Sahebganj Election 2020: साहेबगंज सीट जातीय समीकरण हावी, मतदान करीब आते ही चुनावी मुद्दे गौण

Sahebganj Election News 2020 साहेबगंज सीट पर चार बार विधायक और मंत्री रहे रामविचार राय राजद के उम्मीदवार। इसी सीट से तीन बार विधायक रहे राजू कुमार सिंह वीआइपी की ओर से एनडीए का चेहरा। लोजपा मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने की कोशिश करेगी।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Fri, 23 Oct 2020 12:25 PM (IST) Updated:Tue, 03 Nov 2020 06:21 PM (IST)
Sahebganj Election 2020: साहेबगंज सीट जातीय समीकरण हावी, मतदान करीब आते ही चुनावी मुद्दे गौण
रामविचार राय यादव हैं तो राजू कुमार सिंह राजपूत। लोजपा ने भूमिहार समाज से प्रत्याशी बनाया है।

मुजफ्फरपुर [ प्रमोद कुमार ]। मुजफ्फरपुर के पश्चिमी भाग में स्थित साहेबगंज विधानसभा में सियासी गरमाहट है। राजपूत बहुल क्षेत्र में उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला विकास और मुद्दे नहीं, जाति से तय होता रहा है। चार बार के विधायक और बिहार सरकार के पूर्व कृषि मंत्री रामविचार राय महागठबंधन की ओर से राजद की लालटेन थामे हैं, जबकि एनडीए में यह सीट वीआइपी के खाते में थी। वैसे तो यहां के मैदान में 20 योद्धा हैं, लेकिन मुख्य मुकाबला रामविचार राय और तीन बार विधायक रहे वीआइपी के राजू कुमार सिंह में ही माना जा रहा। हालांकि, लोजपा ने अपने पुराने कार्यकर्ता कृष्ण कुमार सिंह को मैदान में उतारा था। उनकी उपस्थिति कितना प्रभाव डालती है, यह 10 नवंबर को ही पता चलेगा। यहां मतदान की प्रक्रिया पूरी हो गई है। यहां कुल 56.52 फीसद वोट पड़े ।

पांच साल बाद फिर वही चेहरे आमने-सामने

आजादी के बाद इस सीट पर कांग्रेस का कब्जा रहा। लेकिन, 1977 के चुनाव में सीपीएम के भाग्य नारायण राय ने जीत हासिल की। कांग्रेस को अंतिम बार 1985 में शिवशरण सिंह की जीत के रूप में मौका मिला। यहां से भाजपा को कभी जीत नहीं मिली, लेकिन 2005 व 2010 में राजग गठबंधन में शामिल जदयू उम्मीदवार के रूप में राजू कुमार सिंह ने जीत हासिल की। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में बदले समीकरण के बीच राजू ने भाजपा का दामन थाम लिया। लेकिन, 2015 के चुनाव में रामविचार राय से हार का सामना करना पड़ा। पांच साल बाद एक बार फिर वही चेहरे आमने-सामने हैं। अंतर सिर्फ इतना है कि राजू वीआइपी के टिकट पर मैदान में हैं।

मुद्दों से ज्यादा जातीय फार्मूला देखती हैं पार्टियां

संजीव सिंह का कहना है कि फतेहाबाद में गंडक नदी व ईशा छपरा घाट में बाया नदी पर पुल की मांग वर्षों पुरानी है। पेयजल व स्वास्थ्य सुविधा बड़ी समस्याएं हैं। लेकिन, ये जातीय फैक्टर के आगे गौण हैं। चुनाव आते ही जातियों के आंकड़े व उनका गुणा-भाग होने लगता है। जाहिर है इस बार भी इनकी लामबंदी ही हार-जीत का निर्णय करेगी। यहां क्रमश: राजपूत, यादव, मुस्लिम और भूमिहार मतदाताओं की संख्या ज्यादा है। वैश्य के अलावा निषाद व पिछड़ी जातियों के वोट भी निर्णायक होते रहे हैं। पाॢटयों ने प्रत्याशी देने से पहले जातीय फैक्टर का पूरा ख्याल रखा है।

रामविचार राय यादव हैं तो राजू कुमार सिंह राजपूत। लोजपा ने भूमिहार समाज से प्रत्याशी बनाया है। अब तक यही देखा गया है कि यादव व मुस्लिम वोट राजद को मिलते रहे हैं, जबकि राजपूत, वैश्य व पिछड़ी जातियोंं का समर्थन एनडीए को। मतलब साफ है, इस बार भूमिहार मतदाता निर्णायक होंगे। लोजपा इस समाज को कितना साध पाती है, देखना दिलचस्प होगा। वैसे, एनडीए व महागठबंधन भी सेंधमारी की कोशिश जरूर करेंगे।

पिछले तीन बार के चुनाव के विनर व रनर

2005

राजू कुमार सिंह (जदयू)-45473

रामविचार राय (राजद)-32874

2010

राजू कुमार सिंह (जदयू)-46562

रामविचार राय (राजद)-41619

2015

रामविचार राय (राजद)-70573

राजू कुमार सिंह (भाजपा)-59923

साहेबगंज से अब तक के विधायक, पार्टी व प्राप्त मत

1952 : ब्रजनंदन प्रसाद सिंह (कांग्रेस)-12281

1962 : नवल किशोर प्रसाद सिंह (कांग्रेस)-22778

1967 : एनके सिंह (कांग्रेस)- 30555

1969 : यदुनंदन सिंह (निर्दलीय)- 32073

1972 : शिवशरण सिंह (कांग्रेस)- 21961

1977 : भाग्य नारायण राय (सीपीएम)- 28796

1980 : नवल किशोर सिंह (कांग्रेस)-28316

1985 : शिवशरण सिंह (कांग्रेस)-36932

1990 : रामविचार राय (जनता दल)- 52599

1995 : रामविचार राय (जनता दल)- 55807

2000 : रामविचार राय (आरजेडी)- 76235

फरवरी, 2005 : राजू कुमार सिंह (लोजपा)- 45474

अक्टूबर, 2005 : राजू कुमार सिंह (जदयू)- 47591

2010 : राजू कुमार सिंह (जदयू)- 46606

2015 : रामविचार राय (राजद) -70583

मतदाता

कुल मतदाता : 315000

पुरुष : 163000

महिला : 140000

अन्य : 12

साहेबगंज सीट से विधानसभा चुनाव 2020 के मुख्य प्रत्याशी

वीआइपी : राजू कुमार सिंह

राजद : रामविचार राय

लोजपा : कृष्ण कुमार सिंह

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