Delhi Election 2020: विवादित बयान पर FIR के बाद कपिल मिश्रा पर 48 घंटे तक बैन

Delhi Election 2020 मॉडल टाउन से भाजपा प्रत्याशी कपिल मिश्र के खिलाफ चुनाव आयोग ने आचार संहिता के उल्लंघन को लेकर मामला दर्ज कराया है।

By JP YadavEdited By: Publish:Sat, 25 Jan 2020 11:03 AM (IST) Updated:Sat, 25 Jan 2020 03:07 PM (IST)
Delhi Election 2020: विवादित बयान पर FIR के बाद कपिल मिश्रा पर 48 घंटे तक बैन
Delhi Election 2020: विवादित बयान पर FIR के बाद कपिल मिश्रा पर 48 घंटे तक बैन

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता/एजेंसी।  Delhi Election 2020 : मॉडल टाउन से भाजपा प्रत्याशी कपिल मिश्रा की मुश्‍किल बढ़ गई है। चुनाव आयोग ने उन पर 48 घंटे का बैन लगा दिया है। कपिल मिश्रा पर चुनाव आयोग ने आचार संहिता के उल्लंघन को लेकर मामला दर्ज कराया है। उन पर आरोप है कि उन्होंने शाहीन बाग को लेकर विवादित ट्वीट किए थे। इस पर शनिवार को प्रतिक्रिया देते हुए कहा- मुझे पर जिस तरह से FIR हुई है वह एक तरह की ज्यादती है, क्योंकि दंगा करने वाले खुला घूम रहे हैं। बस जलाने वाले खुला घूम रहे हैं। भड़काऊ भाषण देने वाले खुला घूम रहे हैं। पुलिस पर पत्थर मारने वाले खुला घूम रहे हैं और हमने एक ट्वीट कर दी तो आप FIR कर रहे हैं।'

वहीं, यह भी कहा कि कांग्रेस और AAP ज़मीन पर लड़ाई नहीं लड़ पा रहे हैं इसलिए वो चुनाव आयोग में, पुलिस थानों में, कोर्ट में, कचहरी में, कागज़ों पर चुनाव लड़ना चाहते हैं... मैंने भारत के संविधान के किसी भी प्रावधान का उल्लंघन नहीं किया है। सत्य बोला है।

इसी के साथ आम आदमी पार्टी सरकार के कामकाज पर सवाल उठाते हुए कहा कि AAP ने पांच साल कोई काम नहीं किया, इसलिए ठीक चुनाव से पहले उन्होंने शाहीन बाग बना दिया और मुस्लिम वोट बैंक की राजनीति शुरू कर दी। कांग्रेस और AAP एक ही वोट बैंक के पीछे भाग रहे हैं बाकि दिल्ली भेड़-बकरी है क्या? उसे आप हांकते चले जाओगे'

कपिल मिश्र ने 23 जनवरी को किए ट्वीट में शाहीन बाग की तुलना मिनी पाकिस्तान से की थी। साथ ही लिखा था कि आठ फरवरी को दिल्ली की सड़कों पर हिंदुस्तान व पाकिस्तान के बीच मुकाबला होगा। इस पर चुनाव आयोग ने 23 जनवरी को कपिल मिश्र को नोटिस दिया था। शुक्रवार को मिश्र ने आयोग के सामने अपना पक्ष रखा, लेकिन आयोग उनके पक्ष से संतुष्ट नहीं हुआ। इसके बाद रिटर्निग अफसर (आरओ)की शिकायत के आधार पर मॉडल टाउन थाना पुलिस ने उन के खिलाफ जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 में धारा 125 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है। जाति या धर्म से संबंधित बयान देने पर तीन साल तक कैद या जुर्माना या दोनों ही सजा का प्रावधान है।

कपिल मिश्र ने कहा है कि उन्होंने जनप्रतिधिनित्व अधिनियम 1951 का उल्लंघन नहीं किया है। शाहीन बाग का प्रदर्शन चुनाव की अधिसूचना जारी होने से पूर्व से चल रहा है। उन्होंने ट्वीट में किसी किसी भाषा, धर्म, जाति या समुदाय, धार्मिक समूहों के खिलाफ कोई बात नहीं कही है। उन्हें मीडिया रिपोर्ट के आधार पर नोटिस दिया गया था, जबकि मीडिया ने जानबूझकर उनके कथन के एक पक्ष को ही दर्शाया है।

chat bot
आपका साथी