Delhi BJP: मनोज तिवारी और विजय गोयल की लड़ाई में गई जयप्रकाश की कुर्सी !

Delhi Assembly Election विधानसभा चुनाव से लगभग दो माह पहले पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष जयप्रकाश को उनके पद से हटा दिया गया है।

By JP YadavEdited By: Publish:Wed, 11 Dec 2019 09:06 AM (IST) Updated:Thu, 12 Dec 2019 01:17 AM (IST)
Delhi BJP: मनोज तिवारी और विजय गोयल की लड़ाई में गई जयप्रकाश की कुर्सी !
Delhi BJP: मनोज तिवारी और विजय गोयल की लड़ाई में गई जयप्रकाश की कुर्सी !

नई दिल्ली [संतोष कुमार सिंह]। विधानसभा चुनाव से लगभग दो माह पहले पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष जयप्रकाश को उनके पद से हटा दिया गया है। उनकी जगह प्रदेश में मंत्री पद का दायित्व संभाल रहे सत्येंद्र सिंह को उपाध्यक्ष बनाया गया है। जयप्रकाश उत्तरी दिल्ली नगर निगम में स्थायी समिति के चेयरमैन भी हैं। इसी को आधार बनाकर उन्हें संगठन के दायित्व से मुक्त किया गया है। तर्क दिया जा रहा है कि पार्टी संविधान में ‘एक व्यक्ति एक पद’ का प्रावधान है जिसका पालन करते हुए यह कदम उठाया गया है लेकिन कई नेता इसके पीछे प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी व राज्यसभा सदस्य व पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री विजय गोयल के बीच वर्चस्व की लड़ाई बता रहे हैं।

प्रदेश अध्यक्ष ने सोमवार शाम को ट्वीट के जरिये संगठनात्मक फेरबदल की घोषणा की थी। उस समय प्रदेश कार्यालय में साप्ताहिक बैठक चल रही थी। उसमें इसकी चर्चा तक नहीं की गई। प्रदेश के कुछ पदाधिकारी तर्क दे रहे हैं कि स्थायी समिति का पद महत्वपूर्ण होता है, इसे ध्यान में रखकर यह बदलाव किया गया है। पहले भी कई नेताओं को निगम में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिलने पर नेताओं को संगठन के दायित्व से मुक्त किया गया है। इसे लेकर पार्टी के कई नेता सवाल उठा रहे हैं। उनका कहना है कि ‘एक व्यक्ति एक पद’ का नियम संगठन के सभी पदाधिकारियों पर लागू होना चाहिए। अभी भी कई नेता दो पदों की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं।

प्रदेश महिला मोर्चा अध्यक्ष पूनम पराशर झा उत्तरी निगम में स्थायी समिति की सदस्य भी हैं। इसी तरह से राजेश लावड़िया प्रदेश मंत्री रहते हुए उत्तरी दिल्ली नगर निगम में उपमहापौर का दायित्व संभाल चुके हैं। अभी भी वह प्रदेश में मंत्री हैं। खास बात यह है कि पूर्व उपाध्यक्ष कुलवंत सिंह बाठ के शिरोमणि अकाली दल (शिअद बादल) में जाने के लगभग डेढ वर्ष बाद भी उन्हें पद से नहीं हटाया गया है। वह शिअद बादल के साथ ही भाजपा में भी पद संभाल रहे हैं। आज तक प्रदेश नेतृत्व ने उनकी जगह किसी अन्य नेता को उपाध्यक्ष नहीं बनाया है।

जयप्रकाश को गोयल का समर्थक माना जाता है। इस वजह से उन्हें 2018 में निगम का नेता सदन नहीं बनाया गया था। कुछ दिनों से उन्हें प्रदेश उपाध्यक्ष पद से हटाने की चर्चा चल रही थी और आखिरकार उन्हें पद छोड़ना पड़ा। इससे दोनों बड़े नेताओं के बीच लड़ाई और बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। बताते हैं कि मंगलवार को कोर ग्रुप की बैठक में भी यह मुद्दा उठा। महरौली जिले में भी संगठनात्मक बदलाव हुआ है।

कार्यवाहक अध्यक्ष विकास तंवर की जगह विजय पंडित को अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई है। तंवर महामंत्री पद पर बने रहेंगे। उनके साथ पवन राठी को भी महामंत्री बनाया गया है। बताते हैं कि दक्षिणी दिल्ली के सांसद रमेश बिधूड़ी की पसंद से दोनों नियुक्ति की गई है।

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