Jharkhand Assembly Election 2019: झारखंड में 65 पार्टियां आजमा चुकीं किस्मत, इस बार ताल ठोक रहे और नए दल

Jharkhand Assembly Election 2019. आयोग में छह राष्ट्रीय सूचीबद्ध हैं। चार राज्य स्तरीय व 47 अन्य दल हैं। 95 फीसद को जनता का प्रतिनिधित्व का नहीं मिलता मौका।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Publish:Thu, 21 Nov 2019 06:40 AM (IST) Updated:Thu, 21 Nov 2019 06:40 AM (IST)
Jharkhand Assembly Election 2019: झारखंड में 65 पार्टियां आजमा चुकीं किस्मत, इस बार ताल ठोक रहे और नए दल
Jharkhand Assembly Election 2019: झारखंड में 65 पार्टियां आजमा चुकीं किस्मत, इस बार ताल ठोक रहे और नए दल

रांची, [विनोद श्रीवास्तव]। यह लोकतंत्र ही है, जहां हर किसी को कुछ शर्तों के साथ जनता का प्रतिनिधित्व करने, चुनाव लडऩे का अधिकार है। अगर झारखंड के परिपेक्ष्य में बात करें तो हर विधानसभा चुनाव में लगभग पांच दर्जन के आसपास विभिन्न राजनीतिक दल, सामाजिक-धार्मिक संगठनों के प्रतिनिधियों, यहां तक कि निर्दलीय भी चुनावी जंग में अपनी किस्मत आजमाते हैं।

हर चुनावी वर्ष में यह आंकड़ा बढ़ता जा रहा। यह बात अलग है कि इनमें से 90 से 95 फीसद तक लोगों को प्रतिनिधित्व का मौका नहीं मिलता। इसके बावजूद उनके हौसले पस्त नहीं होते। राज्य गठन के बाद हुए तीन विधानसभा चुनाव व इसके सापेक्ष हुए अन्य चुनावों में उनकी उपस्थिति इसकी बानगी है। यूं कहें, समय के साथ-साथ प्रतिनिधित्व की यह भावना उन दलों और संगठनों में बढ़ती जा रही है।

2005 के विधानसभा चुनाव में जहां 50 दलों और संगठनों ने अपनी किस्मत आजमाई थी वहीं 2009 में यह संख्या बढ़कर 63 और 2014 में 65 हो गई। यह तो हुई पिछले विधानसभा चुनाव की बात। इस बार यह आंकड़ा और बढ़ सकता है। आप पार्टी और ओवैसी की एआईएमआईएम भी इस बार चुनाव मैदान में हैं। कुछ और दल भी खम ठोक रहे, ऐसे में पूरी उम्मीद है कि इस बार राज्य में अधिकतम 65 दलों का चुनाव मैदान में होने का रिकाॅर्ड टूट जाए।

राज्य में अभी दो ही चरण के नामांकन हुए हैं, तीन चरण के नामांकन बाकी हैं। यह संख्या सिर्फ दलों और संगठनों की है। इसके अलावा निर्दलीय चुनाव लडऩे वालों की भी यहां लंबी फेहरिश्त रही है। भारत निर्वाचन आयोग की अधिकृत सूची की बात करें तो यहां छह राष्ट्रीय पार्टियां हैं, जबकि राज्य स्तर के दलों की संख्या चार है। दूसरे राज्यों में निबंधित आठ पार्टियों को आयोग ने यहां चुनाव लडऩे की इजाजत दी है। इसके अलावा 47 ऐसी पार्टियां हैं, जो विभिन्न स्तरों पर निबंधित है।

मुख्य मुकाबला इनके बीच ही

भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस, आजसू, झामुमो, झाविमो, जदयू, राजद, सीपीआई, बसपा।

ये भी हैं मैदान में

तृणमूल कांग्रेस, जनता दल, लोजपा, सपा, शिवसेना, समाजवादी पार्टी, आपका हमारा पार्टी, गरीब आदमी पार्टी, हम किसान पार्टी, हिंदुस्तान जनता पार्टी, मानव मुक्ति मोर्चा, नेशनल यूथ पार्टी, राष्ट्रीय जनाधिकार सुरक्षा पार्टी, राष्ट्रीय क्रांतिकारी समाजवादी पार्टी, जनता दल राष्ट्रवादी, प्रगतिशील मगही समाज, राष्ट्रीय मजदूर किसान प्रजातांत्रिक पार्टी, जनवादी पार्टी, शोषित समाज दल, सोशलिस्ट यूनिटी सेंटर, स्वतंत्र राष्ट्रवादी पार्टी, राष्ट्रीय देशज पार्टी, राष्ट्रीय गरीब दल आदि।

2009 में राष्ट्रीय दल था राजद, अब क्षेत्रीय

भारत निर्वाचन आयोग की आधिकारिक वेबसाइट की बात करें तो राष्ट्रीय जनता दल 2009 में देश की राष्ट्रीय पार्टियों में सूचीबद्ध थी। 2014 में यह राज्य स्तर के दलों में शामिल हो गया।

इस बार इन दलों पर भी रहेगी नजर

एआइएमआइएम : मुस्लिम राजनीति का फेस बनकर उभरे असदुद्दीन ओवैसी की कोशिश झारखंड में पैठ बनाने की है। बिहार में विधानसभा की एक सीट जीतने के बाद उनके हौसले बुलंद हैं। उन्होंने दो माह पहले रांची में बड़ी रैली से आगाज किया था। लगभग दो दर्जन प्रत्याशी उतार रहे हैं। नारा मुस्लिम-आदिवासी गठजोड़ का।

आम आदमी पार्टी : पहली दफा विधानसभा चुनाव में किस्मत आजमा रहे अरविंद केजरीवाल। बीस प्रत्याशी खड़े किए हैं चुनाव में, अभी डगर नहीं है आसान।

वर्ष :   दल

2005 : 50

2009 : 63

2014 : 65

कितने दलों के माथे बंधा जीत का सेहरा

2005 : 14

2009 : 13

2014 : 11

chat bot
आपका साथी