Jharkhand Assembly Election 2019: झारखंड ने देखे अब तक 10 CM, 3 बार राष्ट्रपति शासन; समझें यहां की ST- गैर ST राजनीति
Jharkhand Assembly Election 2019. जल-जंगल और खनिज पदार्थों से भरपूर इस राज्य में स्थापना काल से ही आदिवासी और गैर आदिवासी की राजनीति होती रही।
रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand Assembly Election 2019 - आदिवासियों के पिछड़ेपन के मुद्दे पर बिहार से अलग हुए झारखंड में पहली पूर्ण बहुमत की सरकार अपना कार्यकाल पूरा करने जा रही है। अस्तित्व में आने के बाद से ही आदिवासी यहां के केंद्र में रहे। सन 2000 में 15 नवंबर को बिरसा मुंडा के जन्मदिवस पर अलग राज्य की स्थापना हुई। जल-जंगल और खनिज पदार्थों से भरपूर इस राज्य में स्थापना काल से ही आदिवासी और गैर आदिवासी दो धुरी के बीच की राजनीति होती रही।
यही कारण रहा कि पहले मुख्यमंत्री से लेकर वर्तमान के मुख्यमंत्री से पहले तक आदिवासी चेहरे ही सीएम की कुर्सी पर विराजमान नजर आए। शायद यही एक वजह भी रही कि किसी भी दल को पूर्ण बहुमत नहीं मिला और जोड़-तोड़ की सरकार चलती रही। फलस्वरूप किसी भी मुख्यमंत्री ने या कहें कि कोई भी सरकार ने अपना कार्यकाल पूरा नहीं किया। झारखंड के पहले मुख्यमंत्री होने का गौरव प्राप्त करने वाले बाबूलाल मरांडी (वर्तमान में झाविमो सुप्रीमो) तब भाजपा के कद्दावर नेता माने जाते थे।
उसके बाद अर्जुन मुंडा, शिबू सोरेन, मधु कोड़ा और हेमंत सोरेन भी मुख्यमंत्री बने। झारखंड अलग राज्य बनने के इन 19 सालों में यहां की जनता ने तीन बार राष्ट्रपति शासन को भी देखा। वर्तमान में भाजपा के बहुमत पर सरकार चला रहे रघुवर दास पहले गैर आदिवासी मुख्यमंत्री बने और अपना कार्यकाल भी पूरा करने जा रहे हैं। आइए जानते हैं किस मुख्यमंत्री का कार्यकाल कब तक रहा।
कब-कब कौन-कौन रहा मुख्यमंत्री