Jharkhand Assembly Election 2019: अब चौथा चरण, भाजपा और विपक्ष ने झोंकी पूरी ताकत
Jharkhand Assembly Election 2019 चौथे चरण में कोयलांचल और संताल की 15 सीटों के लिए 16 दिसंबर को वोट डाले जाएंगे। तीन चरण में अब तक 50 सीटों पर चुनाव हो चुका है।
खास बातें
रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand Assembly Election 2019 झारखंड विधानसभा चुनाव के चौथे रण को निर्णायक माना जा रहा है। सत्ता की दहलीज तक राजनीतिक दलों को पहुंचाने में इस चरण से जुड़ी सीटों की भूमिका अहम रहने वाली है। यही वजह है कि भाजपा, यूपीए के साथ-साथ आजसू और झाविमो जैसे दलों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। चौथे चरण में कोयलांचल और संताल की 15 सीटों के लिए 16 दिसंबर को वोट डाले जाएंगे। तीन चरण में अब तक 50 सीटों पर चुनाव हो चुका है।
सत्ताधारी दल भाजपा के लिए चौथे चरण के चुनाव को सबसे अहम माना जा रहा है। 2014 के विधानसभा चुनाव में इस चरण की 15 सीटों में से भाजपा ने 11 पर जीत दर्ज की थी। चंदनक्यारी से झाविमो के टिकट पर जीतकर आए अमर कुमार बाउरी भी चुनाव जीतते ही भाजपा में शामिल हो गए थे। लोकसभा चुनाव में तो इस चरण की सभी सीटों पर भाजपा और उसकी तत्कालीन सहयोगी आजसू का कब्जा था।
स्पष्ट है कि भाजपा ने इस चरण के लिए मौजूदा अपने 12 विधायकों में से 10 दोबारा भरोसा जताया है। सिंदरी से फूलचंद मंडल का टिकट काटकर इंद्रजीत महतो को दिया गया है। जबकि झरिया में विधायक संजीव सिंह की जगह उनकी पत्नी रागिनी सिंह को टिकट दिया गया है। झामुमो, मासस और आजसू ने भी इस चरण के लिए अपने पुराने चेहरों पर ही दांव लगाया है। सत्ताधारी दल भाजपा की कोशिश है कि वह 2014 का प्रदर्शन दोबारा दोहराने में कामयाब हो जबकि विपक्षी खेमा अधिक से अधिक सीटों को छीनने की कोशिश में जुटा हुआ है।
पीएम ने किया आगाज, अब शाह, योगी व गडकरी आएंगे
चौथे चरण के चुनाव में विपक्ष के पास खोने को कुछ खास नहीं हैं। भाजपा की सबसे बड़ी चुनौती यही है। यही कारण है कि इस चरण में भाजपा ने अपनी पूरी ताकत झोंकी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को धनबाद में जनसभा कर चौथे चरण के प्रचार का जोरदार आगाज किया है।
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह शनिवार को देवघर और गिरिडीह में चुनावी सभा करेंगे जबकि शुक्रवार को नितिन गडकरी और योगी आदित्यनाथ ने मोर्चा संभाला। मनोज तिवारी और दिनेश लाल यादव से सिने स्टार भी उतारे गए। हालांकि ऐसा नहीं कि इस चरण में यूपीए ने कोई कमी रखी है। हेमंत सोरेन के नेतृत्व में क्षेत्रीय क्षत्रपों ने बखूबी कमान संभाल रखी है।