Jharkhand Election 2019: नए चेहरों से मात खाते रहे हैं राजनीति के पुराने खिलाड़ी Special Report

Jharkhand Assembly Election 2019 तत्कालीन मुख्यमंत्री तक को शिकस्त देने में सफल रहे हैं ये नए चेहरे! दशकों का अनुभव रखने वाले तरसते रहे विधायक बनते ही कई बन गए मंत्री...

By Alok ShahiEdited By: Publish:Fri, 22 Nov 2019 11:50 PM (IST) Updated:Fri, 22 Nov 2019 11:50 PM (IST)
Jharkhand Election 2019: नए चेहरों से मात खाते रहे हैं राजनीति के पुराने खिलाड़ी Special Report
Jharkhand Election 2019: नए चेहरों से मात खाते रहे हैं राजनीति के पुराने खिलाड़ी Special Report

रांची, [विनोद श्रीवास्तव]। Jharkhand Assembly Election 2019 हाल के वर्षों में तेजी से बदले राजनीतिक परिदृश्य में राजनीति के कई पुराने खिलाड़ी नए चेहरों से मात खाते रहे हैं। अपने-अपने विधानसभा क्षेत्रों में दो-दो तीन-तीन बार जीत का सेहरा बांधने वाले इन दिग्गजों में से कई मंत्रिमंडल की बात कौन करें, बोर्ड-निगमों तक का हिस्सा बनने को तरसते रहे। इससे इतर राजनीति के नए रणबांकुरों ने जीत के साथ ही लंबी छलांग लगाई और मंत्री बन बैठे। राज्य गठन के बाद झारखंड में अबतक हुए तीन विधानसभा चुनाव के परिणाम और इसके बाद के राजनीतिक परिदृश्य इसकी बानगी है। 

2009 के विधानसभा चुनाव की बात करें तो पाकुड़ विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से अकील अख्तर, दुमका से हेमंत सोरेन, बरही से उमाशंकर अकेला, जुगसलाई से रामचंद्र सहिस, तमाड़ से गोपाल कृष्ण पातर उर्फ राजा पीटर आदि पुराने दिग्गजों को मात देने में सफल रहे। इसी तरह अगर हम 2014 के विधानसभा चुनाव पर नजर डालें तो राजमहल विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से अनंत ओझा, लिट्टीपाड़ा से अनिल मुर्मू, जामताड़ा से इरफान अंसारी, दुमका से लुइस मरांडी, जरमुंडी से बादल पत्रलेख, सारठ से रणधीर कुमार सिंह, कोडरमा से नीरा यादव, हजारीबाग से मनीष जायसवाल, बोकारो से विरंची नारायण, चंदन कियारी से अमर कुमार बाउरी, धनबाद से राज सिन्हा, बहरागोड़ा से कुणाल षाड़ंगी, तमाड़ से विकास मुंडा, सिल्ली से अमित कुमार, मांडर से गंगोत्री कुजूर, डालटेनगंज से आलोक चौरसिया आदि ने दिग्गजों को परास्त किया। 

राजा पीटर ने दिशोम गुरु को तमाड़ में दी शिकस्त
तमाड़ विधानसभा उप चुनाव में गोपाल कृष्ण पातर उर्फ राजा पीटर ने दिशोम
गुरू शिबू सोरेन को शिकस्त दी थी। शिबू तब राज्य के मुख्यमंत्री केहुआ करते थे। बाद में राजा पीटर तमाड़ विधानसभा क्षेत्र से जदयू के टिकट से 2009 में सामान्य चुनाव में भी जीत हासिल की और राज्य के उत्पाद एवं मद्य निषेध मंत्री बने।

विधायक बनते ही बन गए मंत्री और बोर्ड निगमों के अध्यक्ष
पहली बार विधायक बनने के साथ ही नीरा यादव जहां राज्य की शिक्षा मंत्री बन गईं, वहीं रणधीर कुमार सिंह कृषि मंत्री और अमर कुमार बाउरी राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री बना दिए गए। आलोक कुमार चौरसिया मार्केटिंग बोर्ड के अध्यक्ष बनाए गए थे। इन चार नए चेहरों में से नीरा यादव को छोड़कर शेष तीन झाविमो के टिकट से चुनाव जीतने के बाद भाजपा का दामन थाम लिया था।

2019 के चुनाव में भी दलों ने जताया है नए चेहरों पर भरोसा
पिछले विधानसभा चुनावों से मिले अनुभवों को देखते हुए सत्ताधारी दल भाजपा समेत लगभग सभी विपक्षी दलों ने विधानसभा चुनाव 2019 में भी नए चेहरों पर भरोसा जताया है। राज्य के सभी 81 विधानसभा सीटों पर संघर्ष कर रही पार्टी झाविमो इसमें सबसे आगे है। झाविमो द्वारा अबतक जारी प्रत्याशियों की सूची में लगभग 70 फीसद चेहरे नए हैं। अब जनादेश तय करेगा कि इस बार ये नए चेहरे दलों के भरोसे पर कितना खरा उतरते हैं।  

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