दक्षिण दिल्ली के लोगों को झटका, 12 फीसद की दर से देना होगा हाउस टैक्स

Delhi assembly Election 2020 पेश किए गए बजट में व्यावसायिक संपत्तियों की श्रेणी ए से लेकर ई तक की संपत्तियों पर संपत्ति कर की दर को 12 से 15 फीसद करने का भी प्रस्ताव है।

By JP YadavEdited By: Publish:Sat, 16 Nov 2019 10:43 AM (IST) Updated:Sat, 16 Nov 2019 10:43 AM (IST)
दक्षिण दिल्ली के लोगों को झटका, 12 फीसद की दर से देना होगा हाउस टैक्स
दक्षिण दिल्ली के लोगों को झटका, 12 फीसद की दर से देना होगा हाउस टैक्स

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दक्षिणी दिल्ली नगर निगम की खराब आर्थिक स्थिति का असर निगमायुक्त ज्ञानेश भारती द्वारा पेश किए बजट में दिखाई दिया। निगमायुक्त ने बजट पढ़ने की शुरुआत वर्तमान परिस्थिति को बयान करने वाले शेर से की। उन्होंने कहा बहुत कुछ किया है, बहुत कुछ अभी बाकी है, मजबूरी यह है कि संसाधन नाकाफी है। इसके लिए उन्होंने नए कर लगाने के साथ संपत्ति कर की दरों को बढ़ाने का प्रस्ताव दिया। हांलाकि इससे मध्यमवर्गीय संपत्ति मालिकों पर अतिरिक्त बोझ बढ़ सकता है। बजट मे रिहायशी और व्यावसायिक संपत्तियों की श्रेणी में बदलाव करने का प्रस्ताव दिया है। इसके साथ ही एक फीसद शिक्षा उपकर को लगाने और हस्तांतरण शुल्क भी एक फीसद बढ़ाने की बात कही गई है।

प्रस्ताव के अनुसार, रिहायशी संपत्तियों के लिए कर की तीन श्रेणियों को दो में करने का प्रस्ताव किया है। इसमें वर्तमान में रिहायशी संपत्तियों की श्रेणी ए और बी के साथ सी, डी और ई को जोड़ने की बात कही गई है। जिससे मध्यवर्गीय लोगों की संपत्ति पर पॉश कॉलोनियों की संपत्ति के बराबर ही कर लगेगा।

12 फीसद की दर से देना होगा संपत्तिकर

निगम फिलहाल आठ श्रेणियों की रिहायशी संपत्तियों में से तीन स्लैब में संपत्ति कर लेता है। इसमें ए और बी पहली स्लैब हैं। दूसरी स्लैब में सी,डी और ई श्रेणी की कॉलोनियां हैं। वहीं तीसरी स्लैब में एफ, जी, एच हैं। नए प्रस्ताव के तहत दो ही स्लैब रहेंगे। इसमें एक और बी के साथ सी,डी ई को जोड़ दिया जाएगा। दूसरी स्लैब एफ, जी, एच की ही रहेगी। इसका असर यह होगा कि जिन सी,डी और श्रेणी की कालोनियों में 11 फीसद की दर से संपत्ति कर लगता था। अब उन्हें ए और बी की तरह 12 फीसद की दर से संपत्ति कर देना होगा।

व्यावसायिक प्रतिष्ठानों पर पड़ेगा असर

पेश किए गए बजट में व्यावसायिक संपत्तियों की श्रेणी ए से लेकर ई तक की संपत्तियों पर संपत्ति कर की दर को 12 से 15 फीसद करने का भी प्रस्ताव है। जिससे बड़े व्यावसायिक प्रतिष्ठानों पर असर पड़ेगा। इसके साथ ही हस्तांतरण शुल्क में एक फीसद की बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव दिया गया है। इतना ही नहीं 30 जून तक एक मुश्त संपत्ति कर जमा करने पर मिलने वाली छूट को 15 से घटाकर 10 फीसद करने का प्रस्ताव किया गया है। वहीं वरिष्ठ नागरिकों, महिलाओं और दिव्यांगों को 200 वर्ग मीटर तक के प्लाट पर मिलने वाली छूट घटाकर 30 फीसद से 20 फीसद करने साथ प्लॉट की सीमा भी 100 वर्ग मीटर करने का भी प्रस्ताव है।

