केजरीवाल सरकार की स्ट्रीट लाइट योजना में लगा घोटाले का आरोप, CBI से शिकायत करेगी भाजपा

भाजपा ने केजरीवाल सरकार पर स्ट्रीट लाइट लगाने में घोटाला करने का आरोप लगाया है। भाजपा विधायक सीबीआइ से इसकी शिकायत करेंगे।

By Mangal YadavEdited By: Publish:Mon, 18 Nov 2019 04:21 PM (IST) Updated:Mon, 18 Nov 2019 04:21 PM (IST)
केजरीवाल सरकार की स्ट्रीट लाइट योजना में लगा घोटाले का आरोप, CBI से शिकायत करेगी भाजपा
केजरीवाल सरकार की स्ट्रीट लाइट योजना में लगा घोटाले का आरोप, CBI से शिकायत करेगी भाजपा

नई दिल्ली [संतोष कुमार सिंह]। दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है। भाजपा ने सोमवार को केजरीवाल सरकार पर स्ट्रीट लाइट योजना में घोटाला करने का आरोप लगाया है। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और वरिष्ठ भाजपा नेता विजेंद्र गुप्ता ने आरोप लगाया कि 2.10 लाख स्ट्रीट लाइट खरीदने में गड़बड़ी की गई है।

सीएम केजरीवाल की आलोचना करते हुए विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि दिल्ली सरकार खुद लाइट खरीदने के बजाय यह काम बीएसईएस से करवा रही है। प्राइवेट कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए ऐसा किया गया है। बाजार में सात साल की ग्रांटी व रखरखाव पर यह सुविधा उपलब्ध है। जबकि बीएसईएस से तीन साल के रखरखाव का करार है।

उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार को बताना चाहिए कि वह खुद यह काम करने के बजाय निजी कंपनी के हाथों में यह काम क्यों सौंप दी है? विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि भाजपा विधायक सीबीआइ से इसकी शिकायत करेंगे।

सितंबर में मुख्यमंत्री स्ट्रीट लाइट योजना की हुई थी घोषणा

बता दें कि इसी साल सितंबर महीने में सीएम केजरीवाल ने महिलाओं की सुरक्षा को लेकर 'मुख्यमंत्री स्ट्रीट लाइट योजना' की घोषणा की थी। सीएम ने कहा था कि इस योजना को एक नवंबर से लागू किया जाएगा। इसके तहत दिल्ली में दो लाख 10 हजार स्ट्रीट लाइटें लगाई जाएंगी। इसकी जिम्मेदारी तीनो डिस्कॉम यानी बिजली कंपनियों की होगी। 

'मुख्यमंत्री स्ट्रीट लाइट योजना' के तहत 20 या 40 वाट की एलईडी लाइटें लगाई जाएंगी। सीएम ने कहा था कि तीन से पांच साल तक रखरखाव की जिम्मेदारी लाइट लगाने वाली कंपनियों की होगी। इस योजना पर सौ करोड़ खर्च आने का अनुमान है जबकि दस करोड़ रुपये प्रति वर्ष रखरखाव के लिए खर्च होंगे।

सभी लाइटें ऑटोमेटिक होगी

मुख्यमंत्री ने बताया था कि इस योजना के तहत लाइट लगवाने की अनुमति देने का अधिकार विधायक को होगा। इसके बाद अंधेरे वाली जगह को ढूढ़ा जाएगा। इसके बाद जगह या भवन के मालिक की अनुमति ली जाएगी। बिजली कंपनी सर्वे के बाद स्ट्रीट लाइट लगाएगी। ये सभी लाइटें ऑटोमेटिक होगी। इसमें सेंसर लगा होगा। अंधेरा होने पर यह खुद से जलने लगेंगी।

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