छत्तीसगढ़ में पीएम मोदी को बुनकरों ने भेंट की कोसे की शाल और केले के छाल की जैकेट

कांसा और कोसा की नगरी के नाम से जाने जाने वाले इस शहर के बुनकरों की पूरे देश में अपनी एक अलग पहचान है।

By Sanjeev TiwariEdited By: Publish:Mon, 24 Sep 2018 10:54 AM (IST) Updated:Mon, 24 Sep 2018 10:59 AM (IST)
छत्तीसगढ़ में पीएम मोदी को बुनकरों ने भेंट की कोसे की शाल और केले के छाल की जैकेट
छत्तीसगढ़ में पीएम मोदी को बुनकरों ने भेंट की कोसे की शाल और केले के छाल की जैकेट

जांजगीर(नईदुनिया)। 22 सितंबर का दिन जांजगीर के लोगों के लिए बेहद खास था। स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार इस शहर में किसी प्रधानमंत्री के कदम पड़े थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यहां के लोगों ने अपने अंदाज में स्वागत किया। कांसा और कोसा की नगरी के नाम से जाने जाने वाले इस शहर के बुनकरों की पूरे देश में अपनी एक अलग पहचान है।

यहां बने बांसे के बर्तन और कोसे के कपड़े बेहद खास माने जाते हैं। इसके साथ ही यहां के प्रगतिशील किसानों और बुनकरों ने टैक्सटाइल के नए अनुप्रयोग भी किए हैं। यहां केले की छाल से कपड़े तैयार किए जा रहे हैं। पीएम मोदी जब यहां आए तो उनका स्वागत केले की छाल से बनी जैकेट और कोसे की साल ओढ़ाकर किया गया। हाथ से बुनी गई इस विशेष पोषाक को उपहार के रूप में पाकर प्रधानमंत्री भी काफी प्रसन्न् हुए। उन्होंने यहां के कारिगरों की इस कारीगरी की सराहना की। इसे प्रधानमंत्री ने आधुनिक छत्तीसगढ़ की सोच बताया।

अब बदल रहे गांव

इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि एक जमाना था जब गांव के लोग कच्ची सड़क निर्माण की मांग लेकर आते थे, लेकिन अब वे बदल रहे हैं। अब गांव के लोग डबल सड़क लाइन की मांग करते हैं। यही नहीं एलईडी, 24 घंटे बिजली की मांग भी बढ़ी है। गांव के जीवन में परिवर्तन आ रहा। सरकार का इरादा नेक और हमारी नीतियां स्पष्ट हैं। रायपुर, दिल्ली हो या अटल नगर सभी का विकास ही मकसद है।

किसानों को पैकेजिंग की दी सलाह

प्रधानमंत्री मोदी ने प्रदेश के युवाओं व किसानों को धान की फसल के अलावा आय बढ़ाने के लिए पैकेजिंग का आधुनिक तरीका अपनाने की सलाह दी। कहा कि पहले हरी मिर्च उगाते थे। पता चला लाल मिर्च में आय अधिक है। फिर उसका पाउडर और अब उसे स्पेशल पैक कर आय बढ़ाया जा सकता है। इसी तरह कच्चे आम से लेकर अचार की पैकेजिंग का आइडिया दिया।

उन्होंने कहा कि सरकार का इरादा नेक है, नीतियां स्पष्ट हैं, इसलिए यहां के हर युवक के दिलों में कई सपने आकार ले रहे हैं। किसान कि आय 2022 तक दोगुनी हो जाएगी। किसानों को मछली उत्पादन, शहद उत्पादन और पशुपालन सबके लिए सुविधाएं व मदद मिलेगी। किसानों के खेतों कि बुआई से लेकर बाजार में बेचने तक बीमा की सुविधा दी जा रही है।

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