया हैै, शुक्रवार  को मुख्यमंत्री रघुवर दास ने सरयू राय का  इस्तीफा मंजूर किया। राजभवन से प्रेषित सरयू राय के त्यागपत्र को मुख्यमंत्री की मंजूरी के लिए फैक्स से दुमका भेजा गया था। मुख्यमंत्री ने राय के त्यागपत्र पर हस्ताक्षर कर दिए दिए हैं। मुख्यमंत्री सचिवालय ने अग्रेतर करवाई के लिए इसे वापस राजभवन भेज दिया है। राजभवन से इसे कैबिनेट भेजा जाएगा। नोटिफिकेशन कैबिनेट से जारी होगा। 

इससे पहले सरयू राय ने राज्यपाल को विधिवत रूप से मंत्री पद से इस्तीफा सौंप दिया। उन्होंने पूर्वाह्न 11 बजे राजभवन में राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू से मिलकर उन्हें अपना इस्तीफा संबंधित पत्र सौंपा। इधर, राज्यपाल के निर्देश पर राजभवन सचिवालय ने शुक्रवार को ही शाम में उनका त्यागपत्र मुख्यमंत्री रघुवर दास को यथोचित और आगे की कार्रवाई के लिए भेज दिया। अब अगर सीएम इस्तीफा स्वीकार करते हैं तो वे इसे राजभवन को भेजेंगे और इस्तीफा स्वीकार करने की अनुशंसा करेंगे। 

राज्यपाल को महज डेढ़ लाइन के सौंपे गए त्यागपत्र में सरयू राय ने इस्तीफा देने के किसी कारण का उल्लेख नहीं किया है। उन्होंने सिर्फ तात्कालिक प्रभाव से अपना इस्तीफा स्वीकार करने का अनुरोध राज्यपाल से किया। इस्तीफा देकर राजभवन से निकलने के बाद मीडिया से रूबरू होते हुए कहा कि उन्होंने भाजपा से अलग होकर निर्दलीय चुनाव लड़ा था, इसलिए मंत्री पद से इस्तीफा देना उनका नैतिक दायित्व था। उन्होंने यह भी कहा कि सही तो यह होता कि मुख्यमंत्री स्वयं उन्हें मंत्रिमंडल से बाहर कर देते। सरयू राय के अनुसार, उन्होंने 17 नवंबर को ही फैक्स व ईमेल से अपना इस्तीफा राजभवन को भेज दिया था। लेकिन राजभवन ने 11 दिसंबर को स्पष्ट किया कि उनका इस्तीफा राजभवन को मिला ही नहीं था।

विधानसभा ने त्यागपत्र किया अस्वीकार, नियम का हवाला

विधानसभा की सदस्यता से सरयू राय के इस्तीफे को विधानसभा सचिवालय ने अस्वीकृत कर दिया है। इस बाबत विधानसभा के सचिव महेंद्र प्रसाद ने सरयू राय को पत्र भेजकर सूचित किया है। पत्र में उन्होंने नियमों का हवाला देते हुए कहा है कि फैक्स से त्यागपत्र नियमों के आलोक में स्वीकार करने योग्य नहीं है। सरयू राय ने बीते 17 नवंबर को विधानसभा अध्यक्ष को फैक्स के जरिए त्यागपत्र भेजा था।

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