छत्तीसगढ़ के आदिवासी इलाकों के बाद भाजपा का फोकस अब मैदान की सीटों पर

मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह मैदानी इलाकों की सीटों पर अटल विकास यात्रा के माध्यम से पहुंच रहे हैं।

By Arun Kumar SinghEdited By: Publish:Sun, 23 Sep 2018 09:55 PM (IST) Updated:Sun, 23 Sep 2018 10:01 PM (IST)
छत्तीसगढ़ के आदिवासी इलाकों के बाद भाजपा का फोकस अब मैदान की सीटों पर
छत्तीसगढ़ के आदिवासी इलाकों के बाद भाजपा का फोकस अब मैदान की सीटों पर

नईदुनिया, रायपुर। छत्तीसगढ़ में आदिवासी वोटरों तक दस्तक देने के बाद अब भाजपा का फोकस मैदानी इलाकों की सीट पर हो गया है। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह मैदानी इलाकों की सीटों पर अटल विकास यात्रा के माध्यम से पहुंच रहे हैं।

इसी इलाके में अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर केंद्र सरकार के आधा दर्जन मंत्रियों का अगले 15 दिन में दौरा तय हो गया है। बिलासपुर संभाग में केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी के बाद अब पीयूष गोयल आ रहे हैं। गोयल दो दिन कोरबा और बिलासपुर में रहेंगे। इससे पहले भाजपा ने आदिवासी क्षेत्र बस्तर और सरगुजा में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह का कार्यक्रम कराया था।

नाराजगी देख लगाया जोर 
भाजपा के आला नेताओं ने बताया कि रायपुर, बिलासपुर और दुर्ग संभाग की सीटों के दम पर पिछली बार सत्ता मिली थी। यहां की 61 में से 38 सीट पर भाजपा ने जीत दर्ज की थी। इस चुनाव में मैदानी इलाकों के वोटरों में खासी नाराजगी सामने आ रही है। इसमें बिलासपुर में विकास योजनाओं के अधूरा रहने की नाराजगी है, तो रायगढ़ में विधायकों के कमजोर परफार्मेस से पार्टी के सामने मुश्किलें खड़ी हैं।

मुख्यमंत्री विकास यात्रा के दौरान मैदानी इलाकों की नब्ज टटोलकर चुनाव से पहले भाजपा के पक्ष में माहौल बनाने के लिए निकले हैं। यही कारण है कि मुख्यमंत्री सौगातों की बौछार कर रहे हैं, तो केंद्रीय मंत्रियों के सहारे मोदी के चेहरे का लाभ लेने की भी कोशिश कर रहे हैं। बिलासपुर संभाग में 21 सीट है, जिसमें 11 पर कांग्रेस, 9 पर भाजपा और एक सीट बीएसपी के खाते में हैं।

ओपी के लिए सौदान ने खरसिया में डाला डेरा 
मैदानी इलाकों में भाजपा संगठन ने सबसे प्रतिष्ठा की सीट खरसिया को माना है। खरसिया में अब तक भाजपा का खाता नहीं खुला है। इस बार पार्टी ने पूर्व कलेक्टर ओपी चौधरी पर दांव लगाने का मन बना लिया है। यही कारण है कि भाजपा के सबसे बड़े रणनीतिकार राष्ट्रीय सहसंगठन महामंत्री सौदान सिंह ने खरसिया में डेरा डाल दिया है।

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