Sahebganj Election 2020: साहेबगंज सीट जातीय समीकरण हावी, मतदान करीब आते ही चुनावी मुद्दे गौण
Sahebganj Election News 2020 साहेबगंज सीट पर चार बार विधायक और मंत्री रहे रामविचार राय राजद के उम्मीदवार। इसी सीट से तीन बार विधायक रहे राजू कुमार सिंह वीआइपी की ओर से एनडीए का चेहरा। लोजपा मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने की कोशिश करेगी।
मुजफ्फरपुर [ प्रमोद कुमार ]। मुजफ्फरपुर के पश्चिमी भाग में स्थित साहेबगंज विधानसभा में सियासी गरमाहट है। राजपूत बहुल क्षेत्र में उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला विकास और मुद्दे नहीं, जाति से तय होता रहा है। चार बार के विधायक और बिहार सरकार के पूर्व कृषि मंत्री रामविचार राय महागठबंधन की ओर से राजद की लालटेन थामे हैं, जबकि एनडीए में यह सीट वीआइपी के खाते में थी। वैसे तो यहां के मैदान में 20 योद्धा हैं, लेकिन मुख्य मुकाबला रामविचार राय और तीन बार विधायक रहे वीआइपी के राजू कुमार सिंह में ही माना जा रहा। हालांकि, लोजपा ने अपने पुराने कार्यकर्ता कृष्ण कुमार सिंह को मैदान में उतारा था। उनकी उपस्थिति कितना प्रभाव डालती है, यह 10 नवंबर को ही पता चलेगा। यहां मतदान की प्रक्रिया पूरी हो गई है। यहां कुल 56.52 फीसद वोट पड़े ।
पांच साल बाद फिर वही चेहरे आमने-सामने
आजादी के बाद इस सीट पर कांग्रेस का कब्जा रहा। लेकिन, 1977 के चुनाव में सीपीएम के भाग्य नारायण राय ने जीत हासिल की। कांग्रेस को अंतिम बार 1985 में शिवशरण सिंह की जीत के रूप में मौका मिला। यहां से भाजपा को कभी जीत नहीं मिली, लेकिन 2005 व 2010 में राजग गठबंधन में शामिल जदयू उम्मीदवार के रूप में राजू कुमार सिंह ने जीत हासिल की। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में बदले समीकरण के बीच राजू ने भाजपा का दामन थाम लिया। लेकिन, 2015 के चुनाव में रामविचार राय से हार का सामना करना पड़ा। पांच साल बाद एक बार फिर वही चेहरे आमने-सामने हैं। अंतर सिर्फ इतना है कि राजू वीआइपी के टिकट पर मैदान में हैं।
मुद्दों से ज्यादा जातीय फार्मूला देखती हैं पार्टियां
संजीव सिंह का कहना है कि फतेहाबाद में गंडक नदी व ईशा छपरा घाट में बाया नदी पर पुल की मांग वर्षों पुरानी है। पेयजल व स्वास्थ्य सुविधा बड़ी समस्याएं हैं। लेकिन, ये जातीय फैक्टर के आगे गौण हैं। चुनाव आते ही जातियों के आंकड़े व उनका गुणा-भाग होने लगता है। जाहिर है इस बार भी इनकी लामबंदी ही हार-जीत का निर्णय करेगी। यहां क्रमश: राजपूत, यादव, मुस्लिम और भूमिहार मतदाताओं की संख्या ज्यादा है। वैश्य के अलावा निषाद व पिछड़ी जातियों के वोट भी निर्णायक होते रहे हैं। पाॢटयों ने प्रत्याशी देने से पहले जातीय फैक्टर का पूरा ख्याल रखा है।
रामविचार राय यादव हैं तो राजू कुमार सिंह राजपूत। लोजपा ने भूमिहार समाज से प्रत्याशी बनाया है। अब तक यही देखा गया है कि यादव व मुस्लिम वोट राजद को मिलते रहे हैं, जबकि राजपूत, वैश्य व पिछड़ी जातियोंं का समर्थन एनडीए को। मतलब साफ है, इस बार भूमिहार मतदाता निर्णायक होंगे। लोजपा इस समाज को कितना साध पाती है, देखना दिलचस्प होगा। वैसे, एनडीए व महागठबंधन भी सेंधमारी की कोशिश जरूर करेंगे।
पिछले तीन बार के चुनाव के विनर व रनर
2005
राजू कुमार सिंह (जदयू)-45473
रामविचार राय (राजद)-32874
2010
राजू कुमार सिंह (जदयू)-46562
रामविचार राय (राजद)-41619
2015
रामविचार राय (राजद)-70573
राजू कुमार सिंह (भाजपा)-59923
साहेबगंज से अब तक के विधायक, पार्टी व प्राप्त मत
1952 : ब्रजनंदन प्रसाद सिंह (कांग्रेस)-12281
1962 : नवल किशोर प्रसाद सिंह (कांग्रेस)-22778
1967 : एनके सिंह (कांग्रेस)- 30555
1969 : यदुनंदन सिंह (निर्दलीय)- 32073
1972 : शिवशरण सिंह (कांग्रेस)- 21961
1977 : भाग्य नारायण राय (सीपीएम)- 28796
1980 : नवल किशोर सिंह (कांग्रेस)-28316
1985 : शिवशरण सिंह (कांग्रेस)-36932
1990 : रामविचार राय (जनता दल)- 52599
1995 : रामविचार राय (जनता दल)- 55807
2000 : रामविचार राय (आरजेडी)- 76235
फरवरी, 2005 : राजू कुमार सिंह (लोजपा)- 45474
अक्टूबर, 2005 : राजू कुमार सिंह (जदयू)- 47591
2010 : राजू कुमार सिंह (जदयू)- 46606
2015 : रामविचार राय (राजद) -70583
मतदाता
कुल मतदाता : 315000
पुरुष : 163000
महिला : 140000
अन्य : 12
साहेबगंज सीट से विधानसभा चुनाव 2020 के मुख्य प्रत्याशी
वीआइपी : राजू कुमार सिंह
राजद : रामविचार राय
लोजपा : कृष्ण कुमार सिंह