Jharkhand Assembly Election 2019: भाजपा में भितरघात की आहट, हाईकमान के कान खड़े

Jharkhand Assembly Election 2019 अधिकृत प्रत्याशियों के खिलाफ खुले मोर्चे से केंद्रीय नेतृत्व भी अनजान नहीं है। ऐसे में पार्टी नेतृत्व खासी सतर्कता बरत रही है।

By Alok ShahiEdited By: Publish:Fri, 06 Dec 2019 09:10 PM (IST) Updated:Sun, 08 Dec 2019 11:07 AM (IST)
Jharkhand Assembly Election 2019: भाजपा में भितरघात की आहट, हाईकमान के कान खड़े
Jharkhand Assembly Election 2019: भाजपा में भितरघात की आहट, हाईकमान के कान खड़े

रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand Assembly Election 2019 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गत तीन दिसंबर की अपनी जमशेदपुर की रैली में साफ कहा था कि जहां कमल है, वहां मोदी है। यह संदेश सिर्फ जमशेदपुर के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे राज्य के भाजपा कैडरों के लिए था। स्पष्ट है कि चुनाव में बागियों के उतरने और भितरघात की आशंका से भाजपा का शीर्ष नेतृत्व अनजान नहीं है। भाजपा को इस चुनाव में विपक्ष से कहीं ज्यादा खतरा अपनों से है। जमशेदपुर पूर्वी की विधानसभा सीट पर मुख्यमंत्री रघुवर दास को भाजपा सरकार में मंत्री रहे सरयू राय चुनौती दे रहे हैं। यह सीट पूरे देश में चर्चा का विषय बनी हुई है।

जमशेदपुर सीट एकलौती सीट नहीं है, जिस पर भाजपा को भाजपा से ही चुनौती मिल रही है। इस चुनाव में करीब एक दर्जन सीटों पर ऐसी स्थिति देखने को मिल रही है। कहीं बागी निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर भाजपा को चुनौती दे रहे हैं, तो कहीं दूसरे दलों में शामिल हो अपनी ही पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। पहले चरण के चुनाव में राधाकृष्ण किशोर और बैद्यनाथ राम जैसे नेताओं ने भाजपा छोड़ दूसरे दलों का दामन थाम पार्टी के लिए मुश्किलें खड़ी की।

दूसरे चरण के चुनाव में सरयू राय के अलावा बहरागोड़ा से समीर मोहंती भी बागी हो मैदान में खड़े हैं। वे झामुमो में शामिल हो पार्टी के अधिकृत उम्मीदवार कुणाल षडंगी को चुनौती दे रहे हैं। कोडरमा से शालिनी गुप्ता को टिकट की आस थी, टिकट नहीं मिला तो वे आजसू में शामिल हो गईं और मंत्री नीरा यादव के खिलाफ उतर गईं। बरकट्ठा से अमित यादव भी भाजपा के अधिकृत प्रत्याशी जानकी यादव के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं।

बोरियो से ताला मरांडी, गोमिया से माधव लाल सिंह, बरही से उमाशंकर अकेला जैसे तमाम नेता हैं, जो भाजपा के अधिकृत प्रत्याशियों के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। ये वे चेहरे हैं, जो सामने हैं। इनके मददगार के रूप में खुलकर और छिपकर काम करने वाले भी भाजपा के ही कैडर हैं। स्थिति यह है कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और कार्यकारी अध्यक्ष अब खुद बूथ स्तर की समीक्षा कर रहे हैं। कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ा रहे हैं और उनकी तमाम शिकायतों को चुनाव बाद दूर करने का भरोसा भी दिला रहे हैं।

भाजपा ने लिया कड़ा फैसला

पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ उतरने वालों और अधिकृत प्रत्याशी का विरोध करने वालों को लेकर भाजपा ने हाल ही में कड़ा फैसला लिया है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा की ओर से जारी संदेश में साफ कहा गया है कि, भाजपा झारखंड प्रदेश के वैसे नेता जो विधानसभा चुनाव में पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव मैदान में हैं, या प्रत्याशी का सार्वजनिक विरोध कर रहे हैं, अथवा संगठन के निर्देश के विपरीत कार्य करते हुए अनुशासन तोड़ रहे हैं, ऐसे सभी लोग पार्टी से स्वत: निष्कासित माने जाएंगे।

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