अलका लांबा की विधानसभा सदस्यता समाप्त, कुछ दिन पहले कांग्रेस में हुई थीं शामिल
Delhi assembly Election पिछले एक साल से AAP के बागी विधायकों में शुमार अलका लांबा ने पिछले दिनों सोनिया गांधी से मुलाकात कर कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता ग्रहण कर ली थी।
नई दिल्ली, जेएनएन। Delhi assembly Election: दिल्ली की चांदनी चौक विधानसभा सीट से विधायक अलका लांबा की सदस्यता समाप्त हो गई है। दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने चांदनी चौक से विधायक अलका लांबा की सदस्यता समाप्त की है। बता दें कि सदस्यता रद होने का फैसला 6 सितंबर से लागू माना जाएगा, क्योंकि 6 सितंबर को ही अलका लांबा ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात कर कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की थी।
उस समय आम आदमी पार्टी से इस्तीफे की घोषणा करते हुए अलका लांबा ने ट्विटर पर लिखा था- 'AAP को गुड बाय कहने का समय आ गया है। पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. आम आदमी पार्टी में शामिल होने से पहले अलका लांबा कई वर्षों तक कांग्रेस से जुड़ी रहीं थीं।
पिछले एक साल से AAP के बागी विधायकों में शुमार अलका लांबा ने पिछले दिनों कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात कर कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता ग्रहण कर ली थी। इसके बाद आम आदमी पार्टी छोड़कर उनके कांग्रेस में शामिल होने को लेकर AAP विधायक साैरभ भारद्वाज ने विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल को इस बाबत लिखित में शिकायत दर्ज कराई थी। इसी शिकायत को संज्ञान में लेते हुए विधानसभा अध्यक्ष ने अलका लांबा की सदस्यता समाप्त की है।
बता दें कि आम आदमी पार्टी (AAM AADMI PARTY) छोड़कर कांग्रेस का हाथ थामने वाली चांदनी चौक से विधायक अलका लांबा (ALKA LAMBA) की सदस्यता पर बुधवार को सुनवाई हुई थी। AAP के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने लांबा की सदस्यता रद करने की याचिका विधानसभा की याचिका समिति में दी थी। इस पर विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल की ओर से विधानसभा ने अलका लांबा को नोटिस जारी कर 18 सितंबर दोपहर तीन बजे तक जवाब मांगा गया था।
कांग्रेस पार्टी की सदस्यता कर चुकी है ग्रहण
बता दें कि अलका ने आप की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफे के ऐलान के बाद कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ले ली थी। AAP ने कई दिनों तक उनके इस्तीफे का इंतजार किया है। भारद्वाज का कहना है कि चूंकि अलका ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा नहीं दिया है, इसलिए पार्टी द्वारा उन्हें अयोग्य घोषित करने के लिए याचिका दाखिल की गई थी।
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