29 गांवों को शहरीकृत करने का प्रस्ताव

दक्षिणी दिल्ली नगर निगम ने अपने अधीन आने वाले 29 गांवों को शहरीकृत करने का प्रस्ताव स्थायी समिति में पारित कर दिया है। इसके बाद इन गांवों में शहरों की तर्ज पर विकास कार्य हो सकेंगे। प्रस्ताव को पारित करने के बाद निगम दिल्ली सरकार को अधिसूचना के लिए भेज देगा। अधिसूचना के बाद गांवों को शहरीकृत होने का दर्जा मिल जाएगा। इस प्रस्ताव के पारित करने के साथ ही निगम ने सुझाव दिया है कि जिन गांवों को शहरीकृत किया जा रहा है उनमें डेयरियों के चलने के लिए कोई रास्ता निकालना चाहिए। दरअसल, कांग्रेस पार्षद और स्थायी समिति के सदस्य वेदपाल ने मुद्दा उठाया था कि शहरीकृत घोषित होने के बाद वर्तमान में चल रहीं डेयरियों पर संकट आ जाएगा। इसलिए इसमें इनके लिए कोई प्रावधान किया जाना चाहिए। इस पर स्थायी समिति के अध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने बताया कि डेयरियों के संचालन हेतु उपाय निकालने का सुझाव केंद्र सरकार को भेज दिया है।

बजट की कुछ खास बातें वर्ष 2020-21 में 5245.63 करोड़ रुपये व्यय होने का अनुमान है। साथ ही 4704.33 करोड़ रुपये वार्षिक आय होने का अनुमान।  वेस्ट डू वंडर पार्क में शुरू होगा लेजर शो।  अंबेडकर स्टेडियम में 350 किलोवाट क्षमता का लगाया जाएगा सौर ऊर्जा संयंत्र। व्यावसायिक प्रतिष्ठानों से कचरा उठाने के लिए वसूला जाएगा यूजर चार्ज। 5 मीट्रिक टन घरेलू हरित कचरा प्रतिदिन संशोधित करने के लिए 4 बायो-मैथेनाइजेशन संयंत्रों की स्थापना।  सफाई कर्मचारियों को उन्नत कार्य हेतु प्रशिक्षण।  मृत कुत्ते के शरीर को वैज्ञानिक तरीके से निष्पादन के लिए द्वारका सेक्टर-29 में शवदाह गृह की स्थापना।  26 नए मैकेनिकल स्वीपर खरीदने के लिए प्रस्ताव केंद्र सरकार भेजा है। मैदानगढ़ी में 4.3 एकड़ जमीन पर मलबे को रिसाइकिल करने के लिए संयंत्र स्थापित होगा।

स्थानों की पहचान कर बहुमंजिला पार्किंग का निर्माण होगा

कमलजीत सहरावत (नेता सदन, दक्षिणी निगम) ने कहा कि हमने निगमायुक्त की बातों को ध्यान से सुना है। अब इन पर चर्चा करेंगे। जिसके बाद इन प्रस्तावों पर विचार किया जाएगा। हमारा मत है कि जो लोग पहले से ही कर दे रहे हैं उनसे और ज्यादा कर लेने की बजाय कर न देने वालों को इस दायरे में लाना चाहिए।

वेदपाल (कांग्रेस की ओर से स्थायी समिति के सदस्य) के मुताबिक, नए कर लगाने का कोई लाभ नहीं है। अगर, आपको अपनी आय बढ़ानी है तो उन लोगों से कर वसूल करें जो दे नहीं रहे हैं। संपत्ति कर की श्रेणियों में बदलाव करना सही नहीं है।

प्रवीण कुमार (नेता प्रतिपक्ष, दक्षिणी दिल्ली नगर निगम) का कहना है कि  हम किसी भी तरह से नए कर लगाने के समर्थन में नहीं है। अगर, निगम को आय बढ़ानी है तो भ्रष्टाचार पर लगाम लगाए। अगर भ्रष्टाचार कम जाएगा तो आय अपने आप बढ़ जाएगी।

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